एक तरफ जहां यूपी के कुछ आईपीएस-आईएएस (अमिताभ ठाकुर, डॉ. एसपी सिंह) अफसर अपनी सक्रियता से जननायक बने हुए हैं और कदाचार में डूबी उत्तर प्रदेश सरकार की नाक में दम किये हुए हैं वहीं दूसरी ओर एक आईएएस अफसर ऐसे हैं जिन्होंंने इन सबसे अलग पूरे देश में प्यार के तराने छेड़ रखे हैं. नाम है डॉ. हरिओम. इन दिनों राजस्व परिषद में न्यायिक सदस्य के पद पर तैनात हैं. डॉ. हरिओम ने अपने गज़लों की सीडी लॉन्च की है. मशहूर निर्देशक तिग्मांशु धूलिया की मौजूदगी में सीडी लॉन्च की गयी.
‘रौशनी के पंख’ नाम से ये सीडी लोगों के दिलोदिमाग में बसती जा रही है. इसमें आठ गज़लें हैं. इसकी एक गज़ल- ‘मैं तेरे प्यार का मारा हुआ हूं… सिकन्दर हूं मगर हारा हुआ हूं’ काफी चर्चित हो चुकी है. इसके साथ ही ‘मुस्कुराती हुई सुबह’ नाम की गजल ने भी अच्छा खासा क्रेज़ हासिल किया है. रौशनी के पंख की आठ गज़लों में से चार फैज़ की हैं जबकि चार डॉ. हरिओम ने खुद ही लिखी हैं. डॉ. हरिओम ऐसे अफसर हैं जिन्होंने 2007 की आईएएस की परीक्षा में टॉप किया थे. हरिओम यूपी के बारह जिलों में जिलाधिकारी रह चुके हैं.