सिंगापुर ने निजता भंग होने का हवाला देते हुए मनी लॉन्ड्रिंग समेत अन्य सम्बंधित मामलों में अब और जानकारी देने से साफ इनकार कर दिया है। सिंगापुर के कर अधिकारियों ने यह बात औपचारिक रूप से भारत को बता दी है। सिंगापुर के संदिग्ध लेन-देन रिपोर्टिग कार्यालय ने यह निर्णय भारतीय मीडिया में प्रवर्तन निदेशालय के सूत्रों से छपी इन खबरों के आधार पर लिया है कि कांग्रेस नेता और उद्योगपति नवीन जिन्दल और उनके परिजनों ने वर्ष 2010 में सिंगापुर में एक प्राइवेट बैंक में खाते खुलवाए थे।
भारत की वित्तीय खुफिया इकाइयों ने अपनी रिपोर्ट में इन बैंक खातों के अकाउंट नंबर भी भेजे थे। सिंगापुर के संदिग्ध लेनदेन रिपोर्टिग कार्यालय ने जिन्दल के बारे में एफआईयू से जानकारी साझा की थी। अधिकारियों ने भारत के वित्त मंत्रालय को बता दिया है कि यह गोपनीयताभंग का मामला है। सिंगापुर के इस इनकार से भारत के कालाधन वापस लाने वाले अभियान पर असर पड़ सकता है, क्योंकि सिंगापुर भारत में धन लाने अथवा बाहर ले जाने के लिए, चाहे वह वैधानिक हो या अवैधानिक दोनों तरह से अंतरराष्ट्रीय हब बना हुआ है। सिंगापुर के गुस्से का कारण भारतीय मीडिया में प्रवर्तन निदेशालय के सूत्रों के हवाले से कांग्रेस नेता और उद्योगपति नवीन जिंदल के अघोषित विदेशी खातों के बारे में रिपोर्ट का प्रकाशित होना है।