यह इतवार भारतीय रेल के इतिहास में काले रविवार के रूप में दर्ज किया जाएगा. बारह घंटे के भीतर दो ट्रेन हादसे हुए जिसमें सैकड़ों लोगों के हताहत होने की खबर है. पहली रेल दुर्घटना कालका मेल की कानपुर-इलाहाबाद के बीच फतेहपुर के मलवा स्टेशन पर हुई जिसमें करीब पचास लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हुए. इस रेल हादसे से अभी लोग उबर भी नहीं पाए थे कि असम में एक विस्फोट के बाद गुवाहाटी पुरी एक्सप्रेस के कई डिब्बों के पटरी से उतरने की सूचना आ गई.
असम के रेल हादसे में भी सौ के करीब लोग घायल हुए हैं. माना जा रहा है कि यहां उल्फाइयों ने विस्फोट किया जिसके बाद रेल के डिब्बे पटरी से उतर गए. रेल मंत्रालय ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन, उत्तर प्रदेश सरकार और रक्षा मंत्रालय से राहत कार्य के लिए मदद मांगी है. दो ट्रेन हादसे से पूरा देश सकते में है. खासकर रेल यात्री भौचक हैं जिन्हें अब रेल में बैठने से भी डर लगने लगा है. रेलवे ने हादसों की जांच के लिए सेफ्टी कमिश्नर को निर्देश दिया है. कालका मेल की दुर्घटना के कारण रूट की कई ट्रेनें रद कर दी गई हैं.
दो रेल हादसों के बाद देश के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को बयान देना पड़ा. उन्होंने कहा है कि राहत कार्य के लिए हर संभव मदद भेजा जाएगा. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने डिब्बे पटरी से उतरने की घटना पर दु:ख जाहिर किया और रेल राज्य मंत्री व रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष को राहत, बचाव अभियानों के लिए सभी संसाधन मुहैया कराने के निर्देश दिए. प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक मनमोहन सिंह ने मलवा रेलवे स्टेशन के पास कालका मेल के डिब्बे पटरी से उतरने और कई यात्रियों की मौत की घटना पर गहरा दु:ख और स्तब्धता जाहिर की है.