Connect with us

Hi, what are you looking for?

ये दुनिया

ब्रेकिंग न्यूज- जी न्यूज से पूरा एचआर विभाग होगा रिटायर….!

जब माननीय सुभाष चन्द्रा जी ने जी न्यूज की नींव रखी होगी तब कभी ऐसी कल्पना भी नहीं की होगी कि उनके रहते हुए एक दिन ऐसा भी आयेगा जब उनकी खुद की कंपनी में उनकी नाक के नीचे बैठे बड़े बाबू अपने भाई भतीजों को भरने के चक्कर में सारे नियम कायदों की धज्जियाँ उड़ा देंगे।

<p>जब माननीय सुभाष चन्द्रा जी ने जी न्यूज की नींव रखी होगी तब कभी ऐसी कल्पना भी नहीं की होगी कि उनके रहते हुए एक दिन ऐसा भी आयेगा जब उनकी खुद की कंपनी में उनकी नाक के नीचे बैठे बड़े बाबू अपने भाई भतीजों को भरने के चक्कर में सारे नियम कायदों की धज्जियाँ उड़ा देंगे।</p>

जब माननीय सुभाष चन्द्रा जी ने जी न्यूज की नींव रखी होगी तब कभी ऐसी कल्पना भी नहीं की होगी कि उनके रहते हुए एक दिन ऐसा भी आयेगा जब उनकी खुद की कंपनी में उनकी नाक के नीचे बैठे बड़े बाबू अपने भाई भतीजों को भरने के चक्कर में सारे नियम कायदों की धज्जियाँ उड़ा देंगे।

   इसमें सुभाष जी का कोई दोष भी नहीं है जिसे उन्होंने कंपनी की बागडोर सौंपी वो अपनी नौकरी को बचाने के चक्कर में सारे वक्त लॉबिंग में ही लगे रहते हैं। पहले अपने पुराने दफ्तर से अंग्रेजी अफसरों की फौज की भर्ती करवा दी पर ये महंगे हाथी कुछ ना कर पाये और सुभाष जी की पैनी नजर पड़ते ही एक-एक करके जी न्यूज से रवाना हो लिये। उसके बाद तत्कालीन सीईओ और एचआर चीफ को चलता कर दिया।
ऐसी अराजकता और खौफ के माहौल में एचआर डिपार्टमेंट का निष्पक्ष रूप से काम कर पाना वैसे ही नामुमकिन था। उस पर फिर से अब नये एचआर हैड को अचानक से बेवजह निकालने से कंपनी में चारों तरफ सभी स्तर के इंप्लाइज में डर पैदा हो गया है।
रीजनल चैनलों की स्थिति तो और भी भयावह होती जा रही है। जी पुरवइया और जी राजस्थान में रिपोर्टरों की छंटनी हो या जीएमपी में स्ट्रिंगरों का निष्कासन सब जगह एडिटरों की मनमानी चल रही है। सीधे तौर पर जो चापलूस हैं और जो खास हैं या जो दोस्त रिश्तेदार हैं वो ही भर्ती किये जा रहे हैं और वो ही ऐसे पॉलिटिक्स वाले माहौल में टिक पा रहे हैं। जी राजस्थान में तो सारे रिकॉर्ड ही तोड़ डाले, बन्द होने के कगार पर खड़े इस चैनल में एडिटर के एकल राज को ध्वस्त करने के लिए पैरेलल एक घाघ व्यक्ति आलोक शर्मा को अन्दर लाया गया। अपनी पुरानी कंपनी के साथ फ्राड में आरोपित इस व्यक्ति की नियुक्ति में ढेरों फर्जीवाड़े हुए जिनको दबा छुपाकर बड़े बाबू ने एचआर को डरा धमका कर ऑफ रोल कॉन्ट्रैक्ट करवा कर बड़ी तनख्वाह से अपने चहेते की ऐन्ट्री करवा दी… तीन महीनों में अपनी मोटी तनख्वाह के चौथाई भर भी विज्ञापन लाने में नाकाम रहे इस मार्केटिंग अधिकारी को अब अपने चहेतों की मनमर्जी तरीके से भर्ती पर फिर एक बार सारे नियम कायदे ताक पर रख दिये गये हैं।
कल छुट्टी के दिन आफिस खुलवा कर एचआर डिपार्टमेंट को डरा धमका कर एक चर्चित मोहतरमा और दो नाकाबिल चाटुकारों की भर्ती की गुपचुप कार्यवाही की जा रही है। अनुराग तिवारी और हनुराज की नाकाबिलियत जग जाहिर है पिछली कंपनी में भी शर्मा ही इनको बचाते रहे हैं। आलोक शर्मा के फर्जी दस्तावेजों के बावजूद हुई नियुक्ति के बाद अब जी मीडिया में ऐसे जालसाजों के अन्दर आने का एक बड़ा रास्ता खुल गया है।
कहते हैं कि कम्पनी लोगों से बनती है और योग्य सक्षम लोगों की अच्छी तरह से जांच परख कर नियुक्ति करना एचआर डिपार्टमेंट का क्षेत्राधिकार होता है पर यदि संस्थापक के द्वारा बनाए गए नियम कायदों की धज्जियाँ उड़ानी ही हैं तो एपाइंटमेंट लैटर तो क्लर्क भी टाइप कर सकते हैं। एचआर डिपार्टमेंट को रिटायर कर कम्पनी कुछ बचत तो कर लेगी। मार्केटिंग सेल्स के हैड, सीईओ आदि सभी को दरकिनार कर इस तरह की भर्तियां पूरी कम्पनी में अराजकता और आतंक का माहौल बना रही हैं। जहाँ एचआर डिपार्टमेंट भी केवल अपनी नौकरी बचाने के लिए इतना डरा हुआ है कि फर्जीवाड़ों को नजरअंदाज करने पर मजबूर है तो संस्था का क्या हश्र होने वाला है यह तो खुदा जाने।
   वैसे चन्द्रा जी की पैनी नजर लगातार बनी रहती है पर उनकी चुप्पी का लोग नाजायज फायदा उठा रहे हैं और यदि उन्होंने समय रहते हस्तक्षेप नहीं किया तो पच्चीस साल में खड़े किये इस जी न्यूज की छवि को धूल में मिलने से कोई नहीं बचा पाएगा। सोचना इसलिये भी जरूरी है क्योंकि अफसरों का क्या है एक्सपेरिमेंट फेल हो गया तो कम्पनी छोड़ कर दूसरी जगह ज्वॉइन कर लेंगे पर नुकसान तो हर हाल में कम्पनी और छवि तो चन्द्रा जी की खराब होना तय है।

You May Also Like

Uncategorized

मुंबई : लापरवाही से गाड़ी चलाने के मामले में मुंबई सेशन कोर्ट ने फिल्‍म अभिनेता जॉन अब्राहम को 15 दिनों की जेल की सजा...

ये दुनिया

रामकृष्ण परमहंस को मरने के पहले गले का कैंसर हो गया। तो बड़ा कष्ट था। और बड़ा कष्ट था भोजन करने में, पानी भी...

ये दुनिया

बुद्ध ने कहा है, कि न कोई परमात्मा है, न कोई आकाश में बैठा हुआ नियंता है। तो साधक क्या करें? तो बुद्ध ने...

दुख-सुख

: बस में अश्लीलता के लाइव टेलीकास्ट को एन्जॉय कर रहे यात्रियों को यूं नसीहत दी उस पीड़ित लड़की ने : Sanjna Gupta :...

Advertisement