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राजनांदगांव से ‘भास्‍कर भूमि’ लांच, शहीदों के परिजन ने किया विमोचन

: शहीदों जवानों के मुफ्त पहुंचेगा अखबार : राजनांदगांव। जन सरोकारों के लिए लड़ाई लडऩे का आह्वान करते समाचार पत्र ‘भास्कर भूमि’ का विमोचन शनिवार को आंबेडकर जयंती के मौके पर हुआ। अखबार का विमोचन नक्सल हमले में शहीद जवानों के परिजनों और अतिथियों की मौजूदगी में शहीद नगर निरीक्षक स्व. विनोद ध्रुव की बेटियों तनिषा और तृषा ने किया।  इस तरह सच को सच बताने के साहस के आधार पर टिके इस नवीनतम 12 पृष्ठीय रंगीन समाचार पत्र ‘भास्कर भूमि’ शहीदों की शहादत को समर्पित हुआ। भास्कर भूमि समाचार पत्र का प्रकाशन राजनांदगांव से किया जाएगा और इसका प्रसार पूरे छत्‍तीसगढ़ में करने की तैयारी है। शहीद जवानों के परिजनों की मौजूदगी में आयोजित विमोचन समारोह में राजनीति, समाजसेवा, पत्रकारिता में दखल रखने वाले लोग भी मौजूद थे। भास्कर भूमि का विमोचन मासूम तृषा और तनिषा ने किया। इसके बाद सारे अतिथियों ने भास्कर भूमि की प्रतियों को देखा। इस मौके पर भास्कर भूमि परिवार ने घोषणा की कि शहीद जवानों के घरों में उनका अखबार आजीवन नि:शुल्क पहुंचेगा और ऐसे परिवारों में होने वाले किसी भी आयोजन की विज्ञापन के माध्यम से प्रस्तुत की जा सकने वाली अभिव्यक्ति को भास्कर भूमि नि:शुल्क अपने अखबार में स्थान देगा।

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: शहीदों जवानों के मुफ्त पहुंचेगा अखबार : राजनांदगांव। जन सरोकारों के लिए लड़ाई लडऩे का आह्वान करते समाचार पत्र ‘भास्कर भूमि’ का विमोचन शनिवार को आंबेडकर जयंती के मौके पर हुआ। अखबार का विमोचन नक्सल हमले में शहीद जवानों के परिजनों और अतिथियों की मौजूदगी में शहीद नगर निरीक्षक स्व. विनोद ध्रुव की बेटियों तनिषा और तृषा ने किया।  इस तरह सच को सच बताने के साहस के आधार पर टिके इस नवीनतम 12 पृष्ठीय रंगीन समाचार पत्र ‘भास्कर भूमि’ शहीदों की शहादत को समर्पित हुआ। भास्कर भूमि समाचार पत्र का प्रकाशन राजनांदगांव से किया जाएगा और इसका प्रसार पूरे छत्‍तीसगढ़ में करने की तैयारी है। शहीद जवानों के परिजनों की मौजूदगी में आयोजित विमोचन समारोह में राजनीति, समाजसेवा, पत्रकारिता में दखल रखने वाले लोग भी मौजूद थे। भास्कर भूमि का विमोचन मासूम तृषा और तनिषा ने किया। इसके बाद सारे अतिथियों ने भास्कर भूमि की प्रतियों को देखा। इस मौके पर भास्कर भूमि परिवार ने घोषणा की कि शहीद जवानों के घरों में उनका अखबार आजीवन नि:शुल्क पहुंचेगा और ऐसे परिवारों में होने वाले किसी भी आयोजन की विज्ञापन के माध्यम से प्रस्तुत की जा सकने वाली अभिव्यक्ति को भास्कर भूमि नि:शुल्क अपने अखबार में स्थान देगा।

विमोचन से पूर्व आयोजन में उपस्थित सांसद मधुसूदन यादव ने कहा कि आज से 122 वर्ष पूर्व 14 अप्रैल की तिथि में इसी भारत भूमि पर एक बच्‍चे का जन्म हुआ था, जो बाद में बाबा साहब डॉ. आंबेडकर के नाम से प्रसिद्ध हुआ। आज भी 14 अप्रैल है, और एक नवीनतम अखबार ‘भास्कर भूमि’ का जन्म इस संस्कारधानी नगरी में हुआ है। उन्होंने उम्मीद जाहिर की है कि निश्चित तौर पर डॉ. अंबेडकर की प्रसिद्धि की तरह यह अखबार भी ख्याति अर्जित करेगा। उन्होंने संसदीय कार्रवाई का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले दिनों वे दिल्ली प्रवास पर थे और उन्होंने संसदीय कार्रवाई में बकायदा अपनी उपस्थिति दर्ज की है। उन्होंने कहा कि संसद सत्र में हंगामे के मध्य न्यायिक व्यवस्था से संबंधित एक बिल पेश हुआ। हंगामा इतना जबर्दस्त था कि बिना चर्चा के उक्त बिल पास कर दिया गया। उन्होंने अपनी मंशा व मंतव्य जाहिर करते हुए इस बात पर खेद प्रकट किया कि उक्त बिल में एक गंभीर त्रुटि रह गई, वो यह कि आज की स्थिति में न्याय व्यवस्था पर लगभग सभी लोगों का विश्वास कायम है। इसके बावजूद व्यवस्था में कमी इसलिए खलती है कि वर्षों तक किसी मामले में सुनवाई चलती रहती है और सुनवाई समाप्त होने के बाद न्यायाधीश पर यह निर्भर करता है कि कब वे फैसला दें। फैसला सुरक्षित रख दिया जाता है। फैसला तय करने या सुनाने की मियाद आज तक व्यवस्था में तय नहीं हो पाई। यदि संसद सत्र में हंगामा  नहीं होता तो बिल के अध्ययन के पश्चात उस पर गंभीर चर्चा होती और शायद इस बात पर जोर दिया जाता कि सुनवाई के बाद फैसला देने की मियाद तय हो, लेकिन दुखद बात यह है कि इस गंभीर त्रुटि के साथ उक्त बिल बिना चर्चा के पास कर दिया गया।

सांसद श्री यादव ने यह स्पष्ट किया कि यह सब वृतांत बताने का सिर्फ एक ही मकसद है कि हंगामे की वजह से संसद में तो इस पर कोई चर्चा नहीं हो पाई किन्तु दिल्ली के एक अखबार ने इस पर अपनी रपट प्रकाशित की थी, जिसमें इन्हीं सब बातों पर चिंता व्यक्त की गई थी। कहने का तात्पर्य उन्होंने यह बताया कि मीडिया में सच को सच कहने की ताकत होनी चाहिए।  विधायिका की भूमिका आज के परिवेश में कमजोर हुई है जबकि मीडिया की भूमिका सशक्त हुई है। उन्होंने कहा कि आज 15 से 20 वर्ष के युवक स्कूल और कॉलेज की शिक्षा से विमुक्त हो रहे हैं। यह परिवार, समाज व देशहित के लिए एक गंभीर चिंतन का विषय है। उन्होंने कहा कि आज अखबारों में हेडलाइन होती है कि नक्सली घटनाओं में 76 शहीद हुए और आतंकवादी घटनाओं में बड़ी जनहानि हुई। उन्होंने यह भी कहा कि अखबारों की भूमिका सिर्फ पक्ष-विपक्ष की तारीफ या विरोध में लिखने तक सीमित नहीं होना चाहिए बल्कि आतंकी घटनाओं के अलावे अखबारों की हेडलाइन में यह भी होना चाहिए कि किशोरवय के लोग स्कूल व कॉलेज की शिक्षा न छोड़ें। उन्होंने ‘भास्कर भूमि’ से यह उम्मीद जताई है कि यह अखबार शाला व कॉलेज त्यागी विद्यार्थियों को पुन: शिक्षा की धारा में जोडऩे के लिए माहौल बनाने का काम करेगी। सांसद श्री यादव ने ‘भास्कर भूमि’ का विमोचन शहीदों के परिजनों से करवाने की सोच की सराहना करते हुए पूरे ‘भास्कर भूमि’ परिवार को अपनी शुभकामनाएं दी है।

गरिमामय इस आयोजन की शुरुआत अतिथियों के हाथों दीप प्रज्‍ज्‍वलन के साथ हुई। ‘भास्कर भूमि’ का विमोचन शहीद परिजनों क्रमश: कुमारी तनिषा व कुमारी तृषा ध्रुव के करकमलों से हुआ। इस अवसर पर शहीद विनोद ध्रुव की धर्मपत्नी श्रीमती संतोषी ध्रुव, शहीद गीता भंडारी की धर्मपत्नी श्रीमती मिथलेश भंडारी, शहीद जखरियस खलखो की धर्मपत्नि श्रीमती अनिता खलखो, शहीद लोकेश कुमार छेदैया की माता श्रीमती गंगा बाई छेदैया, शहीद निकेश यादव की माता श्रीमती निर्मलादेवी यादव, शहीद प्रकाश वर्मा की धर्मपत्नी श्रीमती केशरी वर्मा, शहीद अनिल देवांगन के पिता छन्नूलाल देवांगन विशेष रूप से उपस्थित थे। महापौर नरेश डाकलिया ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि धरती और सूरज के संबंधों को प्रतिबिबिंत करता हुआ इस अखबार का नाम ‘भास्कर भूमि’ है, जो मुझे व्यक्तिगत रूप से पसंद आया। उन्होंने उम्मीद जताई है कि यह अखबार परिवार, समाज व देश के लिए एक आईना साबित होगा।

इस अवसर पर कलेक्टर सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने अपने उद्बोधन में कहा कि शहीद परिवार के परिजनों के हाथों अखबार के इस विमोचन कार्यक्रम में उपस्थित होकर वे अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने ‘भास्कर भूमि’ को अपनी शुभकामनाएं दी। जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण के अध्यक्ष विनोद गोस्वामी ने इस अवसर पर कहा कि शहीदों की शहादत की याद में जीवन जीने वाले परिजनों के द्वारा दीप प्रज्ज्‍वलित कर ‘भास्कर भूमि’ का विमोचन अपने आप में गौरवान्वित करने वाला है। उन्होंने इस अवसर पर इस ग्रुप के लिए उद्देश्यों में सफल होने की कामना की। पूर्व महापौर श्रीमती शोभा सोनी ने इस अवसर पर अपने उद्बोधन में कहा कि जीत हमेशा सत्य की होती है। यह खुशी की बात है कि ‘भास्कर भूमि’ ने सच को सच साबित करने के आधार पर अपना उद्देश्य तय किया है। उन्होंने कामना की है कि ‘भास्कर भूमि’ अपनी बातों पर कायम रहते हुए सफलता की सीढिय़ां चढ़े।

जिले के किसान नेता अशोक चौधरी ने इस अवसर पर कहा कि आज के परिवेश में अखबार निकालना आसान नहीं है। यह एक बहुत बड़ी चुनौती के समान है। अखबार निकालना अलग बात है, किन्तु पाठकों के मध्य विश्वसनीय बनना दूसरी बात है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि ‘भास्कर भूमि’ पाठकों के मध्य अपना विश्वास कायम करेगा। उन्होंने पूरा ग्रुप को अपनी शुभकामनाएं दी है। इस अवसर पर पूर्व महापौर विजय पांडे ने कहा कि राजनांदगांव को वैसे तो अखबारों का गढ़ माना जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि उनके अनुसार राजनांदगांव से जितने अखबार निकलते हैं उतने तो छत्‍तीसगढ़ में किसी अन्य जगह से नहीं निकलते हैं। आज के परिवेश में  सच को सच स्वीकारने की बड़ी चुनौती है और इस चुनौती को ‘भास्कर भूमि’ ने स्वीकार किया है। उन्होंने सच पर कायम रहने की उम्मीद जताई है।

रायपुर से पधारे प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष व वरिष्ठ पत्रकार अनिल पुसदकर ने कहा कि नांदगांव से अखबार निकालकर पूरे छत्‍तीसगढ़ में प्रसारित करने का काम उल्टी गंगा बहाने जैसी चुनौती वाला है। उन्होंने ‘भास्कर भूमि’ परिवार के साहस की सराहना करते हुए सफलता की कामना की। उन्होंने कहा कि आज के परिवेश में ग्रामीण पत्रकारिता विलुप्तप्राय हो गई है। ग्रामीणों की अपेक्षाएं ‘भास्कर भूमि’ के माध्यम से पूरी होगी। इन्हीं कामनाओं के साथ उन्होंने शहीदों के परिजनों से अखबार का विमोचन करवाए जाने की सोच की मुक्तकंठ से सराहना की। रायपुर से पधारे युवा पत्रकार अनिल द्विवेदी ने इस अवसर पर कहा कि मीडिया को चौथा स्तंभ इसलिए नहीं कहा जाता कि उसके माध्यम से खबरें प्रकाशित व प्रसारित होती बल्कि चौथा स्तंभ होने की कानूनी मान्यता नहीं होने के बावजूद भी इसलिए कहा जाता है कि जनसरोकार से जुड़ी बातें इस माध्यम से उठाई जाती है, लोगों में जागरूकता पैदा करने में इसकी महती भूमिका होती है। दैनिक अखबार का प्रकाशन वाकई एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। इस साहस के लिए ‘भास्कर भूमि’ परिवार बधाई के पात्र हैं। उन्होंने अपने उद्बोधन में एक शेर भी पढ़ा जिसकी बानगी कुछ इस तरह थी – ‘कागज के कपड़े पहनकर यूं न इतरा, बारिश जब होगी तो मुंह किसे दिखाओगे ?’ उन्होंने ‘भास्कर भूमि’ परिवार को अपनी शुभकामनाएं दी।

रायपुर से पधारे तहलका पत्रिका से जुड़े पत्रकार राजकुमार सोनी ने कहा कि स्वर्ग कहीं और नहीं होता बल्कि अपने आसपास ही इसी धरती पर अपने कर्तव्यों और कार्यों की बदौलत  माहौल खुशनुमा बनाया जाता है और इसे ही स्वर्ग का नाम दिया जाता है। उन्होंने ‘भास्कर भूमि’ के विमोचन पर सफलता की कामना के साथ ही अपनी शुभकामनाएं पूरे ग्रुप को दी। नगर के वरिष्ठ पत्रकार चंद्रकांत ठाकुर ने कहा कि धरती और सूर्य को समाहित करने वाला अखबार ‘भास्कर भूमि’ अपने उद्देश्यों पर खरा उतरेगा। इन्हीं शुभकामनाओं के साथ उन्होंने अपनी बात समाप्त की।

सच को सच ही बताएंगे – भाटिया

नवीनतम प्रकाशित ‘भास्कर भूमि’ के प्रबंध संपादक सरदार जरनैल सिंह भाटिया ने इस अवसर पर अपने उद्बोधन में कहा कि आज से 10 वर्ष पूर्व उन्होंने अपने मित्रों व शुभ चिंतकों  के साथ चिंतन बैठकों में जो सपना देखा था, वो आज साकार होने का समय आया है। उन्होंने कहा कि अक्सर वे इस बात पर चर्चा किया करते थे कि वर्तमान परिवेश में सच को सच कहना एक तरह से पाप हो गया है। सच को सच कहने का साहस भी जुटा पाना दुष्कर कार्य है। ऐसे में क्यों न सच कहने समाचार पत्रों की भीड़ में एक ऐसा अखबार निकाला जाए जो पीडि़त, प्रताडि़त और दमित लोगों की अपनी आवाज बन सके। आज वह सपना साकार होने जा रहा है। व्यवसायिकता से परे ‘भास्कर भूमि’ का उद्देश्य स्पष्ट है और उद्देश्यों में खरा उतरने प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से सभी का सहयोग अपेक्षित है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस अखबार का उद्देश्य सच को सच बनाकर पेश करने की होगी और परिवार, समाज व देश को एक नई दिशा देने की कोशिश होगी।

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सच बोलो, सच सुनो और सच देखो – श्रीमती भाटिया

‘भास्कर भूमि’ के प्रबंध संपादक जरनैल सिंह भाटिया की माता श्रीमती जसवंत कौर भाटिया भी विमोचन समारोह में मंचस्थ थी। उन्होंने अपने आशीर्वचन में ‘जो बोले, सो निहाल’ की आवाज लगाते हुए सभी जनों से सच बोलो, सच सुनो और सच देखो की कामना की। ‘भास्कर भूमि’ की प्रगति के लिए गुरू ग्रंथ साहेब से कामना की।

सच ही परोसेंगे – श्रीवास्तव

‘भास्कर भूमि’ के संपादक अतुल श्रीवास्तव ने विमोचन अवसर पर अपने उद्बोधन में कहा कि अखबारों की भीड़ में हमारा प्रयास सच को सच के रूप में ही परोसने का होगा और इसके लिए आप सभी सुधी पाठकों के सहयोग और आशीर्वाद की जरूरत हमें होगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि पूर्व राष्ट्रपति अब्‍दुल कलाम साहब की पत्रकारिता को लेकर परिकल्पना को साकार करने की दिशा में हम अपनी ओर से कोई भी चूक नहीं करना चाहते बशर्ते आप सभी का स्नेह और आशीर्वाद मिलता रहे।

अनुकरणीय उद्घोषणा

‘भास्कर भूमि’ के प्रबंध संपादक जरनैल सिंह भाटिया व संपादक अतुल श्रीवास्तव ने संयुक्त रूप से आज विमोचन अवसर पर यह उद्घोषणा की है कि शहीदों के परिजनों के यहां अखबार हमेशा मुफ्त दिया जाएगा। इसके साथ ही इनके परिवार से संबंधित किसी भी तरह के विज्ञापनों का प्रकाशन ‘भास्कर भूमि’ मुफ्त में हर बार करेगा। आयोजन की शुरुआत में ‘भास्कर भूमि’ परिवार के सरदार जरनैल सिंह भाटिया, सरदार अजीत सिंह भाटिया, अतुल श्रीवास्तव, आशीष शर्मा, मनमोहन शर्मा, विमल हाजरा, दरवेश आनंद, बिसन अग्रवाल, रईस अहमद शकील, अरविंद ठक्कर, महेन्द्र श्रीवास्तव, डॉ. सीएस मोहबे, आशीष पांडे, कुलबीर सिंह छाबड़ा, विक्रम वाजपेई, पंकज शर्मा आदि ने अतिथियों का पुष्प गुच्‍छ व फूलों की माला से आत्मीय स्वागत किया। आयोजन का प्रभावशाली संचालन युवा उद्घोषक व प्रसिद्ध रंगकर्मी शरद श्रीवास्तव ने किया। अंत में आभार प्रदर्शन ‘भास्कर भूमि’ के सह-संपादक आशीष शर्मा ने किया।

 

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