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सदन के विशेष सत्र के दौरान ‘आप’ विधायक ने केन्द्र का नोटिफिकेशन फाड़ कर हवा में उड़ाया

नई दिल्ली : बुधवार को आप विधायक महेंद्र गोयल ने सदन में केंद्र का नोटिफिकेशन फाड़कर उसे हवा में उड़ा दिया. 21 मई को दिल्ली सरकार के अधिकारों को लेकर जारी किए गए केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन के खिलाफ आप सरकार द्वारा लाए प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान यह घटना हुई.  इस नोटिफिकेशन में एलजी को दिल्ली का शासन प्रमुख बताते हुए ट्रांसफर और नियुक्ति का अधिकार भी उनके पास बताया गया था.  केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एसीबी के अधिकारों को लेकर केजरीवाल के पक्ष में हाई कोर्ट द्वारा सुनाए गए आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला लिया है.

<p>नई दिल्ली : बुधवार को आप विधायक महेंद्र गोयल ने सदन में केंद्र का नोटिफिकेशन फाड़कर उसे हवा में उड़ा दिया. 21 मई को दिल्ली सरकार के अधिकारों को लेकर जारी किए गए केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन के खिलाफ आप सरकार द्वारा लाए प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान यह घटना हुई.  इस नोटिफिकेशन में एलजी को दिल्ली का शासन प्रमुख बताते हुए ट्रांसफर और नियुक्ति का अधिकार भी उनके पास बताया गया था.  केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एसीबी के अधिकारों को लेकर केजरीवाल के पक्ष में हाई कोर्ट द्वारा सुनाए गए आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला लिया है.</p>

नई दिल्ली : बुधवार को आप विधायक महेंद्र गोयल ने सदन में केंद्र का नोटिफिकेशन फाड़कर उसे हवा में उड़ा दिया. 21 मई को दिल्ली सरकार के अधिकारों को लेकर जारी किए गए केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन के खिलाफ आप सरकार द्वारा लाए प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान यह घटना हुई.  इस नोटिफिकेशन में एलजी को दिल्ली का शासन प्रमुख बताते हुए ट्रांसफर और नियुक्ति का अधिकार भी उनके पास बताया गया था.  केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एसीबी के अधिकारों को लेकर केजरीवाल के पक्ष में हाई कोर्ट द्वारा सुनाए गए आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला लिया है.

दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि दिल्ली सरकार के अधीन आने वाले एंटी करप्शनल ब्यूरो(एसीबी) के पास दिल्ली पुलिस पर कार्रवाई करने का अधिकार है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हाई कोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का फैसला किया है. गृह मंत्रालय का कहना है कि हाईकोर्ट इस बारे केंद्र का पक्ष सुने बिना कोई आदेश जारी नहीं कर सकता है. दिल्ली पुलिस केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन आती है. एंटी करप्शन ब्यूरो ने दिल्ली पुलिस के एक हेड कान्स्टेबल को घूस लेने के एक मामले में गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार हेड कान्स्टेबल की तरफ से हाई कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल करते हुए दिल्ली पुलिस ने तर्क दिया था कि दिल्ली पुलिस गृह मंत्रालय के अधीन आती है.  इसलिए दिल्ली सरकार इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर सकती है. दिल्ली पुलिस ने हेड कान्स्टेबल पर खुद कार्रवाई किए जाने की बात कही थी. दिल्ली हाई कोर्ट ने इस तर्क को खारिज करते हुए हेड कॉनस्टेबल की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. हाई कोर्ट के इस आदेश को अरविंद केजरीवाल ने अपनी जीत बताया था.

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