Connect with us

Hi, what are you looking for?

प्रदेश

इलाहाबाद: आईपीएफ ने किसान नेताओं की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की

लखनऊ:  आल इण्डिया पीपुल्स फ्रंट (आईपीएफ) ने इलाहाबाद में करछना थर्मल पावर प्लांट से विस्थापित हो रहे किसानों के समर्थन में आई, एनएपीएम की नेता मेधा पाटकर और आईपीएफ प्रदेश कार्यकारणी सदस्य राजेश सचान समेत दर्जनों किसान नेताओं की पुलिस द्वारा की गयी गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की है। आईपीएफ संगठन के प्रदेश  महासचिव दिनकर कपूर ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार को इलाहाबाद में आंदोलनरत किसानों के साथ कानून के तहत कार्यवाही करनी चाहिए। साथ ही विस्थापित किसानों को 2013 के कानून के तहत विस्थापन नीति का लाभ प्रदान करना चाहिए।

<p><strong>लखनऊ:</strong>  आल इण्डिया पीपुल्स फ्रंट (आईपीएफ) ने इलाहाबाद में करछना थर्मल पावर प्लांट से विस्थापित हो रहे किसानों के समर्थन में आई, एनएपीएम की नेता मेधा पाटकर और आईपीएफ प्रदेश कार्यकारणी सदस्य राजेश सचान समेत दर्जनों किसान नेताओं की पुलिस द्वारा की गयी गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की है। आईपीएफ संगठन के प्रदेश  महासचिव दिनकर कपूर ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार को इलाहाबाद में आंदोलनरत किसानों के साथ कानून के तहत कार्यवाही करनी चाहिए। साथ ही विस्थापित किसानों को 2013 के कानून के तहत विस्थापन नीति का लाभ प्रदान करना चाहिए।</p>

लखनऊ:  आल इण्डिया पीपुल्स फ्रंट (आईपीएफ) ने इलाहाबाद में करछना थर्मल पावर प्लांट से विस्थापित हो रहे किसानों के समर्थन में आई, एनएपीएम की नेता मेधा पाटकर और आईपीएफ प्रदेश कार्यकारणी सदस्य राजेश सचान समेत दर्जनों किसान नेताओं की पुलिस द्वारा की गयी गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की है। आईपीएफ संगठन के प्रदेश  महासचिव दिनकर कपूर ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार को इलाहाबाद में आंदोलनरत किसानों के साथ कानून के तहत कार्यवाही करनी चाहिए। साथ ही विस्थापित किसानों को 2013 के कानून के तहत विस्थापन नीति का लाभ प्रदान करना चाहिए।

        दिनकर कपूर ने अपने वयक्तव्य में कहा कि 2007 में शुरू किए गए करछना थर्मल पावर प्लांट में सरकार की नीतियों की वजह से अभी तक काम प्रारम्भ नहीं हो सका है। जिस वजह से 8 वर्ष तक अधिग्रहित भूमि पर कार्य न शुरू होने से यहां के 8 गांवों के 2286 किसान परिवार स्वतः ही 2013 के कानून के तहत विस्थापन लाभ पाने के अधिकारी हो गए है। लेकिन यूपी सरकार विस्थापित किसानों को इनके विधिक लाभ देने की जगह उनके दमन की कार्यवाही कर रही है। 9 सितम्बर को भी इलाहाबाद प्रशासन ने आंदोलन कर रहे किसानों पर बर्बरतापूर्ण कार्रवाई की। जिसमें यूपी पुलिस बल ने, बुजुर्ग ग्रामीणों, बच्चों तथा महिलाओं को बुरी तरह से मारा-पीटा और 40 किसानों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आंदोलन किसान परिवारों से मिलने गए और उनके विधिक अधिकारों के लिए आवाज उठाने गये नेताओं की गिरफ्तारी की कार्यवाही, अखिलेश सरकार के किसान और लोकतंत्र विरोधी चेहरे को सामने लाती है।

You May Also Like

Uncategorized

मुंबई : लापरवाही से गाड़ी चलाने के मामले में मुंबई सेशन कोर्ट ने फिल्‍म अभिनेता जॉन अब्राहम को 15 दिनों की जेल की सजा...

ये दुनिया

रामकृष्ण परमहंस को मरने के पहले गले का कैंसर हो गया। तो बड़ा कष्ट था। और बड़ा कष्ट था भोजन करने में, पानी भी...

ये दुनिया

बुद्ध ने कहा है, कि न कोई परमात्मा है, न कोई आकाश में बैठा हुआ नियंता है। तो साधक क्या करें? तो बुद्ध ने...

दुख-सुख

: बस में अश्लीलता के लाइव टेलीकास्ट को एन्जॉय कर रहे यात्रियों को यूं नसीहत दी उस पीड़ित लड़की ने : Sanjna Gupta :...

Advertisement