Connect with us

Hi, what are you looking for?

Uncategorized

फेसबुक पर मिले और बना ली ‘ये रात फिर न आएगी’

कहते हैं कि ‘जहां चाह वहां राह!’ और यह बात कुछ दोस्तों पर फिट बैठती है। कुछ वर्ष, पहले चंद युवा फेसबुक फ्रेंड बने। दोस्ती गहराती चली गई। इन दोस्तों में लेखक, फिल्म निर्देशक, कोरियाग्राफर और कलाकार सभी शामिल थे। हालांकि सभी अपने-अपने क्षेत्र में लगातार बेहतर काम भी कर रहे थे, लेकिन एक कशिश थी कि कुछ ऐसा किया जाए, जो मिसाल साबित हो। इस टीम के सूत्रधार थे चर्चित फिल्म निर्देशक अकसर इलाहाबादी। कई दक्षिण भारतीय फिल्मों के हिंदी वर्सन में सहायक निर्देशक रहे, संवाद लेखन कर चुके और गीत रच चुके अकसर इलाहाबादी ने फेसबुक फ्रेंड से लगातार संवाद बनाए रखा। कुछ फिल्मों पर चर्चा हुई और आखिरकार सब इलाहाबाद में जुटे और तैयार हुई इस टीम की पहली हिंदी फिल्म ‘ये रात फिर न आएगी’। हालांकि अकसरजी पहले भी एक फिल्म का निर्माण कर चुके हैं, जिसका पोस्ट प्रोडक्शन अभी बाकी है। यह फिल्म ‘एन अमेरिकन इन इंडिया’ अगस्त में रिलीज होगी। वहीं ये रात…के प्रोड्यूसर एन अमेरिकन…के अलावा बाईस्कोप आदि कई फिल्मों और वीडियो एलबम में कोरियोग्राफी कर चुके हैं। पर यहां मामला संयुक्त प्रयासों का था।

<p>कहते हैं कि ‘जहां चाह वहां राह!’ और यह बात कुछ दोस्तों पर फिट बैठती है। कुछ वर्ष, पहले चंद युवा फेसबुक फ्रेंड बने। दोस्ती गहराती चली गई। इन दोस्तों में लेखक, फिल्म निर्देशक, कोरियाग्राफर और कलाकार सभी शामिल थे। हालांकि सभी अपने-अपने क्षेत्र में लगातार बेहतर काम भी कर रहे थे, लेकिन एक कशिश थी कि कुछ ऐसा किया जाए, जो मिसाल साबित हो। इस टीम के सूत्रधार थे चर्चित फिल्म निर्देशक अकसर इलाहाबादी। कई दक्षिण भारतीय फिल्मों के हिंदी वर्सन में सहायक निर्देशक रहे, संवाद लेखन कर चुके और गीत रच चुके अकसर इलाहाबादी ने फेसबुक फ्रेंड से लगातार संवाद बनाए रखा। कुछ फिल्मों पर चर्चा हुई और आखिरकार सब इलाहाबाद में जुटे और तैयार हुई इस टीम की पहली हिंदी फिल्म ‘ये रात फिर न आएगी’। हालांकि अकसरजी पहले भी एक फिल्म का निर्माण कर चुके हैं, जिसका पोस्ट प्रोडक्शन अभी बाकी है। यह फिल्म ‘एन अमेरिकन इन इंडिया’ अगस्त में रिलीज होगी। वहीं ये रात...के प्रोड्यूसर एन अमेरिकन...के अलावा बाईस्कोप आदि कई फिल्मों और वीडियो एलबम में कोरियोग्राफी कर चुके हैं। पर यहां मामला संयुक्त प्रयासों का था।

कहते हैं कि ‘जहां चाह वहां राह!’ और यह बात कुछ दोस्तों पर फिट बैठती है। कुछ वर्ष, पहले चंद युवा फेसबुक फ्रेंड बने। दोस्ती गहराती चली गई। इन दोस्तों में लेखक, फिल्म निर्देशक, कोरियाग्राफर और कलाकार सभी शामिल थे। हालांकि सभी अपने-अपने क्षेत्र में लगातार बेहतर काम भी कर रहे थे, लेकिन एक कशिश थी कि कुछ ऐसा किया जाए, जो मिसाल साबित हो। इस टीम के सूत्रधार थे चर्चित फिल्म निर्देशक अकसर इलाहाबादी। कई दक्षिण भारतीय फिल्मों के हिंदी वर्सन में सहायक निर्देशक रहे, संवाद लेखन कर चुके और गीत रच चुके अकसर इलाहाबादी ने फेसबुक फ्रेंड से लगातार संवाद बनाए रखा। कुछ फिल्मों पर चर्चा हुई और आखिरकार सब इलाहाबाद में जुटे और तैयार हुई इस टीम की पहली हिंदी फिल्म ‘ये रात फिर न आएगी’। हालांकि अकसरजी पहले भी एक फिल्म का निर्माण कर चुके हैं, जिसका पोस्ट प्रोडक्शन अभी बाकी है। यह फिल्म ‘एन अमेरिकन इन इंडिया’ अगस्त में रिलीज होगी। वहीं ये रात…के प्रोड्यूसर एन अमेरिकन…के अलावा बाईस्कोप आदि कई फिल्मों और वीडियो एलबम में कोरियोग्राफी कर चुके हैं। पर यहां मामला संयुक्त प्रयासों का था।

ये रात.. की शूटिंग के लिए जब सब लोग इलाहाबाद में जुटे, तब उनमें से ज्यादातर एक-दूसरे से सिर्फ फेसबुक पर ही मिले थे। इस फिल्म के गीतकार भोपाल के अमिताभ क. बुधौलिया हैं, जो लेखक के साथ पत्रकार भी हैं। वे बताते हैं- ‘यदि आप कुछ अच्छा करना चाहते हैं, तो रास्ते स्वत: खुलते जाते हैं।’ ये रात…के बाद अब इस टीम के पास कई और प्रोजेक्ट हैं। यह फिल्म मई में रिलीज होगी, इसके बाद बाकी प्रोजेक्ट पर वर्क होगा।’ इसमें एक प्रोजेक्ट भोपाल में भी शूट होगा, जिसे लिख रहे हैं अमिताभ ही लिख रहे हैं। आप इसे कह सकते हैं कि;‘दोस्ती फिल्म में बदल गई।’ फिल्म के प्रोड्यूसर कल्पेश पटेल के मुताबिक, ‘ये रात फिर न आएगी’ एक सस्पेंस/थ्रिलर फिल्म है। फिल्म में हिंदी और गुजराती सिनेमा के जाने-माने लेखक/निर्देशक जितेन पुरोहित खलनायक की भूमिका में हैं। फिल्म मई के आखिर में रिलीज होगी। उल्लेखनीय है कि अकसर इलाहाबादी की एक सब्जेक्ट मूवी ‘एन अमेरिकन इन इंडिया’ 15 अगस्त पर रिलीज होगी। यह फिल्म भारत की आम पब्लिक की सामाजिक और आर्थिक त्रासदी को दर्शाती है। यह फिल्म लगातार चर्चाओं में है।

You May Also Like

Uncategorized

मुंबई : लापरवाही से गाड़ी चलाने के मामले में मुंबई सेशन कोर्ट ने फिल्‍म अभिनेता जॉन अब्राहम को 15 दिनों की जेल की सजा...

ये दुनिया

रामकृष्ण परमहंस को मरने के पहले गले का कैंसर हो गया। तो बड़ा कष्ट था। और बड़ा कष्ट था भोजन करने में, पानी भी...

ये दुनिया

बुद्ध ने कहा है, कि न कोई परमात्मा है, न कोई आकाश में बैठा हुआ नियंता है। तो साधक क्या करें? तो बुद्ध ने...

दुख-सुख

: बस में अश्लीलता के लाइव टेलीकास्ट को एन्जॉय कर रहे यात्रियों को यूं नसीहत दी उस पीड़ित लड़की ने : Sanjna Gupta :...

Advertisement