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पेट्रोल, डीजल और फोन बिल के अधिभार से बनेगा इंडिया क्लीन…

नई दिल्ली: क्लीन इंडिया कैंपेन पर बने मुख्यमंत्रियों के ग्रुप ने टेलीकॉम सर्विसेज, पेट्रोल-डीजल और मिनरल्स पर अधिभार (सेस) लगाने की सिफारिश की है। देश को पांच साल में क्लीन बनाने पर होने वाले खर्च के लिए पैसे जमा करने के लिए यह किया जा रहा है। ग्रुप ने बिना टॉयलेट वाली फैमिली के मेंबर्स के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने, गरीबी रेखा से नीचे की फैमिली को टॉयलेट बनाने पर 15,000 रुपए देने की भी सिफारिश की है। क्लीन इंडिया सेस की घोषणा 2015-16 के बजट में की गई थी।

<p><strong>नई दिल्ली:</strong> क्लीन इंडिया कैंपेन पर बने मुख्यमंत्रियों के ग्रुप ने टेलीकॉम सर्विसेज, पेट्रोल-डीजल और मिनरल्स पर अधिभार (सेस) लगाने की सिफारिश की है। देश को पांच साल में क्लीन बनाने पर होने वाले खर्च के लिए पैसे जमा करने के लिए यह किया जा रहा है। ग्रुप ने बिना टॉयलेट वाली फैमिली के मेंबर्स के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने, गरीबी रेखा से नीचे की फैमिली को टॉयलेट बनाने पर 15,000 रुपए देने की भी सिफारिश की है। क्लीन इंडिया सेस की घोषणा 2015-16 के बजट में की गई थी।</p>

नई दिल्ली: क्लीन इंडिया कैंपेन पर बने मुख्यमंत्रियों के ग्रुप ने टेलीकॉम सर्विसेज, पेट्रोल-डीजल और मिनरल्स पर अधिभार (सेस) लगाने की सिफारिश की है। देश को पांच साल में क्लीन बनाने पर होने वाले खर्च के लिए पैसे जमा करने के लिए यह किया जा रहा है। ग्रुप ने बिना टॉयलेट वाली फैमिली के मेंबर्स के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने, गरीबी रेखा से नीचे की फैमिली को टॉयलेट बनाने पर 15,000 रुपए देने की भी सिफारिश की है। क्लीन इंडिया सेस की घोषणा 2015-16 के बजट में की गई थी।

नीति आयोग द्वारा बनाई गई मुख्यमंत्रियों के इस ग्रुप की दिल्ली में चौथी बैठक हुई। आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में सिफारिशों को अंतिम रूप दिया गया। ग्रुप 10 दिनों में रिपोर्ट पीएम नरेंद्र मोदी को सौंपेगी। नायडू ने बताया कि अभी सेस के रेट के बारे में सिफारिश नहीं की गई है। पूरे देश को क्लीन बनाने पर कितना खर्च आएगा, इसका एस्टीमेट करने के बाद रेट तय किया जाएगा। नीति आयोग क्लीन इंडिया डायरेक्शन तैयार करेगा। नायडू ने कहा, देश को 5 साल में क्लीन बनाने के टारगेट से क्लीन इंडिया कैंपेन को नेशनलवाइज, स्टेटवाइज, जिला व पंचायत स्तर पर मिशन के तौर पर चलाने का सुझाव आया है। इस पर होने वाले खर्च में केंद्र व राज्यों का कंट्रीब्यूशन 75 व 25% रखने की सिफारिश की है। मुख्यमंत्रियों के समूह ने रिपोर्ट में सिफारिश की है कि-
– क्लीन इंडिया को सफल बनाने के लिए प्राइवेट की भागीदारी हो।
– नगर निगम-स्थानीय निकाय पीपीपी के तहत कचरे से एनर्जी प्रोडक्शन के प्लांट लगाएं।
– ऐसे वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट्स को वैट, एक्साइज आदि टैक्स छूट मिलनी चाहिए।
– क्लीन इंडिया मिशन के तहत जिलों व राज्यों में कॉन्टेस्ट होनी चाहिए।
– एनुअल इवेंट में क्लीन जिलों और राज्यों को अवार्ड मिले।

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