कहते हैं कि जिसके पास ताकत होती है और वह उसका इस्तेमाल परहित नहीं बल्कि स्वहित में करता है तो एक दिन उसकी ताकत क्षीण हो जाती है, नष्ट हो जाती है. कांग्रेस आज केंद्र में सत्ता में है. उसके पास सत्ता के जो अकूत पावर होते हैं, वह सब है. इसलिए वह इस पावर का अपने हित में खूब और बार-बार इस्तेमाल कर रही है. जो कांग्रेस का विरोध करे, कांग्रेस उसकी जन्मकुंडली निकालककर उसको ही कटघरे में खड़ा कर देती है. जो केंद्र सरकार की मुखालफत करे, केंद्र सरकार की जांच एजेंसियां उसी को चोर साबित करने पर तुल जाती हैं. रामदेव और केजरीवाल का मामला बिलकुल ताजा है.
केंद्र सरकार के संरक्षण में हो रहे करप्शन के खिलाफ जबरदस्त तरीके से आवाज उठाने वाले बाबा रामदेव और अरविंद केजरीवाल के खिलाफ केंद्रीय सरकार की कुछ जांच एजेंसियों ने नया-नया मामला ला खड़ा किया है. बाबा रामदेव को विदेशी मुद्रा उल्लंघन कानून में नाप दिया गया है तो अरविंद केजरीवाल को इनकम टैक्स चोरी में घसीट लिया गया है. पर इन दोनों के करीबियों का कहना है कि कांग्रेस से बदला ये दोनों लोग लोकसभा चुनाव में लेंगे और देश भर में कांग्रेस के प्रत्याशियों को हराने के लिए ये लोग अभियान शुरू करेंगे. यह अभियान कुछ कुछ वैसा ही होगा जैसा इन दिनों केंद्र सरकार और कांग्रेस के करप्शन के खिलाफ रामलीला मैदान में दिखा था. सूत्रों के मुताबिक बेवजह चोर-फ्राड बताए जाने से खफा बाबा रामदेव और अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस पार्टी की वाट लगाने के लिए व्यूह रचना शुरू कर दी है. सारा ध्यान अगले लोकसभा चुनावों पर केंद्रित किया गया है. कांग्रेस को हराने के लिए स्वतंत्र नई पार्टी बनाने से लेकर अंदरखाने भाजपा या अन्य मजबूत विपक्षी पार्टी के उम्मीदवारों को सपोर्ट करने के विकल्पों पर भी चर्चा चल रही है.
केजरीवाल को चुकाने होंगे 9 लाख : टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजीरवाल को केंद्र सरकार ने अपने निशाने पर ले लिया है. इनकम टैक्स ज्वाइंट कमिश्नर की सरकारी नौकरी से इस्तीफा देने के पांच साल बाद अब उनको नौ लाख रुपये का बकाया चुकाने के लिए नोटिस जारी किया गया है. यह नोटिस अन्ना हजारे के अनशन शुरू होने से पहले दिया गया था. अरविंद केजरीवाल आईआरएस अधिकारी रहे हैं. अरविंद ने 2006 में अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया था. लेकिन अब उन्हें बताया गया है कि उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया था. हालांकि केजरीवाल ने गुरुवार को सरकार के पास इसका जवाब भेज दिया है. उनका कहना है कि नौकरी छोडकर उन्होंने किसी बॉण्ड या शर्तों का उल्लंघन नहीं किया है और नोटिस भेजने का समय ही बताता है कि इसका मकसद कुछ और है. केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने 50 हजार के कंप्यूटर लोन की रकम अपने जीपीएफ से काटने के लिए विभाग को लिख दिया था, क्योंकि उनके बैंक अकाउंट में कोई पैसा नहीं था. केजरीवाल ने कहा कि अगर इसके बाद भी कोई रकम बकाया रहती है, तो विभाग के पास उसे माफ करने के अधिकार है, क्योंकि मैं नौकरी छोडने के बाद पब्लिक इंटरेस्ट में काम कर रहा हूं.
बाबा के ट्रस्टों पर फेमा के उल्लंघन का आरोप : योग गुरु बाबा रामदेव एवं उनसे जुड़ी संस्थाओं पर जहां प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मामला दर्ज कर लिया गया है वहीं, आयकर विभाग भी इनके ऊपर शिकंजा कसने की तैयारी में है. विभाग का कहना है कि उनके अधिकारी योग गुरु के खिलाफ अलग से कोई जांच शुरू नहीं कर रहे हैं, बल्कि यह रूटीन कार्रवाई का हिस्सा है. हालांकि रामदेव ने कहा है कि उन्होंने कुछ भी गलत काम नहीं किया है और जब उन्हें ईडी का नोटिस मिलेगी तो वह उचित जवाब देंगे. ईडी से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक भारतीय रिजर्व बैंक एवं कुछ अन्य जगह से मिली सूचनाओं के आधार पर रामदेव एवं उनसे जुड़े हरिद्वार के ट्रस्टों और अन्य संस्थाओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. उनका दावा है कि इससे पहले भी ईडी को योग गुरू से जुड़े ट्रस्टों में विदेशी मुद्रा के कुछ लेन-देन में विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून (फेमा) के उल्लंघन के सुराग मिले थे.
इस बार फिर से विदेशी मुद्रा के कुछ संदिग्ध लेन-देन की सूचना है इसलिए नए सिरे से मामला दायर किया गया है. योग गुरू से संबंधित हरिद्वार में कई संगठन हैं जिनमें पतंजलि योग पीठ ट्रस्ट, दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट, भारत स्वाभिमान ट्रस्ट आदि शामिल हैं. योग गुरु रामदेव ने एक बयान जारी कर अपने ऊपर लगे आरोपों का खंडन किया है. उन्होंने कहा ‘मैंने कोई गलत या अवैधानिक काम नहीं किया है. दो दशक लम्बे सार्वजनिक जीवन के दौरान मेरे बारे में जितने भी प्रश्न उठे, सबका मैंने जवाब दिया है, वह भी पुख्ता सबूतों के साथ.’ उनका कहना है कि अभी तक उन्हें ईडी की तरफ से कोई नोटिस नहीं मिला है. जैसे ही उनको नोटिस मिलेगा, वह उचित जवाब देंगे.
ईडी के सक्रिय होने के बाद आयकर विभाग के भी रामदेव के खिलाफ सक्रिय होने के संकेत हैं. केन्द्रीय वित्त मंत्रालय में राजस्व मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि विभाग के संबंधित अधिकारियों को योगगुरु और उनकी संस्थाओं से जुड़ी फाइलों पर कड़ी नजर रखने का निर्देश दिया गया है. यह पूछे जाने पर कि उनके यहां छापा भी मारा जाएगा, तो उनका कहना था यह ऐसी बातें मीडिया से शेयर नहीं की जाती. जहां तक आयकर छापे का प्रश्न है तो जहां जरूरत पड़ती है, छापा मारा जाता है. यदि इस मामले में भी आवश्यकता होगी तो अधिकारी छापा मारेंगे.
भड़ास4मीडिया के कंटेंट एडिटर अनिल सिंह की रिपोर्ट