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रामदेव ठग ही हैं, दवा के साथ खुद को भी हर जगह बेचते हैं : दिग्विजय सिंह

: अण्‍णा हजारे पूना के पागलखाने के अनुभवी हों सकते हैं : टीवी चैनल को दिये इंटरव्‍यू में दिग्विजय सिंह कई बातों से मुकरे : ओसामा जी कहने के मेरे बयान को मीडिया ने तोड़ा-मरोड़ा गया : सुषमा स्‍वराज को नचनिया नहीं कहा, मगर राजघाट की मर्यादा जरूरी : रामदेव ठग ही हैं, दवा के साथ खुद को भी हर जगह बेचते हैं : कांग्रेस के बड़बोले महासचिव और मध्‍यप्रदेश के मुख्‍यमंत्री दिग्विजय सिंह उर्फ दिग्‍गी राजा का कहना है कि अण्‍णा हजारे को पूना के पागलखाने का अनुभव होगा, मुझे नहीं है। यह बात उन्‍होंने तब कही जब उनसे पूछा गया कि अण्‍णा का मानना है कि दिग्विजय को को पागलखाने में भर्ती करा दिया जाना चाहिए।

<p>: <strong>अण्‍णा हजारे पूना के पागलखाने के अनुभवी हों सकते हैं : टीवी चैनल को दिये इंटरव्‍यू में दिग्विजय सिंह कई बातों से मुकरे : ओसामा जी कहने के मेरे बयान को मीडिया ने तोड़ा-मरोड़ा गया : सुषमा स्‍वराज को नचनिया नहीं कहा, मगर राजघाट की मर्यादा जरूरी : रामदेव ठग ही हैं, दवा के साथ खुद को भी हर जगह बेचते हैं </strong>: कांग्रेस के बड़बोले महासचिव और मध्‍यप्रदेश के मुख्‍यमंत्री दिग्विजय सिंह उर्फ दिग्‍गी राजा का कहना है कि अण्‍णा हजारे को पूना के पागलखाने का अनुभव होगा, मुझे नहीं है। यह बात उन्‍होंने तब कही जब उनसे पूछा गया कि अण्‍णा का मानना है कि दिग्विजय को को पागलखाने में भर्ती करा दिया जाना चाहिए।

: अण्‍णा हजारे पूना के पागलखाने के अनुभवी हों सकते हैं : टीवी चैनल को दिये इंटरव्‍यू में दिग्विजय सिंह कई बातों से मुकरे : ओसामा जी कहने के मेरे बयान को मीडिया ने तोड़ा-मरोड़ा गया : सुषमा स्‍वराज को नचनिया नहीं कहा, मगर राजघाट की मर्यादा जरूरी : रामदेव ठग ही हैं, दवा के साथ खुद को भी हर जगह बेचते हैं : कांग्रेस के बड़बोले महासचिव और मध्‍यप्रदेश के मुख्‍यमंत्री दिग्विजय सिंह उर्फ दिग्‍गी राजा का कहना है कि अण्‍णा हजारे को पूना के पागलखाने का अनुभव होगा, मुझे नहीं है। यह बात उन्‍होंने तब कही जब उनसे पूछा गया कि अण्‍णा का मानना है कि दिग्विजय को को पागलखाने में भर्ती करा दिया जाना चाहिए।

दिग्‍गी राजा ने ओसामा‍ बिन लादेन को ओसामा जी कहने के आरोप को कुबूल किया। बोले कि- हां कहा था मैंने ओसामा जी, मगर मीडिया ने उसे खूब तोड़ा-मरोड़ा। मीडिया ने इस पर ध्‍यान ही नहीं दिया कि आखिर मैं कहना क्‍या चाहता था। बस मेरी एक बात पकड़ ली और उछल कर बात का बतंगड़ बना दिया। दिग्‍गी राजा ने आज यह बात एक न्‍यूज चैनल इंडिया टीवी के एक विशेष कार्यक्रम आपकी अदालत में कही। उन्‍होंने रामदेव को एक बार‍ फिर ठग कहा और पूछा कि आखिर रामदेव कौन सा योग कर रहे हैं। वे हर बात कर मनमाना पैसा वसूलते हैं- अपने शिविर में लोगों को आगे बैठाने का पांच लाख, पीछे की लाइन में दो लाख। घर में जाने का पांच लाख, खाना खाने का दस लाख। यह योग है क्‍या। ऐसे में तो रामदेव ठग ही हुए ना। दिग्‍गी का कहना था कि रामदेव योग के नाम पर पैसा लूट रहे हैं। यह योग विद्या है क्‍या। दरअसल रामदेव कारोबारी है, योगी नहीं। योग का जामा पहने हुए शख्‍स अगर धंधा करे तो उसे ठग ही तो कहा जाएगा ना।
दिग्‍गी ने सवाल उछाला और पूछा कि रामदेव कौन सी दवा बेच रहे हैं, कौन सी विशेषज्ञता है उनके पास। बाल गिरना बंद हो जाएगा, दवा ले लो। उसकी हालत खराब हो गयी। दैनिक जागरण के एक मालिक की किडनी खराब हो गयी1 यह कौन सी दवा है और तरीका है। जाहिर है कि धोखेबाज हैं रामदेव। अंदर समझौता करते हैं और बाहर निकल कर जनता को धोखा देते हैं। रामदेव ने योग शिविर की अनुमति मांगी थी, अदालत के भी आदेश हैं कि वहां अनशन आंदोलन की अनुम‍ति न दी जाए। वहां धरना-प्रदर्शन की अनुमति दी ही नहीं जा सकती। शिविर नहीं लगाया। 18 करोड़ का खर्च कर पांण्‍डाल बनाया। यह गलत था। प्रशासन ने जो किया जो उनका विवेक था, सरकार की जिम्‍मेदारी नहीं। लाखों लोगों को कैसे हटाया जाता, यह प्रशासन का काम था। पुलिस कार्यवाही सही थी। हां, हमारा भी दिल दहला था वहां की घटना से। लेकिन प्रशासनिक जिम्‍मेदारी भी तो कुछ होती है कि नहीं। औरतों-बच्‍चों पर आंसूगैस छोड़ना और उनपर लाठीचार्ज करना तो प्रशासन का विवेक था और और वह सही था।
दिग्‍गी राजा बोले- हां, मैंने भट्टा पारसौल में प्रदर्शन की अनुमति नहीं ली, लेकिन वहां 144 नहीं लगी थी। ऐसे में गलत क्‍या था। वहां की हालत खराब थी, प्रदर्शन धरना जरूरी था। कई सवालों पर दिग्‍गी ने साफ इनकार किया और कहा कि यह गलत खबर है कि राहुल मोटरसायकिल से वहां भागे। मोटरसायकिल से वहां नहीं गये। हम वहां से कूद कर नहीं भागे, जैसा रामदेव भागे थे। हम औरतों के कपड़े पहनकर वहां से नहीं भागे थे।

अण्‍णा हजारे को जिद्दी बताते हुए दिग्‍गी बोले कि यह नामुमकिन है कि पांच लोगों की जिद को सवा सौ करोड़ जनता द्वारा चुनी गयी सरकार पर थोप दिया जाए। उन्‍होंने परोक्ष रूप से आरोप लगाया कि अण्‍णा हजारे विदेशी ताकतों के इशारे पर काम कर रहे हैं। इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती। सुषमा स्‍वराज को मैंने नचनिया नहीं कहा, लेकिन राजघाट पर नाच-गाने का काम कैसे जायज ठहराया जा सकता है- दिग्‍गी बोले।

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