शाहजहांपुर। युवा व्यंग्यकार गौरव त्रिपाठी को हल्द्वानी में आयोजित एक कार्यक्रम में स्व. भगवती देवी स्मृति युवा व्यंग्यश्री सम्मान से नवाजा गया। उनके साथ हास्य कवि राजकुमार भंडारी को हास्य रत्न का सम्मान दिया गया। आठ अप्रैल को हुए सम्मान समारोह में उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति डा. विनय पाठक ने दोनों को शाल ओढ़ाकर स्मृति चिह्न और प्रशस्ति पत्र प्रदान किए। सम्मान समारोह के आयोजक हास्य कवि वेद प्रकाश अंकुर ने बताया कि उनकी माता भगवती देवी की स्मृति में हर वर्ष हास्य रत्न और युवा व्यंग्यश्री सम्मान देश के किसी प्रतिष्ठित व्यंग्यकार को दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि गौरव त्रिपाठी अब तक कई मंचों पर व्यंग्य पाठ कर चुके हैं। पैकेज का पपलू व्यंग्य संग्रह से चर्चा में आए गौरव त्रिपाठी ने कई लेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में छप चुके हैं। दाग अच्छे हैं, शोक व्यक्तम समिति, कलियुग में रामलीला, संशोधित गीता, हातिमताई का पुनर्जन्म, महंगाई और मुंगेरीलाल, भूतनी के लिए प्रेत की तलाश आदि उनकी उत्कृष्ट रचनाएं हैं। फरवरी 2011 में वे हांगकांग और मकाऊ में आयोजित साहित्य सम्मेलन में भी भाग ले चुके हैं।