अन्ना हजारे के करीबी सहयोगी अरविंद केजरीवाल के बाद टीम अन्ना के एक और सदस्य पर आयकर विभाग का शिकंजा कसता लग रहा है। विभाग ने केजरीवाल को नोटिस भेज कर नौ लाख रुपये बकाया चुकाने के लिए कहा है। विभाग का यह भी कहना है कि बकाया चुकाए बिना केजरीवाल का इस्तीफा मंजूर नहीं किया जाएगा। आयकर विभाग ने केजरीवाल को सेवा शर्तों के उल्लंघन का आरोप लगाया है। वहीं टीम अन्ना के एक और सदस्य कुमार विश्वास को भी विभाग ने नोटिस जारी किया है। यह नोटिस 29 अगस्त को भेजा गया है। आयकर विभाग ने विश्वास को 15 सितंबर तक आयकर बकाया चुकाने को कहा है।
दूसरी तरफ, कांग्रेस ने मनीष तिवारी को लोकपाल बिल पर विचार कर रही संसद की स्थायी समिति में बने रहने को कहा है। पार्टी ने इस मुद्दे पर बनी स्थायी समिति में पहले शामिल रहे सभी सदस्यों को नई समिति में भी बने रहने को कहा है। मनीष ने कुछ दिनों पहले इस समिति से हटने की बात कही थी। अरविंद केजरीवाल को नोटिस मिलने पर अन्ना हजारे ने कहा है कि केजरीवाल अपना संयम न खोएं और सरकारी दबाव में नहीं आएं। अन्ना हजारे के मुताबिक सरकार केजरीवाल पर दबाव बना सकती है लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है और वह अपना काम करते रहें। केजरीवाल आज शाम एक प्रेस कांफ्रेंस कर अपनी बात रखेंगे।
बताया जा रहा है कि यह नोटिस अन्ना हजारे का अनशन शुरू होने (16 अगस्त) से महज एक सप्ताह पहले दिया गया था। केजरीवाल आयकर विभाग की दलील से सहमत नहीं हैं और नोटिस भेजे जाने के समय को लेकर भी सवाल उठाते हैं। अरविंद ने साफ किया है कि उन्होंने सेवा शर्तों का उल्लंघन नहीं किया है। केजरीवाल भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के अधिकारी थे। उन्होंने 2006 में पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन विभाग का कहना है कि उनका इस्तीफा अभी स्वीकार नहीं किया गया है। लिहाजा, वह अभी भी सरकारी सेवक हैं। उन पर सर्विस बौंड के उल्लंघन का भी आरोप लगाया जा रहा है। केजरीवाल ने अपने जवाब में कहा है, ‘मैं ने किसी सेवा शर्त का उल्लंघन नहीं किया है और अगर किया भी है तो विभाग को मेरा बकाया माफ करने का अधिकार है क्योंकि मैं जनहित में कार्य कर रहा हूं।’
केजरीवाल का कहना है कि 2000 से 2002 तक की स्टडी लीव के बाद उन्होंने नौकरी ज्वॉइन की और तीन साल से भी ज्यादा नौकरी करने के बाद इस्तीफा दिया। पर आयकर विभाग का आरोप है कि स्टडी लीव के बाद केजरीवाल काम पर नहीं लौटे। विभाग ने उनसे दो साल की सैलरी (3.50 लाख रुपए) और उस पर अब तक का ब्याज (4.16 लाख रुपए) लौटाने को कहा है। इसके अलावा केजरीवाल ने 50 हजार रुपए का कंप्यूटर लोन लिया था जिसका सूद सहित बकाया 1 लाख रुपए बताया गया है। कंप्यूटर लोन के बारे में उनका कहना है कि वह अपने बैंक स्टेटमेंट की कॉपी के साथ विभाग को बता चुके थे कि उनके पास पैसा नहीं है और इसलिए विभाग उनकी जीपीएफ रकम में से बकाया काट ले।
केजरीवाल के मुताबिक उनकी सेवा शर्तें सिर्फ यह कहती हैं कि वह स्टडी लीव के दौरान नौकरी नहीं छोड़ सकते। उन पर जुर्माना तभी लगाया जा सकता है जब वह स्टीड लीव से वापस न लौटें या लौटने से पहले ही इस्तीफा दे दें या रिटायरमेंट ले लें या फिर स्टडी कोर्स पूरा न कर सकें। वह 1 नवंबर 2000 से 31 अक्टूबर 2002 तक स्टडी लीव पर थे और 1 नवंबर 2002 को दोबारा ज्वाइन किया। 31 अक्टूबर 2005 को उन्होंने तीन साल पूरा कर लिया और इसके तीन महीने बाद फरवरी 2006 में इस्तीफा दिया। 2004 से 06 के बीच वह वेतन रहित छुट्टी पर थे।