मदन मोहन सोनी – आगरा
ध्वनि प्रदूषण आगरा शहर की बड़ी समस्या बनती जा रही है। दुर्भाग्य की बात तो यह है कि ध्वनि प्रदूषण की ये समस्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। शहर में ध्वनि प्रदूषण को बढ़ावा देने वाले तत्व ऐसे हैं कि माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों का भी पालन नहीं करते हैं।
आगरा सदर भट्टी चौराहे पर ढेर सारे लाउडस्पीकर लगाकर निरंतर आम जनता को परेशान किया जा रहा है। इलाहाबाद हाई कोर्ट का साफ तौर पर निर्देश है कि तेज आवाज में स्पीकर बजाकर ध्वनि प्रदूषण नहीं फैलाया जा सकता। जिस शहर में ध्वनि प्रदूषण बेहद खतरनाक स्तर तक पहुंचा हुआ है, वहां पर माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों का पालन क्यों नहीं रहा ? ये एक बड़ा सवाल बन गया है।
मालूम हो कि आगरा शहर के सदर भट्टी चौराहे पर सड़क के बराबर स्टेज बनाकर न सिर्फ ध्वनि प्रदूषण फैलाया जा रहा है बल्कि यातायात व्यवस्था को भी बाधित किया जा रहा है। इस कुव्यवस्था की वजह से कई बार इतना लंबा जाम लग रहा है कि घंटों तक एंबुलेंस भी फंस जा रही है।
ऐसे में अब सवाल उठने लगना है कि इस तरह से सड़क पर स्टेज और लाउडस्पीकर लगाने की अनुमति किसने दी ? ये इलाका मंटोला थाने के अंतर्गत आता है तो क्या ये अनुमति स्थानीय थाने ने दी है ? अगर थाने ने अनुमति नहीं दी तो इन आयोजकों पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है ! सवाल ये भी उठ रहा है कि क्या थाने की मिलीभगत से सड़क जाम और ध्वनि प्रदूषण की इस घटना को अंजाम दिया जा रहा है !
पिछले साल यानी वर्ष 2022 के अक्टूबर के महीने में आगरा शहर में ध्वनि प्रदूषण कई इलाकों में 71.05 डेसीबल तक पहुंच गया था। आपको बता दें कि कोई भी प्रदूषण शरीर के लिए घातक होता है। वायु प्रदूषण के बाद अगर कोई प्रदूषण शरीर के लिए घातक होता है तो वह ध्वनि प्रदूषण होता है। ध्वनि प्रदूषण से हाइपरटेंशन, बहरापन और हार्ट अटैक जैसे खतरे भी हो सकते हैं।