मदन मोहन सोनी – आगरा
आगरा शहर की शाही जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे भगवान श्री कृष्ण के विग्रह दबे होने के मामले में अब कोर्ट में 06 नवंबर को सुनवाई की तारीख मुकर्रर की गई है।
मालूम हो कि जामा मस्जिद पक्ष के वकीलों द्वारा प्रार्थना पत्र के माध्यम से कहा गया था कि कोर्ट को इस मामले की सुनवाई का अधिकार नहीं है। इस प्रार्थना पत्र को ध्यान में रखते हुए क्षेत्राधिकार के मसले पर सुनवाई के लिए 06 नवंबर की तारीख दी है।
देश के जाने माने कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर की ओर से लघुवाद न्यायाधीश की अदालत में वाद दायर किया गया है। इसमें शाही जामा मस्जिद की सीढ़ियों में भगवान कृष्ण के विग्रह दबे होने का दावा किया गया है। देवकी नंदन ठाकुर द्वारा दायर इस वाद में श्रीकृष्ण जन्मस्थान कमेटी, सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड लखनऊ और शाही जामा मस्जिद की इंतजामिया कमेटी समेत अन्य को प्रतिवादी बनाया गया है।
उपरोक्त मामले में शाही जामा मस्जिद की इंतजामिया कमेटी की ओर से कोर्ट में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करते हुए ऐतराज जताया गया कि कोर्ट को इस मुकदमे को सुनने का अधिकार नहीं है। इस ऐतराज पर कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख दे दी।
बता दें कि उक्त वाद में दावा किया गया है कि श्रीकृष्ण जन्म स्थान मंदिर (कटरा केशव राय मंदिर) डींग गेट, मथुरा को वर्ष 1670 में मुगल शासक औरंगजेब के आदेशानुसार ध्वस्त कर दिया गया। उस स्थान पर मस्जिद का निर्माण कर दिया गया। मंदिर के गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठित प्रभु श्रीकृष्ण और अन्य के विग्रहों को आगरा की शाही जामा मस्जिद की सीढ़ियों में दबा दिया गया था।
मालूम हो कि कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर लगातार अपनी कथाओं में इस मसले का जिक्र करते हुए कहते हैं कि भगवान कृष्ण यानी केशव देव जी की जो मूर्तियां जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे दफ़न हैं उन्हें निकाला जाए और उन्हें सम्मान के साथ श्रीकृष्ण जन्मभूमि में स्थापित किया जाए। हम इसके लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं।