राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने उत्तर प्रदेश सरकार से डिप्टी सीएमओ डॉक्टर वाईएस सचान की जिला जेल में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत की सीबीआई से जांच नहीं कराने का कारण स्पष्ट करने के लिए नोटिस भेजा है। आयोग ने राज्य सरकार को दस दिन के अंदर नोटिस का जवाब देने को कहा है। आयोग के अध्यक्ष तथा कांग्रेस के सांसद पीएल पुनिया ने बताया कि आयोग राज्य सरकार से यह जानना चाहा है कि जब डॉक्टर सचान के परिजन उनकी मौत की जांच सीबीआई से कराने की मांग लगातार कर रहे हैं, तो सरकार क्यों नहीं जांच करा रही है।
उन्होंने कहा कि सचान की मौत से जुड़े हालात इस मामले में किसी गड़बड़ी की तरफ इशारा कर रहे हैं। इसलिए मामले की गहराई से जांच होनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में अराजकता चरम पर है और राज्य की जेल और थाने तक सुरक्षित नहीं रह गए हैं। इन स्थानों पर भी दिल दहला देने वाली वारदातें हो रही हैं। उल्लेखनीय है कि बीते 2 अप्रैल को लखनऊ में समाज कल्याण विभाग के सीएमओ डा. बीपी सिंह की हत्या के आरोपी डिप्टी सीएमओ डा. सचान जेल अस्पताल के शौचालय में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाए गए थे। सरकार ने इसे प्रथम दृष्टया आत्महत्या का मामला बताया था, जबकि पीएम रिपोर्ट में डा. सचान के शरीर पर नौ स्थानों पर गहरे चोट के निशान पाए गए थे और मौत का कारण ज्यादा रक्त स्राव बताया गया था।