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मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने के लिए राष्ट्रगान का अपमान

शपथ ग्रहण से पहले राष्ट्रगान को आधा बजाकर रोका गया और फिर बाकी राष्ट्रगान जयललिता की शपथ के बाद पूरा किया गया। इसके पीछे वजह यह थी कि जयललिता शुभ मुहूर्त पर शपथ लेना चाहती थीं और राष्ट्रगान की वजह से मुहूर्त में देरी हो रही थी। मद्रास यूनिवर्सिटी के ऑडिटोरियम में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में 67 वर्षीय जयललिता को शपथ से पहले राष्ट्रगान की जगह तमिलनाडु का राज्यगान बजाया गया। इसके बाद राष्ट्रगान बजाया गया, लेकिन उसे बीच में ही रोक दिया गया।

<p>शपथ ग्रहण से पहले राष्ट्रगान को आधा बजाकर रोका गया और फिर बाकी राष्ट्रगान जयललिता की शपथ के बाद पूरा किया गया। इसके पीछे वजह यह थी कि जयललिता शुभ मुहूर्त पर शपथ लेना चाहती थीं और राष्ट्रगान की वजह से मुहूर्त में देरी हो रही थी। मद्रास यूनिवर्सिटी के ऑडिटोरियम में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में 67 वर्षीय जयललिता को शपथ से पहले राष्ट्रगान की जगह तमिलनाडु का राज्यगान बजाया गया। इसके बाद राष्ट्रगान बजाया गया, लेकिन उसे बीच में ही रोक दिया गया।</p>

शपथ ग्रहण से पहले राष्ट्रगान को आधा बजाकर रोका गया और फिर बाकी राष्ट्रगान जयललिता की शपथ के बाद पूरा किया गया। इसके पीछे वजह यह थी कि जयललिता शुभ मुहूर्त पर शपथ लेना चाहती थीं और राष्ट्रगान की वजह से मुहूर्त में देरी हो रही थी। मद्रास यूनिवर्सिटी के ऑडिटोरियम में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में 67 वर्षीय जयललिता को शपथ से पहले राष्ट्रगान की जगह तमिलनाडु का राज्यगान बजाया गया। इसके बाद राष्ट्रगान बजाया गया, लेकिन उसे बीच में ही रोक दिया गया।

इसके बाद राज्यपाल के. रोसैया ने जयललिता को शपथ दिलाई और फिर बाद में पूरा राष्ट्रगान किया गया।शपथ ग्रहण समारोह में जाने के लिए जयललिता सुबह 10:37 पर अपने घर से निकलीं। ठीक 11 बजे वह मद्रास यूनिवर्सिटी के ऑडिटोरियम पहुंची। इसके बाद आधे घंटे से भी कम समय में शपथ लेने संबंधी सारी औपचारिकताएं पूरी हो गईं और कार्यक्रम समाप्त हो गया। तमिलनाडु की पांचवीं बार मुख्यमंत्री बनीं जयललिता ने इस बेहद खास मौके पर हरे रंग का ‘टोटका’ किया। जयललिता ने जब तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली तो वह हरे रंग की साड़ी पहने हुई थीं। उनके आसपास भी हरे रंग का माहौल था। दरअसल, शपथ-ग्रहण समारोह में मंच की सज्जा हरे रंग से की गई थी।

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