शाहजहांपुर पुलिस लाइंस में पांच दिन से लापता महिला आरक्षी पूनम का शव पुलिस लाइंस की खाली पड़ी बैरक नंबर दो में मिलने से सनसनी फैल गई। पुलिस इसे प्रथम दृष्टया आत्महत्या मान रही है, वहीं पीएम रिपोर्ट हत्या की तरफ इशारा कर रही है। पीएम रिपोर्ट के मुताबिक पूनम की मौत का कारण हैंगिंग है, लेकिन उसकी मौत पोस्टमार्टम होने से मात्र डेढ़ दिन पहले हुई। सबाल उठता है कि बाकी चार दिन पूनम कहां रही? अपनी पुत्री को पांच दिन से तलाश रहे माता-पिता शव मिलने की सूचना से सदमे में हैं। वहीं साथी महिला सिपाहियों के भी चेहरों पर दहशत फैली हुई है। शव मिलने के कुछ समय तक तो कुछ साथी रिक्रूट दबी जुबान में इसे हत्या बता रही थीं। पर अधिकारियों के आ जाने के बाद उन सबने चुप्पी साध ली। पांच दिन से लापता पूनम का शव मंगलवार को पुलिस लाइंस में मिलने के बाद यह प्रश्न उठता है कि पूनम ने आत्महत्या की या उस की किसी ने हत्या कर शव को खूंटी पर लटका कर आत्महत्या का रूप दे दिया?
शुक्रवार से लापता महिला थाने की सिपाही कु. पूनम की लाश आज पांचवें दिन पुलिस लाइन मे एक सूनसान बैरक में लटकी मिली। लाश दीवार में लगी एक खूंटी में दुपट्टे के सहारे लटकी थी और पैर जमीन पर टिके थे। घटनास्थल और लाश की स्थिति हत्या की ओर इशारा कर रही थी। चार दिन से बेटी की तलाश में भटकते घूम रहे परिजन लाश देखकर फूट-फूटकर रो पड़े। सूचना पाकर एसपी रमित शर्मा, एएसपी सिटी दयाराम सरोज के अलावा कई अधिकारी मौके पर पहुंच गए। शव को उतरवाकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया है। सिपाही पूनम (22) ज्योतिबाफुले नगर के थाना बछरायूं अंतर्गत ग्राम तातरपुर निवासी राजेंद्र कुमार की बेटी थी। सीतापुर से ट्रेनिंग करके आई पूनम की पहली तैनाती पुलिस लाइन स्थित महिला थाने में हुई थी। 10 फरवरी को पूनम अपनी महिला साथी सिपाही रीता को तबियत खराब होने के कारण दवा दिलाने जिला अस्पताल ले गई थी। उसी दिन से पूनम लापता थी।
पूनम के परिवार में किसी की शादी थी। पूनम को शादी में शामिल होने के लिए परिजनों ने फोन किया तो काल नहीं लगी। थाने से पता चला कि वह गायब है। जिस पर उसके मां-बाप व भाई समेत परिवार के कई लोग यहां आ गए। पहले तो आरआई सुशील कुमार और महिला थाने की इंचार्ज इंदू परिजनों को टरकाते रहे। परिजन जब एसपी से मिले तो पूनम की खोजबीन तेज हुई। उसके मोबाइल सर्विलांस पर लगाए गए। पूनम के एक मोबाइल की लोकेशन पीलीभीत क्षेत्र तो दूसरे की पुलिस लाइन क्षेत्र मिलती रही। जिसके कारण पुलिस इधर-उधर खोजबीन के साथ पुलिस लाइन में भी सर्च कर रही थी। आज दोपहर बाद एसओजी की टीम जब सर्च करती हुई बंद पड़ी बैरक की तरफ पहुंची तो बैरक का दरवाजा खुला मिला। एसओजी की टीम ने झांक कर अंदर देखा तो पूनम की लाश फांसी पर लटकी देखकर स्तब्ध रह गए।
पूनम की लाश दीवार में बनी लकड़ी की अलमारी के ऊपर लगी खूंटी से दुपट्टे के सहारे लटकी हुई थी। उसके दोनों पैर जमीन पर टिके थे। पैर से एक जूता भी उतरा हुआ था। इस घटना से हड़कंप मच गया। पड़ोस ही दूसरी बैरकों में रह रहीं ट्रेनी लड़कियां दौड़कर आ गई। खोजबीन में जुटे परिजनों को जब इसकी खबर मिली तो वह भी रोते बिलखते पहुंच गए। मां तो पछाड़े खा-खाकर गिरने लगी। एसपी रमित शर्मा के मौके पर पहुंचने के बाद शव को उतारा गया। लाश का निरीक्षण करने के बाद पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया। मृतका के जमीन पर टिके पैरों के साथ कई अन्य पहलू भी हत्या करके लाश को लटकाए जाने की ओर इशारा कर रहे हैं।
एसपी के अनुसार पासिंग आउट ट्रेनिंग के बाद ट्रेनी लड़कियों की संख्या कम रह गई। जिससे वे सब एक ही बैरक में रहने लगीं। तभी से यह बैरक खाली और बंद पड़ी थीं। जबकि वहां की कई ट्रेनी लड़कियों ने बताया कि उस बैरक की एक अलमारी में लड़कियां पूजा करती थीं। फिर पूजा करने वाली लड़कियों को लाश क्यों नजर नहीं आई। पूनम के गले में फांसी के रूप में दुपट्टे का जो फंदा पड़ा था, उसकी गांठ एक किनारे पर थी। जबकि गांठ आगे या पीछे की ओर होती। उसकी जीभ भी बाहर को लटकी नहीं थी। अधिकारियों ने उसके मोबाइल पर से फिंगर प्रिंट्स उठावाने की भी जरूरत नहीं समझी। पुलिस लाइन की लड़कियां ही नहीं, कई सिपाही भी दबी जुवान से हत्या की बात को स्वीकार रहे थे। लेकिन अपने आला अधिकारियों के डर की वजह से कुछ बोल नहीं पा रहे थे।
जेब से मिला सुसाइड नोट : पुलिस के अनुसार मृतका के कपड़ों की तलाशी लेने पर उसकी जेब से सुसाइड नोट बरामद हुआ है। कापी के पन्ने को फाड़कर लिखे गए इस सुसाइड नोट में पूनम ने लिखा है कि अब वह जीना नहीं चाहती है। मम्मी पापा मुझे माफ कर देना। पत्र में उसने अपने मंगेतर से भी माफी मांगी है। बताते हैं कि उसकी रिश्ता सीतापुर में तैनात पीएसी के सिपाही से तय था और होली के बाद उसकी शादी होनी थी। खास बात यह है कि सुसाइड नोट में उसने अपनी आत्महत्या का कारण नहीं लिखा है। जिसकी वजह से सुसाइड नोट पर पूरी तरह से भरोसा नहीं किया जा रहा है। यह भी माना जा रहा है कि उससे सुसाइड नोट जबरिया लिखवाया गया है।
सहमी हुई हैं पुलिस लाइन की लड़कियां : पूनम की लाश मिलने से पुलिस लाइन की लड़कियां सहमी हुई हैं। लगता है जैसे वह किसी से बुरी तरह डरी हुई हों। कुछ लड़कियां तो इस कदर डरी थीं कि मुंह खोलने से भी कतरा रही थीं। लड़कियां घटना को लेकर जो बातें कर रहीं थीं वह भी काफी धीरे-धीरे एकांत में जाकर कर रही थीं। काफी कुरेदने पर साथी लड़कियों ने बताया कि पूनम बहुत खुश मिजाज लड़की थी। जल्दी ही सबसे घुलमिल जाती थी। उसने कभी ऐसी बात नहीं की जिससे लगता कि वह तनाव में है या सुसाइड करने की सोच रही है। उसकी लाश देखने के बाद साथी लड़कियों की दबी जुबान से यही प्रतिक्रिया थी कि उसकी मौत आत्महत्या नहीं है। उसे आत्महत्या का रूप दिया गया है।
पीएम रिपोर्ट से उलझी गुत्थी : पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पूनम की मौत की गुत्थी और उलझ गई है। पीएम रिपोर्ट में उसकी मौत पीएम होने से मात्र डेढ़ दिन पहले बताई गई है। जबकि वह पांच दिन से लापता थी। बाकी दिनों वह कहां रही। उसकी लाश भी बैरक में उस जगह मिली, जहां किसी की नजर से बचकर जाना मुमकिन नहीं। फिर उसे तो पुलिस के साथ उसके मां-बाप भी लगातार तलाश कर रहे थे। इन हालातों में अगर पूनम बैरक में ही थी, तो इतने दिन बिना खाए पिए कैसे रही? उसी बैरक में रोज पूजा करने वाली लड़कियों को वह या उसकी लाश नजर क्यों नहीं आई। अगर वह बाहर थी, तो सैकड़ों लोगों की नजर बचाकर सुसाइड करने के लिए अंदर कैसे दाखिल हुई? इन हालातों में लगता है कि उसकी मौत का जिम्मेदार कोई व्यक्ति पुलिस लाइन में है और वह किसी रूतबे वाले पद पर है। वर्ना आम पुलिसकर्मी के लिए इस घटना को अंजाम दे पाना संभव नहीं होता।
सौरभ दीक्षित की रिपोर्ट. सौरभ शाहजहांपुर में में इलेक्ट्रानिक मीडिया से जुड़े हुए हैं.