Connect with us

Hi, what are you looking for?

Uncategorized

डा. नामवर सिंह ने साहित्‍कार अमरकांत को ज्ञानपीठ से नवाजा

इलाहाबाद : प्रख्यात साहित्यकार अमरकांत को मंगलवार को इलाहाबाद में 45वें ज्ञानपीठ पुरस्कार से नवाजा गया। इलाहाबाद में आयोजित एक भव्‍य कार्यक्रम में हिंदी के प्रख्‍यात आलोचक  डा. नामवर सिंह ने उन्‍हें ज्ञानपीठ पुरस्‍कार प्रदान किया। उल्‍लेखनीय है कि साहित्यकार श्रीलाल शुक्ल और अमरकांत को संयुक्त रूप से वर्ष 2009 के लिए 45वें ज्ञानपीठ पुरस्कार के लिए  चुना गया था। श्रीलाल शुक्‍ल को तबीयत खराब होने की वजह से अस्‍पताल में ही उत्‍तर प्रदेश के राज्‍यपाल बीएल जोशी ने ज्ञानपीठ पुरस्‍कार प्रदान किया था। बाद में उनका निधन हो गया।

<p>इलाहाबाद : प्रख्यात साहित्यकार अमरकांत को मंगलवार को इलाहाबाद में 45वें ज्ञानपीठ पुरस्कार से नवाजा गया। इलाहाबाद में आयोजित एक भव्‍य कार्यक्रम में हिंदी के प्रख्‍यात आलोचक  डा. नामवर सिंह ने उन्‍हें ज्ञानपीठ पुरस्‍कार प्रदान किया। उल्‍लेखनीय है कि साहित्यकार श्रीलाल शुक्ल और अमरकांत को संयुक्त रूप से वर्ष 2009 के लिए 45वें ज्ञानपीठ पुरस्कार के लिए  चुना गया था। श्रीलाल शुक्‍ल को तबीयत खराब होने की वजह से अस्‍पताल में ही उत्‍तर प्रदेश के राज्‍यपाल बीएल जोशी ने ज्ञानपीठ पुरस्‍कार प्रदान किया था। बाद में उनका निधन हो गया।

इलाहाबाद : प्रख्यात साहित्यकार अमरकांत को मंगलवार को इलाहाबाद में 45वें ज्ञानपीठ पुरस्कार से नवाजा गया। इलाहाबाद में आयोजित एक भव्‍य कार्यक्रम में हिंदी के प्रख्‍यात आलोचक  डा. नामवर सिंह ने उन्‍हें ज्ञानपीठ पुरस्‍कार प्रदान किया। उल्‍लेखनीय है कि साहित्यकार श्रीलाल शुक्ल और अमरकांत को संयुक्त रूप से वर्ष 2009 के लिए 45वें ज्ञानपीठ पुरस्कार के लिए  चुना गया था। श्रीलाल शुक्‍ल को तबीयत खराब होने की वजह से अस्‍पताल में ही उत्‍तर प्रदेश के राज्‍यपाल बीएल जोशी ने ज्ञानपीठ पुरस्‍कार प्रदान किया था। बाद में उनका निधन हो गया।

अब अमरकांत को ज्ञान पीठ से नवाजा गया है। इस मौके पर ज्ञानपीठ से जुड़े पदाधिकारी भी मौजूद थे। अमरकांत को यह पुरस्कार आजादी की लड़ाई पर आधारित उनके उपन्यास ”इन्हीं  हथियारों से” के लिए यह पुरस्‍कार दिया गया है। एक जुलाई 1925 को बलिया जिले में जन्मे अमरकांत के लिखे ग्रामसेविका, कटीली राह के फूल, सुखजीवी, सूखा पत्ता, आकाश पत्ता जैसे अन्य उपन्यास भी चर्चित हुए हैं। पुरस्कार के रूप में श्रीलाल शुक्‍ल व अमरकांत दोनों साहित्‍यकारों को पांच-पांच लाख रुपये प्रदान किए गए।

You May Also Like

Uncategorized

मुंबई : लापरवाही से गाड़ी चलाने के मामले में मुंबई सेशन कोर्ट ने फिल्‍म अभिनेता जॉन अब्राहम को 15 दिनों की जेल की सजा...

ये दुनिया

रामकृष्ण परमहंस को मरने के पहले गले का कैंसर हो गया। तो बड़ा कष्ट था। और बड़ा कष्ट था भोजन करने में, पानी भी...

ये दुनिया

बुद्ध ने कहा है, कि न कोई परमात्मा है, न कोई आकाश में बैठा हुआ नियंता है। तो साधक क्या करें? तो बुद्ध ने...

दुख-सुख

: बस में अश्लीलता के लाइव टेलीकास्ट को एन्जॉय कर रहे यात्रियों को यूं नसीहत दी उस पीड़ित लड़की ने : Sanjna Gupta :...

Advertisement