बीते जमाने के मशहूर बॉलीवुड अभिनेता जॉय मुखर्जी का शुक्रवार को मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया। वे 73 वर्ष के थे। उनके परिवार में पत्नी नीलम मुखर्जी और तीन बच्चे हैं। जॉय को कुछ समय पहले हालत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिसके बाद से उन्हें डॉक्टरों की गहन निगरानी में रखा गया था। जॉय को वेंटिलेटर पर भी रखा गया था परन्तु उन्हें बचाया नहीं जा सका। जॉय के प्रवक्ता आरआर पाठक ने बताया कि उनका निधन सुबह साढ़े नौ बजे हुआ। उस दौरान उनकी पत्नी भी उनके पास मौजूद थीं। अभी जॉय के अंतिम संस्कार एवं स्थान का निर्धारण नहीं किया गया है, इसकी सूचना बाद में दी जाएगी।
जॉय साठ के दशक के लोकप्रिय अभिनेता रहे। मुखर्जी ने बॉलीवुड में कदम 1960 में फिल्म ‘लव इन शिमला’ के जरिए रखा। फिर उन्होंने जौहर के साथ ‘शागिर्द’ में अभिनय कर सुर्खियां बटोरी। इसके अलावा उन्होंने ‘लव इन टोकिया’, ‘जिद्दी’, ‘फिर वही दिल लाया हूं’ और ‘एक मुसाफिर एक हसीना’, ‘पुरस्कार’, ‘इशारा’ और ‘हम हिन्दुस्तानी’ जैसी फिल्मों में काम किया। अभिनेत्री काजोल और तनीशा के मामा जॉय ने अभिनय के अलावा ‘लव इन बॉम्बे’, ‘छलिया बाबू’, ‘सांझ की बेला’ और ‘उम्मीद’ जैसी फिल्मों का निर्माण भी किया था। जॉय मुखर्जी का सम्बंध फिल्मी पृष्ठभूमि से था। उनके पिता सशाधर मुखर्जी थे और मां सती देवी महान अभिनेता अशोक कुमार की बहन थीं। सशधर मुखर्जी एवं अशोक कुमार ने फिल्मालय स्टूडियो की नींव रखी थी।