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साम्प्रदायिक सद्भाव की ऐसी मिसाल कहां मिलती है इस दुनिया में…

बैतूल:  हिंदू-मुस्लिम दोस्ती की मिसाल पेश करते किस्से आपने अक्सर हिंदी-फिल्मी पर्दे पर ही देखे होगें लेकिन अगर असल जिंदगी में भी कोई दोस्त सांप्रदायिक सद्भाव दिखाते हुए अपनी मित्रता की मिसाल कायम करे, तो वह शख्स वाकई काबिले तारीफ होगा। कुछ ऐसी ही दोस्ती की मिसाल कायम की है, मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में रहने वाले एक मुस्लिम युवक रज्जाक खान ने।

<p><strong><img src="images/0abc/IMG_20150921_100915.JPG" alt="" /></strong></p> <p><strong>बैतूल:</strong>  हिंदू-मुस्लिम दोस्ती की मिसाल पेश करते किस्से आपने अक्सर हिंदी-फिल्मी पर्दे पर ही देखे होगें लेकिन अगर असल जिंदगी में भी कोई दोस्त सांप्रदायिक सद्भाव दिखाते हुए अपनी मित्रता की मिसाल कायम करे, तो वह शख्स वाकई काबिले तारीफ होगा। कुछ ऐसी ही दोस्ती की मिसाल कायम की है, मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में रहने वाले एक मुस्लिम युवक रज्जाक खान ने।</p>

बैतूल:  हिंदू-मुस्लिम दोस्ती की मिसाल पेश करते किस्से आपने अक्सर हिंदी-फिल्मी पर्दे पर ही देखे होगें लेकिन अगर असल जिंदगी में भी कोई दोस्त सांप्रदायिक सद्भाव दिखाते हुए अपनी मित्रता की मिसाल कायम करे, तो वह शख्स वाकई काबिले तारीफ होगा। कुछ ऐसी ही दोस्ती की मिसाल कायम की है, मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में रहने वाले एक मुस्लिम युवक रज्जाक खान ने।

जिसने अपने एक हिन्दू दोस्त संतोष का रविवार को अंतिम संस्कार पूरे हिन्दू रीति-रिवाज से किया। संतोष बहुत ही गरीब था और उसके परिवार में पत्नी के अलावा एक छोटी सी बच्ची ही है। संतोष 12 दिन से किसी बीमारी पीड़ित था। जिसका जिला अस्पताल में इलाज चल रहा था। इसी  के दौरान उसकी मौत हो गई। जिसके बाद मृतक संतोष के दोस्त रज्जाक ने उसका अंतिम संस्कार पूरे हिंदू रीति-रिवाज़ से किया और मुखाग्नि देकर अपनी दोस्ती का फर्ज निभाया। सांप्रदायिक सद्भाव की ऐसी मिसाल पहले कभी देखने में नहीं आई और कल जिन्होंने भी देखा उनकी आँखों में रज्जाक के प्रति सम्मान बड़ गया।

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