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बालकृष्ण के खिलाफ एफआईआर, बैकफुट पर आए रामदेव ने विवादित जमीन लौटाई

बाबा रामदेव के दुर्दिन चल रहे हैं. दिल्ली के रामलीला मैदान से उन्हें क्या भगाया गया, उनकी बोलती बंद है. केंद्र सरकार आक्रामक मुद्रा में है. वह बाबा को निपटा देने में लगी है ताकि वे फिर कभी विरोध का स्वर न उठाएं. इसी कारण बाबा और उनके करीबियों पर सरकारी एजेंसियों के जरिए शिकंजा कसा जा रहा है. खबर है कि बाबा रामदेव के महत्वपूर्ण सहयोगी और सबसे करीबी आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ सीबीआई ने फर्जी पासपोर्ट मामले को खोल दिया है और इस प्रकरण में एफआईआर दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.

<p>बाबा रामदेव के दुर्दिन चल रहे हैं. दिल्ली के रामलीला मैदान से उन्हें क्या भगाया गया, उनकी बोलती बंद है. केंद्र सरकार आक्रामक मुद्रा में है. वह बाबा को निपटा देने में लगी है ताकि वे फिर कभी विरोध का स्वर न उठाएं. इसी कारण बाबा और उनके करीबियों पर सरकारी एजेंसियों के जरिए शिकंजा कसा जा रहा है. खबर है कि बाबा रामदेव के महत्वपूर्ण सहयोगी और सबसे करीबी आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ सीबीआई ने फर्जी पासपोर्ट मामले को खोल दिया है और इस प्रकरण में एफआईआर दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.

बाबा रामदेव के दुर्दिन चल रहे हैं. दिल्ली के रामलीला मैदान से उन्हें क्या भगाया गया, उनकी बोलती बंद है. केंद्र सरकार आक्रामक मुद्रा में है. वह बाबा को निपटा देने में लगी है ताकि वे फिर कभी विरोध का स्वर न उठाएं. इसी कारण बाबा और उनके करीबियों पर सरकारी एजेंसियों के जरिए शिकंजा कसा जा रहा है. खबर है कि बाबा रामदेव के महत्वपूर्ण सहयोगी और सबसे करीबी आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ सीबीआई ने फर्जी पासपोर्ट मामले को खोल दिया है और इस प्रकरण में एफआईआर दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.

हालांकि बालकृष्ण के पासपोर्ट को बाबा रामदेव पहले वैध बता चुके हैं. बालकृष्ण पर आरोप लगाया गया था कि वे मूलतः नेपाल के रहने वाले हैं और उनके पास दो-दो पासपोर्ट हैं. केस दर्ज होने की भनक मिलते ही बालकृष्ण का मोबाइल बंद हो गया है और उनकी लोकेशन पता नहीं चल रही है.

उधर, रक्षात्मक मुद्रा में आ चुके बाबा रामदेव ने हरिद्वार की अपनी विवादित (औरंगाबाद की) जमीन से योगग्राम का दावा हटा लिया है. योगग्राम की विवादित बाउंड्री वाल को पतंजलि योगपीठ ने खुद की तरफ से तोड़ दिया है. योगग्राम बनाने के लिए ग्रामसभा की 43 बीघा भूमि पर कब्जे की शिकायत पर एसडीएम सदर हरिद्वार ने जांच की थी.  तभी पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट ने जमीन एक्सचेंज की दरख्वास्त दी, जिस पर फैसला बाकी था. तब पतंजलि योगपीठ ने विवादित जमीन को खुद छोड़ने का फैसला ले लिया.

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