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भाजपा ने कांग्रेस को एक्सपोज तो कर दिया लेकिन इस प्रक्रिया में भाजपा सबसे ज्यादा एक्सपोज हो गई

Sanjay Kumar Singh : पांच साल निकालना है, बाकी सब बहाना है… कांग्रेस तो हारी हुई, भ्रष्ट, मां-बेटे की पार्टी है उसमें भी बेटा किसी लायक नहीं है। मान लेता हूं। इसलिए उसकी बात नहीं कर रहा। राष्ट्रवादियों, ईमानदारों, चतुरों और योग्य व सक्षम लोगों ने क्या किया उसकी बात करते हैं। मानसून सत्र निकल गया। संसद नहीं चली। क्यों – कांग्रेस ने नहीं चलने दी। कौन जीता? कांग्रेस ही ना? आप कैसे योग्य हुए। आपका योगदान क्या रहा – कांग्रेस तो अपने मकसद में सफल रही। आप क्या कर पाए? कांग्रेस को एक्सपोज किया। उससे क्या मिला। देश को क्या मिला। आपका क्या योगदान रहा। ऐसा नहीं है कि कांग्रेस को इस तरह अपनी जिद्द पर अड़े रहने देने से कांग्रेस का कोई नुकसान हुआ है या भाजपा को कोई लाभ मिला है। उल्टे, भाजपा भी एक्सपोज हुई। उसके पास कुछ अलग नहीं है। नया नहीं है।

<p>Sanjay Kumar Singh : पांच साल निकालना है, बाकी सब बहाना है... कांग्रेस तो हारी हुई, भ्रष्ट, मां-बेटे की पार्टी है उसमें भी बेटा किसी लायक नहीं है। मान लेता हूं। इसलिए उसकी बात नहीं कर रहा। राष्ट्रवादियों, ईमानदारों, चतुरों और योग्य व सक्षम लोगों ने क्या किया उसकी बात करते हैं। मानसून सत्र निकल गया। संसद नहीं चली। क्यों – कांग्रेस ने नहीं चलने दी। कौन जीता? कांग्रेस ही ना? आप कैसे योग्य हुए। आपका योगदान क्या रहा – कांग्रेस तो अपने मकसद में सफल रही। आप क्या कर पाए? कांग्रेस को एक्सपोज किया। उससे क्या मिला। देश को क्या मिला। आपका क्या योगदान रहा। ऐसा नहीं है कि कांग्रेस को इस तरह अपनी जिद्द पर अड़े रहने देने से कांग्रेस का कोई नुकसान हुआ है या भाजपा को कोई लाभ मिला है। उल्टे, भाजपा भी एक्सपोज हुई। उसके पास कुछ अलग नहीं है। नया नहीं है।</p>

Sanjay Kumar Singh : पांच साल निकालना है, बाकी सब बहाना है… कांग्रेस तो हारी हुई, भ्रष्ट, मां-बेटे की पार्टी है उसमें भी बेटा किसी लायक नहीं है। मान लेता हूं। इसलिए उसकी बात नहीं कर रहा। राष्ट्रवादियों, ईमानदारों, चतुरों और योग्य व सक्षम लोगों ने क्या किया उसकी बात करते हैं। मानसून सत्र निकल गया। संसद नहीं चली। क्यों – कांग्रेस ने नहीं चलने दी। कौन जीता? कांग्रेस ही ना? आप कैसे योग्य हुए। आपका योगदान क्या रहा – कांग्रेस तो अपने मकसद में सफल रही। आप क्या कर पाए? कांग्रेस को एक्सपोज किया। उससे क्या मिला। देश को क्या मिला। आपका क्या योगदान रहा। ऐसा नहीं है कि कांग्रेस को इस तरह अपनी जिद्द पर अड़े रहने देने से कांग्रेस का कोई नुकसान हुआ है या भाजपा को कोई लाभ मिला है। उल्टे, भाजपा भी एक्सपोज हुई। उसके पास कुछ अलग नहीं है। नया नहीं है।

इस्तीफा नहीं तो चर्चा नहीं, की मांग पर अड़ी कांग्रेस सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने से महज एक दिन पहले बुधवार को लोकसभा में ललित मोदी की मदद करने के लिए सुषमा स्वराज के विरुद्ध लाए गए कार्यस्थगन प्रस्ताव पर चर्चा के लिए सहमत हो गई। मान लेता हूं, कोई अहसान नहीं किया। वही मजबूर थी। उसके पास कोई रास्ता नहीं था। इस दौरान विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस के आरोपों का अच्छा जवाब दिया और यही इस सत्र में भाजपा की उपलब्ध रही।

कह सकते हैं कि लोकसभा में पार्टी नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के कार्य स्थगन प्रस्ताव को लोकसभा ने ध्वनिमत से खारिज कर दिया – यह भी भाजपा की उपलब्धि रही। भाजपा को मिला पूरा लाभ यह कि अरुण जेटली रंग-बिरंगे आरोप लगा पाए और सुषमा स्वराज अपनी वाकपटुता या भाषण कला का प्रदर्शन कर पाईं। केंद्रीय मंत्रिमडल में अरुण जेटली की स्थिति सबको मालूम है और स्पष्ट है कि वे इस समय पार्टी के बड़े तोप हैं। सुषमा स्वराज पर एक आरोप लग गया कि उन्होंने भगोड़े ललित मोदी की सहायता की और पार्टी इसी को धोने या नकारने में लगी रही। मान लिया जाए कि सुषमा स्वराज की योग्यता, उनकी ईमानदारी और पार्टी में उन्हें मिल रहे भारी समर्थन के साथ उनकी वाकपटुता का शानदार प्रदर्शन हो गया। पर इससे पार्टी को क्या मिला और देश का क्या भला हुआ।

पार्टी अगर चाहती (और सुषमा स्वराज में नैतिक बल होता) तो इस्तीफा दे देतीं। उसके बाद यह सब कहतीं तो उसका महत्त्व होता। इससे क्या फर्क पड़ता कि वे मंत्री है या नहीं। और कांग्रेस के सांसदों की संख्या कहां बढ़ जाती। ऐसा तो है नहीं कि दागी मंत्री को दोबारा मंत्रिमंडल में शामिल करने का रिवाज नहीं है। सुषमा स्वराज को फिर मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता था। जीएसटी पास करा देते। दूसरे बहुत से काम कर सकते थे। ये कहना कि कांग्रेस नहीं चाहती कि जीएसटी पास हो – कोई मायने नहीं रखता है अगर आप उसे पास कराने के लिए कुछ करते ही नहीं हैं। भाजपा माने कि उसने कांग्रेस को एक्सपोज कर दिया पर इसमें क्या भाजपा एक्सपोज नहीं हुई? जो कांग्रेस ने किया वही करेंगे, वही तरीके अपनाएंगे तो आप भी 67 साल कुछ नहीं कर पाएंगे। लिख लीजिए।

वरिष्ठ पत्रकार संजय कुमार सिंह के फेसबुक वॉल से.


Priyabhanshu Ranjan : आज के भाषण के बाद बिन मांगे नंबर –

राहुल को 10 में 8.5 नंबर – (आज उन्होंने जिस तरह से सरकार पर हमला बोला, वो कांग्रेस और खुद राहुल के लिए काफी जरूरी था। राहुल विपक्ष में रहकर दिनों दिन निखर रहे हैं।)

सुषमा को 6.5 नंबर – (उन्होंने “आक्रमण ही सबसे बेहतर बचाव है” का मंत्र अपनाते हुए कांग्रेस को बैकफुट पर ला दिया। लेकिन सुषमा को राहुल से कम नंबर इसलिए क्योंकि उन्होंने अपने खिलाफ लगे आरोपों को गोल-मोल घुमा दिया।)

खड़गे – 6 नंबर – (केवल खड़गे ने सलीके से मुद्दे पर बात की और बहुत साफ शब्दों में कहा कि सुषमा ने न तो विदेश सचिव को कुछ बताया, न ही UK में भारतीय उच्चायुक्त को कोई जानकारी दी। उन्होंने प्रधानमंत्री पर भी सीधा हमला बोला।)

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जेटली को 3.5 नंबर – (जेटली ने सुप्रीम कोर्ट के जज की तरह सुषमा को क्लीन चिट दे दी । राहुल गांधी को नीचा दिखाने के क्रम में बंदर जैसे शब्द का इस्तेमाल किया। इसलिए बस इतने ही नंबर।)

पत्रकार प्रियभांशु रंजन के फेसबुक वॉल से.

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