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30 जून से देखिए सौ रुपये देकर सौ चैनल

नई दिल्ली। टीवी दर्शकों को जल्द ही सौ रुपये में कम से कम 100 फ्री टू एयर चैनल चुनने का मौका मिलेगा। केबल टीवी के लिए नए शुल्क नियमों के तहत इसे अनिवार्य कर दिया गया है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने सोमवार को डिजिटल केबल नेटवर्क के नए नियमों की घोषणा की है। ट्राई प्रसारण क्षेत्र का भी नियामक है। इनके मुताबिक 100 फ्री टू एयर चैनल अब अधिकतम 100 रुपए के शुल्क पर देखे जा सकेंगे। नियम 30 जून से प्रभावी होंगे। ट्राई के आदेश में कहा गया कि केबल ऑपरेटरों को बेसिक सर्विस टायर (बीएसटी) की सुविधा आवश्यक रूप से उपभोक्ताओं को देनी होगी। हालांकि बीएसटी लेने या न लेने के लिए उपभोक्ता स्वतंत्र होंगे। बीएसटी में 100 फ्री टू एयर चैनल दिखाने जरूरी होंगे। इनमें 18 चैनल अनिवार्य होंगे।

<p>नई दिल्ली। टीवी दर्शकों को जल्द ही सौ रुपये में कम से कम 100 फ्री टू एयर चैनल चुनने का मौका मिलेगा। केबल टीवी के लिए नए शुल्क नियमों के तहत इसे अनिवार्य कर दिया गया है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने सोमवार को डिजिटल केबल नेटवर्क के नए नियमों की घोषणा की है। ट्राई प्रसारण क्षेत्र का भी नियामक है। इनके मुताबिक 100 फ्री टू एयर चैनल अब अधिकतम 100 रुपए के शुल्क पर देखे जा सकेंगे। नियम 30 जून से प्रभावी होंगे। ट्राई के आदेश में कहा गया कि केबल ऑपरेटरों को बेसिक सर्विस टायर (बीएसटी) की सुविधा आवश्यक रूप से उपभोक्ताओं को देनी होगी। हालांकि बीएसटी लेने या न लेने के लिए उपभोक्ता स्वतंत्र होंगे। बीएसटी में 100 फ्री टू एयर चैनल दिखाने जरूरी होंगे। इनमें 18 चैनल अनिवार्य होंगे।

नई दिल्ली। टीवी दर्शकों को जल्द ही सौ रुपये में कम से कम 100 फ्री टू एयर चैनल चुनने का मौका मिलेगा। केबल टीवी के लिए नए शुल्क नियमों के तहत इसे अनिवार्य कर दिया गया है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने सोमवार को डिजिटल केबल नेटवर्क के नए नियमों की घोषणा की है। ट्राई प्रसारण क्षेत्र का भी नियामक है। इनके मुताबिक 100 फ्री टू एयर चैनल अब अधिकतम 100 रुपए के शुल्क पर देखे जा सकेंगे। नियम 30 जून से प्रभावी होंगे। ट्राई के आदेश में कहा गया कि केबल ऑपरेटरों को बेसिक सर्विस टायर (बीएसटी) की सुविधा आवश्यक रूप से उपभोक्ताओं को देनी होगी। हालांकि बीएसटी लेने या न लेने के लिए उपभोक्ता स्वतंत्र होंगे। बीएसटी में 100 फ्री टू एयर चैनल दिखाने जरूरी होंगे। इनमें 18 चैनल अनिवार्य होंगे।

अनिवार्य चैनलों में दूरदर्शन के चैनल और लोकसभा चैनल आदि रहेंगे। नियमों में साफ कहा गया है कि बीएसटी में अनिवार्य चैनलों के अलावा ऑपरेटरों को विभिन्न श्रेणियों से कम से कम पांच चैनल ग्राहकों को पेश करने होंगे। ये श्रेणियां- जनरल एंटरटेनमेंट (जीईसी) अंग्रेजी, जीईसी- हिंदी, जीईसी-क्षेत्रीय, म्यूजिक, न्यूज, मूवीज, स्पो‌र्ट्स, किड्स इंफोटेनमेंट और लाइफस्टाइल के होंगे। नियम यह भी कहते हैं कि ग्राहकों के पास एक अन्य विकल्प भी चुनने का मौका होगा। इसमें प्रति माह डेढ़ सौ रुपये चुका उन्हें कुछ पे चैनल की पेशकश की जाएगी। यदि चुने गए चैनलों का कुल मूल्य डेढ़ सौ रुपये से ऊपर चला जाता है, तभी वास्तविक सब्सक्रिप्शन शुल्कों का भुगतान करना होगा। 2014 तक पूरे देश में डिजिटिलाइजेशन होना है।

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