: लंदन में दाऊद से मिल चुके जेठमलानी बोले- वह भारत लौटने की इच्छा रखता है : दाऊद इब्राहिम के सबसे खास गुर्गे छोटा शकील ने नरेंद्र मोदी सरकार को खुल कर चुनौती दे दी है. छोटा शकील ने कहा है कि दाऊद इब्राहिम कोई हलवा या बकरी का बच्चा नहीं है जो उसे गटक लोगे या पकड़ लोगे. उधर, चर्चित वकील राम जेठमलानी का कहना है कि वह लंदन में माफिया दाऊद इब्राहिम से मिले थे. दाऊद ने कहा कि वह भारत लौटना चाहता है. एक समाचार एजेंसी से बातचीत में जेठमलानी ने कहा कि दाऊद ने भारतीय अधिकारियों के समक्ष समर्पण करने की पेशकश की थी लेकिन महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री शरद पवार ने उसकी यह पेशकश ठुकरा दी थी. जेठमलानी ने कहा कि दाऊद के प्रस्ताव को ना कहने का फैसला केवल पवार का नहीं थी बल्कि उस समय की केंद्र सरकार भी दाऊद की इस पेशकश पर राजी नहीं थी.
जेठमलानी ने कहा कि दाऊद भारत आने के लिए तैयार था और वह चाहता था कि मामले की सुनवाई के दौरान उसे नजरबंद रखा जाए. उसे आशंका थी कि जेल में उस पर हमला हो सकता है. दाऊद ने बताया था कि वह 1993 के सिलसिलेवार मुम्बई बम धमाकों में शामिल नहीं है. वह चाहता था कि भारत आने पर पूछताछ के दौरान उस पर थर्ड डिग्री का इस्तेमाल न किया जाए. जेठमलानी का यह बयान छोटा शकील के उस दावे के बाद आया है जिसमें शकील ने कहा है कि मुम्बई बम धमाकों के बाद दाऊद भारत लौटना चाहता था और इस बारे में उसने लंदन में राम जेठमलानी से बात की थी.
कराची से एक अखबार से फोन पर बातचीत में शकील ने दावा किया कि मुम्बई बम धमाकों के बाद दाऊद इब्राहिम ने भारत लौटने की इच्छा जताई थी और इस बारे में लंदन में वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी से बात भी की थी लेकिन भारत सरकार ने उसकी वापसी से इंकार कर दिया. शकील ने दाऊद को पकड़ कर भारत लाने के सरकार के दावों पर निशाना साधते हुए कहा, ‘हर बार जब कभी नई सरकार आती है, उनका पहला बयान हमारे बारे में होता है, उसको लेके आएंगे…घुस के लाएंगे…क्या हलवा है? बकरी का बच्चा समझ कर रखा है क्या? लाना है तो उसको (राजन) लाओ ना.’
ज्ञात हो कि नरेंद्र मोदी सरकार ने लागातार कहा है कि दाऊद पाकिस्तान में है और दाऊद को वापस लाने के लिए भारत प्रतिबद्ध है. दाऊद के सबसे करीबी गुर्गे छोटा शकील ने केंद्र सरकार को सीधे चुनौती देते हुए कहा है कि दाऊद इब्राहिम कोई बकरी का बच्चा नहीं है जिसे आसानी से पकड़ कर भारत सरकार वापस ले आएगी. छोटा शकील ने कहा है- ‘जब भी कोई नई सरकार आती है वो पहला बयान हम लोगों को ही लेकर देती है. उसको लेकर आएंगे, घुस के लेकर आएंगे, क्या हलवा है? बकरी का बच्चा समझ के रखा है क्या?’ दाऊद इब्राहिम के बाद डी-कंपनी में नंबर दो छोटा शकील अब भारत लौटना नहीं चाहता. शकील के अनुसार, 1993 के मुंबई बम ब्लास्ट के बाद देश वापस लौटने की उनकी पेशकश को भारत सरकार ने ठुकरा दिया था और अब वे खुद भारत लौटने से हिचक रहे हैं. छोटा शकील ने एक अखबार को बताया- ‘जब हम 1993 के बाद वापस लौटना चाहते थे तो तुम लोगों ने, तुम्हारी सरकार ने इसकी इजाजत नहीं दी. भाई ने उस वक्त खुद राम जेठमलानी से बात की थी, वह भी लंदन में… बात हो गई थी… लेकिन तुम्हारी मिनिस्ट्री… और आडवाणी ने खेल कर दिया.’
छोटा शकील 16 सितंबर को दाऊद की हत्या की कोशिश से जुड़े सवाल पर भड़क जाता है. पिछले साल इस तारीख को शकील की बेटी जोया की शादी कराची में थी और दाऊद इसमें शरीक होने वाला था. सूत्रों के हवाले से यह जानकारी मिली कि दाऊद की हत्या में दिलचस्पी रखने वाले लोगों ने इस भगोड़े डॉन के सुरक्षा घेरे को तोड़ने के करीब पहुंच गए थे. शकील नाराज लहजे में कहता है, ‘आपको यह सब किसने बताया? मुझे इसके बारे में जानकारी नहीं है। सवाल वह करो, जिसका जवाब मैं दूं आपको। वह ना पूछे जिसका जवाब नहीं दूं। आज तक जितनी भी ऐसी इन्फॉर्मेशन आई है.. एजेंसियां जानती हैं, ख्याली पुलाव है, सपने देखते हैं। इनका सपना कभी पूरा नहीं होगा।’ शकील ने भारतीय एजेंसियों पर गैंग्स के बीच भेद-भाव करने का आरोप लगाते हुए पूछा कि क्यों सरकार ने कभी छोटा राजन को वापस लाने की बात नहीं की. वह पूछता है, ‘जब एजेंसियां राजन के खिलाफ हमारी साजिश का पता लगा लेती हैं और जानती हैं कि वह कहां है तो वे उसे क्यों नहीं पकड़तीं? क्या उसने लोगों को नहीं मारा है? क्या वह अपराधी नहीं है? लाना है तो उसको लाओ ना.’ शकील ने इस बात का भी मजाक उड़ाया कि भारतीय एजेंसियां बार-बार दाऊद को वापस लाकर कानून के कटघरे में लाने का दावा करती हैं. उसने कहा, ‘जब भी कोई नई सरकार आती है, वह हमारे बारे में बयान देती है. उसको ले आएंगे, घुस के ले आएंगे… क्या हलवा है? बकरी का बच्चा समझा के रखा है? लाना है तो राजन को लाओ ना?’
शकील ने इस बात की पुष्टि की राजन गुट के एक बागी से मिली जानकारी के आधार पर ऑस्ट्रेलिया के न्यूकैसल में उसे मारने के करीब पहुंच गया था. शकील ने बताया, ‘वह चूहे की तरह भाग गया.’ छोटा शकील का दावा है कि राजन गैंग के तीन लोगों ने अपनी वफादारियां बदली हैं क्योंकि उन्हें यह एहसास हो गया था कि वहां उनका ख्याल नहीं रखा जाएगा. शकील कहता है, ‘मैंने डी-कंपनी के लोगों के हाथों मारे गए राजन गैंग के लोगों के परिवारों का भी ख्याल रखा है.’ शकील का कहना है कि उसने पिछले 5-6 सालों में मुंबई में किसी को नहीं मारा है. वह कहता है, ‘मैं बेगुनाहों को मारना नहीं चाहता. राजन ने UP से शूटर लाकर हमारे नाम पर लोगों की हत्या की. मैं अपना बिजनेस जारी रखना चाहता हूं. मैं पैसे लगाकर उसे वापस पाना चाहता हूं.’ राजन के ‘हिंदू डॉन’ वाली इमेज पर शकील ने तल्ख लहजे में कहा, ‘यह मीडिया का काम है. उसे आर्मी में ले लीजिए. अगर वह देशभक्त है तो उसे बॉर्डर पर भेज दीजिए. मुल्क के लिए काम करेगा. हिंदू डॉन का कॉन्सेप्ट आप लोगों का… मीडिया का है. राजन ने पैसे के लिए हिंदुओं को भी मारा है.’