Krishna Kant : उदय प्रकाश जी ने लेखकों की हत्याओं के विरोध में अपना साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटा दिया है. यह बहुत स्वागतयोग्य कदम है. और लेखकों से भी मेरी अपील है कि वे इस हत्यारी सरकार के पुरस्कार लौटा दें. हमारे लेखकों को पुरस्कार नहीं चाहिए. सबसे पहले इस देश की जनता को बोलने की आजादी चाहिए. Uday Prakash जी हमारे प्रिय रचनाकार हैं. हजार बार सलाम उदय जी. आदरणीय Om Thanvi जी से भी अपील है कि वे अगर ठीक समझें तो विरोध स्वरूप अपना हाल में मिला पुरस्कार लौटा दें. यह दो कौड़ी के पुरस्कार बटोरने का समय नहीं है. यह सरकारों के मुंह पर तमाचा मारने का समय है.
सोशल एक्टिविस्ट कृष्ण कांत के फेसबुक वॉल से.
Shashi Bhooshan Dwivedi : उदय जी को सलाम। अब बाकी लोगों पर भी नैतिक दबाव है कि वे भी अपने अपने अकादेमी सम्मान लौटाएं। वैसे लगे हाथ उदय जी को योगी आदित्यनाथ वाला सम्मान भी लौटा देना चाहिए। कालबुर्गी के हत्यारे तो वही लोग हैं। क्या रखा है इस सबमें…ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है?
शशि भूषण द्विवेदी के फेसबुक वॉल से.
मूल पोस्ट…
प्रो. कलबुर्गी की हत्या के विरोध में उदय प्रकाश ने साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाया