कोलकाता: आयकर विभाग ने लॉटरी और हवाला डीलरों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए कोलकाता और आसपास के इलाकों में छापे मारकर 45 करोड़ रुपए से ज्यादा नकदी जब्त की है। दाऊद इब्राहिम गिरोह को गैर-कानूनी तरीके से इस माध्यम से धन पहुंचने के संदेहों के आधार पर छापे मारे गए थे। कथित फर्जी लॉटरी रैकेट के बारे में खुफिया ब्यूरो से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर पश्चिम बंगाल की राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में यह अभियान शुरू किया गया था। जानकारी के मुताबिक इस रैकेट के तार तमिलनाडु से जुड़े हुए हैं।
सूत्रों की मानें तो आयकर विभाग ने हवाला के जरिए धन दुबई भेजे जाने से कुछ ही देर पहले जब्त किया। उन्होंने बताया कि कोलकाता आयकर विभाग की जांच शाखा के नेतृत्व में छापामार दलों ने कोलकाता में दो स्थानों पर 16 बोरियों, 27 बैगों और दो अल्मारियों में भरकर रखे गए 45 करोड़ रूपए से ज्यादा नकदी बरामद की। उन्होंने बताया कि जांचकर्ताओं ने अभी तक 45 करोड़ रुपए गिने हैं और यह राशि 50 से 55 करोड़ तक जा सकती है। कोलकाता पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एसटीएफ और बैंक-फर्जीवाड़ा निरोधी शाखा के उसके अधिकारियों ने शहर में पांच स्थानों पर छापेमारी में आयकर विभाग की मदद की। जिसमें न्यू अलीपुर थाना क्षेत्र में चार स्थानों पर और शरत बोस रोड पर एक जगह पर छापेमारी हुई। छापेमारी से मिली रकम को आंकने के लिए स्थानीय पुलिस सहित करीब 100 लोगों की टीमों को नकदी गिनने वाली दर्जनों मशीनों के साथ बैठना पड़ा। यह सारा धन दो फर्मों जी.सिस्टम्स और एफपी इंटरप्राइजेज से बरामद हुआ है। मामलों के कथित सरगना एस.नागाजरुन और सैंटियागो मार्टिन एजेंसियों की नजर में हैं। उन्होंने बताया कि मार्टिन दो वर्ष पहले चेन्नई में प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष उपस्थित हुआ था और तब उससे सात करोड़ रुपए नकदी जब्त की गई थी।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार जिन स्थानों पर छापे मारे गए उनके मालिक फरार हैं। आयकर अधिकारियों को वहां सिर्फ चतुर्थ श्रेणी में नियुक्त कर्मचारी मिले। इस सिलसिले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि ऐसा संदेह है कि ये फर्म फर्जी लॉटरी रैकेट में शामिल थे और आपराधिक तौर पर इनसे धन दुबई भेजा जा रहा है। जिससे वैश्विक आंतकवादी दाऊद इब्राहिम की गैर कानूनी गतिविधियों को पोषण मिलता। फर्मों से उनका पक्ष जानने के लिए संपर्क नहीं हो सका। सूत्रों का कहना है कि यह पूरा रैकेट करीब 1,000 करोड़ रुपए का है।