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पश्चिम बंगाल सीएम ने नेताजी पर 1938 से 1947 की कैबिनेट फाइलें भी की सार्वजनिक

पश्चिम बंगाल: पश्चिम बंगाल सरकार ने इस महीने की शुरुआत में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस से जुड़ी 64 फाइलें सार्वजनिक करने के बाद नेताजी और उनसे जुड़े मामलों के वर्ष 1938-1947 के बीच के कैबिनेट के दस्तोवज भी सार्वजनिक कर दिए हैं। राज्य सचिवालय में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार नेताजी पर कैबिनेट दस्तावेजों को सार्वजनिक करके आजाद भारत के इतिहास में कुछ अनोखा काम करने जा रही है। ऐसा पहले कभी नहीं किया गया। ऐसा करते हुए सरकार ने कानूनों और नियमों को ध्यान में रखा है।

<p><strong><img src="images/0abc/mamta.banerjee.jpg" alt="" /></strong></p> <p><strong>पश्चिम बंगाल:</strong> पश्चिम बंगाल सरकार ने इस महीने की शुरुआत में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस से जुड़ी 64 फाइलें सार्वजनिक करने के बाद नेताजी और उनसे जुड़े मामलों के वर्ष 1938-1947 के बीच के कैबिनेट के दस्तोवज भी सार्वजनिक कर दिए हैं। राज्य सचिवालय में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार नेताजी पर कैबिनेट दस्तावेजों को सार्वजनिक करके आजाद भारत के इतिहास में कुछ अनोखा काम करने जा रही है। ऐसा पहले कभी नहीं किया गया। ऐसा करते हुए सरकार ने कानूनों और नियमों को ध्यान में रखा है।</p>

पश्चिम बंगाल: पश्चिम बंगाल सरकार ने इस महीने की शुरुआत में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस से जुड़ी 64 फाइलें सार्वजनिक करने के बाद नेताजी और उनसे जुड़े मामलों के वर्ष 1938-1947 के बीच के कैबिनेट के दस्तोवज भी सार्वजनिक कर दिए हैं। राज्य सचिवालय में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार नेताजी पर कैबिनेट दस्तावेजों को सार्वजनिक करके आजाद भारत के इतिहास में कुछ अनोखा काम करने जा रही है। ऐसा पहले कभी नहीं किया गया। ऐसा करते हुए सरकार ने कानूनों और नियमों को ध्यान में रखा है।

               मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, ‘ आजादी से पहले के भारत में यह दस साल की अवधि बेहद महत्वपूर्ण है, जिस दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दे दर्ज किए गए और कई महत्वपूर्ण कैबिनेट फैसले लिए गए। यह दस्तावेज आजादी-पूर्व भारत के लिए गोपनीय रहे होंगे, लेकिन वर्तमान में इन्हें सार्वजनिक करने की जरूरत है। इसलिए हमने उन्हें सार्वजनिक किया।’ ममता ने उस दौरान हुई कैबिनेट की 401 बैठकों के दस्तावेजों की सूचनाओं वाली एक सीडी भी जारी की। इस अवधि में ‘भारत छोड़ आंदोलन’, बंगाल का अकाल और बंगाल विभाजन जैसी घटनाएं हुई थीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये दस्तावेज राज्य अभिलेखागार, राज्य सूचना केंद्र और राज्य केंद्रीय पुस्तकालय में जनता, अनुसंधानकर्ताओं, इतिहास लेखकों और छात्रों के लिए उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा कि इन फाइलों के डिजिटलीकरण का काम 2013 में शुरू हुआ। फिलहाल 1947 के बाद 10 सालों के कैबिनेट दस्तावेजों के डिजिटलीकरण का काम चल रहा है।

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