Connect with us

Hi, what are you looking for?

ये दुनिया

डा. सचान हत्याकांड : बेटे ने संभाला मोर्चा, यूपी सरकार पर सवालिया निशान

: संकल्प सचान बोले- तीन सीएमओ व डिप्टी सीएमओ मारे गए, फिर भी सीबीआई जांच क्यों नहीं… मेरे पिता बड़ा खुलासा करने वाले थे पर उससे पहले ही मार दिया गया उन्हें : लखनऊ से खबर है कि अपने पिता डा. वाईएस सचान की हत्या के बाद उनके पुत्र संकल्प सचान मामले की पैरवी के लिए सामने आ गए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि उनके पापा की हत्या की गई है और इसलिए की गई है क्योंकि पापा अदालत में प्रदेश सरकार से संबद्ध कुछ प्रभावशाली लोगों के नाम का खुलासा करने वाले थे. पर उनके खुलासा करने से पहले ही प्रदेश सरकार के इशारे पर जेल के अंदर पापा की हत्या करवा दी गई.

<p>: <strong>संकल्प सचान बोले- तीन सीएमओ व डिप्टी सीएमओ मारे गए, फिर भी सीबीआई जांच क्यों नहीं... मेरे पिता बड़ा खुलासा करने वाले थे पर उससे पहले ही मार दिया गया उन्हें </strong>: लखनऊ से खबर है कि अपने पिता डा. वाईएस सचान की हत्या के बाद उनके पुत्र संकल्प सचान मामले की पैरवी के लिए सामने आ गए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि उनके पापा की हत्या की गई है और इसलिए की गई है क्योंकि पापा अदालत में प्रदेश सरकार से संबद्ध कुछ प्रभावशाली लोगों के नाम का खुलासा करने वाले थे. पर उनके खुलासा करने से पहले ही प्रदेश सरकार के इशारे पर जेल के अंदर पापा की हत्या करवा दी गई.

: संकल्प सचान बोले- तीन सीएमओ व डिप्टी सीएमओ मारे गए, फिर भी सीबीआई जांच क्यों नहीं… मेरे पिता बड़ा खुलासा करने वाले थे पर उससे पहले ही मार दिया गया उन्हें : लखनऊ से खबर है कि अपने पिता डा. वाईएस सचान की हत्या के बाद उनके पुत्र संकल्प सचान मामले की पैरवी के लिए सामने आ गए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि उनके पापा की हत्या की गई है और इसलिए की गई है क्योंकि पापा अदालत में प्रदेश सरकार से संबद्ध कुछ प्रभावशाली लोगों के नाम का खुलासा करने वाले थे. पर उनके खुलासा करने से पहले ही प्रदेश सरकार के इशारे पर जेल के अंदर पापा की हत्या करवा दी गई.

मीडिया से बातचीत में संकल्प ने पूछा कि आखिर तीन सीएमओ व डिप्टी सीएमओ की हत्या के बाद भी प्रदेश सरकार इस मामले की सीबीआई जांच से क्यों कतरा रही है. संकल्प के मुताबिक दी सीएमओ के हत्या के बाद प्रदेश सरकार के कुछ प्रमुख लोगों पर उंगलियां उठ रही थीं, उन्हें बचाने के लिए मेरे पिता को फंसा कर जेल भेज दिया गया और जब देखा कि मेरे पिता असली अपराधियों के नामों का खुलासा कर देंगे, तब उनकी हत्या कर दी गई. संकल्प ने बताया कि जब मेरे पिता और पूर्व सीएमओ एके शुक्ला पर एक जैसे ही आरोप हैं, और दोनों के खिलाफ एक साथ ही एफआईआर दर्ज की गई पर मेरे पिता को जेल भेजकर हत्या करा दी गई लेकिन एके शुक्ला के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं कीक गई क्योंकि वह रसूखदारों के करीबी हैं. संकल्प के मुताबिक, वह और परिवार के लोग जब भी डॉ सचान से मिलने जेल जाते थे तो कोई न कोई बहाना बनाकर जेल प्रशासन मुलाकात नहीं होने देता था. अगर सरकार सही है और मेरे पापा गलत तो फिर क्यों सरकार सीबीआई जांच का आदेश करने से कतरा रही है?
इस बीच, डॉ वाईएस सचान की पत्नी की ओर से पुलिस को भेजी गई हत्या की तहरीर अधिकारियों तक पहुंच गई है. लेकिन उन्हें ‘ऊपर’ से हरी झंडी का इंतजार है. इशारा होने पर ही मामला दर्ज होगा. हालांकि डीआईजी डीके ठाकुर ने तहरीर की कॉपी उन तक पहुंचने से इनकार किया है. सूत्रों के मुताबिक डॉ मालती सचान की तहरीर डीआईजी दफ्तर पहुंच गई है. लेकिन रिपोर्ट दर्ज करने को लेकर पुलिस अधिकारी ‘ऊपर’ के आदेश का इंतजार कर रहे हैं. डॉ सचान के भाई डॉ आर के सचान का कहना है कि उन्होंने डाक से तहरीर भेज दी है. अगर पुलिस रिपोर्ट नहीं दर्ज करेगी तो आगे कार्रवाई की जाएगी.
डॉ. वाईएस सचान की जेल में मौत के मामले में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब की है. आयोग ने राज्य सरकार से पूछा है कि डॉ. सचान की मौत के मामले की सीबीआई जांच की संस्तुति क्यों नहीं की जा रही है? आयोग के अध्यक्ष पी.एल. पुनिया शनिवार को डॉ. सचान के आवास पर परिजनों से मुलाकात की. उधर, मुंबई में मुख्यमंत्री मायावती ने डॉ. सचान की संदिग्ध हालात में मौत के मामले में कुछ भी बोलने से इनकार किया है. मायावती ने कहा कि मामले में अभी न्यायिक जांच चल रही है, लिहाजा कुछ भी बोलना ठीक नहीं होगा. उन्होंने कहा, प्रदेश सरकार अपराधियों के खिलाफ हमेशा सख्त रही है.

पता चला है कि सीएमओ परिवार कल्याण कार्यालय में अनियमितताओं एवं गबन के आरोप में दर्ज रिपोर्ट में मुख्य आरोपी पूर्व सीएमओ डॉ. एके शुक्ला के खिलाफ कोई कार्रवाई न करने वाली पुलिस पर कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. जांच की मॉनिटरिंग कर रहे अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट इंतखाब आलम ने विवेचक सुजाउर रहीम को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए 27 जून को मामले केस डायरी तलब की है. डॉ. सचान की जेल में मौत के बाद राजभवन ने राजनीतिक दलों द्वारा दिए ज्ञापनों पर सरकार से जानकारी तलब की है. सूत्रों का कहना है कि सामान्य तौर पर राज्यपाल को जो भी डेलीगेशन ज्ञापन देता है उसे सरकार को भेज कार्रवाई करने को कहा जाता है या जानकारी मांगी जाती है. इस मामले में भी राजभवन ने शासन से प्रकरण की जानकारी मांगते हुए पूछा है कि इसमें क्या कार्रवाई हो रही है?

बेहोश करके मारा गया सचान को : डिप्टी सीएमओ डॉ वाईएस सचान को जब जगह-जगह जख्म पहुंचाए जा रहे थे तब वह होश में थे या बेहोश? उन्होंने मरने से पहले क्या खाया था और कितने घंटे पहले? आखिर उन्होंने प्रताड़ना का विरोध क्यों नहीं किया? यदि विरोध किया तो क्या उनकी हत्या करने वाले चार-पांच लोग थे? ये सब वे सवाल हैं जिन पर से पर्दा अब शायद कभी नहीं उठ पाएगा क्योंकि साजिशन डॉ. सचान के पोस्टमार्टम के बाद उनका विसरा सुरक्षित नहीं रखा गया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उनके शरीर कटने के अलावा और किसी तरह के निशान नहीं पाए गए. इसका मतलब था कि उन्हें बांधा नहीं गया था. यदि उन्हें बांध कर प्रताड़ना दी गई होती तो बांधे गए हिस्से पर भी निशान पड़े होते. यदि होश में रहते हुए उन्हें जख्म दिए गए होते तो विरोध करने के निशान शरीर पर जरूर मिलते. विसरा सुरक्षित न होने से इस सबसे जरूरी सवाल पर पड़ा पर्दा नहीं उठ पाएगा कि हत्या के समय डॉ. सचान की स्थिति क्या थी.

You May Also Like

Uncategorized

मुंबई : लापरवाही से गाड़ी चलाने के मामले में मुंबई सेशन कोर्ट ने फिल्‍म अभिनेता जॉन अब्राहम को 15 दिनों की जेल की सजा...

ये दुनिया

रामकृष्ण परमहंस को मरने के पहले गले का कैंसर हो गया। तो बड़ा कष्ट था। और बड़ा कष्ट था भोजन करने में, पानी भी...

ये दुनिया

बुद्ध ने कहा है, कि न कोई परमात्मा है, न कोई आकाश में बैठा हुआ नियंता है। तो साधक क्या करें? तो बुद्ध ने...

दुख-सुख

: बस में अश्लीलता के लाइव टेलीकास्ट को एन्जॉय कर रहे यात्रियों को यूं नसीहत दी उस पीड़ित लड़की ने : Sanjna Gupta :...

Advertisement