इलाहाबाद : प्रख्यात साहित्यकार अमरकांत को मंगलवार को इलाहाबाद में 45वें ज्ञानपीठ पुरस्कार से नवाजा गया। इलाहाबाद में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में हिंदी के प्रख्यात आलोचक डा. नामवर सिंह ने उन्हें ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किया। उल्लेखनीय है कि साहित्यकार श्रीलाल शुक्ल और अमरकांत को संयुक्त रूप से वर्ष 2009 के लिए 45वें ज्ञानपीठ पुरस्कार के लिए चुना गया था। श्रीलाल शुक्ल को तबीयत खराब होने की वजह से अस्पताल में ही उत्तर प्रदेश के राज्यपाल बीएल जोशी ने ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किया था। बाद में उनका निधन हो गया।
अब अमरकांत को ज्ञान पीठ से नवाजा गया है। इस मौके पर ज्ञानपीठ से जुड़े पदाधिकारी भी मौजूद थे। अमरकांत को यह पुरस्कार आजादी की लड़ाई पर आधारित उनके उपन्यास ”इन्हीं हथियारों से” के लिए यह पुरस्कार दिया गया है। एक जुलाई 1925 को बलिया जिले में जन्मे अमरकांत के लिखे ग्रामसेविका, कटीली राह के फूल, सुखजीवी, सूखा पत्ता, आकाश पत्ता जैसे अन्य उपन्यास भी चर्चित हुए हैं। पुरस्कार के रूप में श्रीलाल शुक्ल व अमरकांत दोनों साहित्यकारों को पांच-पांच लाख रुपये प्रदान किए गए।