राजस्थान: 12 अगस्त 2013 को खोखरापार सरहद में पकड़ा गया भारतीय बालक जितेंद्र अर्जुनवार निवासी सिवनी मध्यप्रदेश बारघाट पुलिस थाना क्षेत्र पाकिस्तान में विदेशी अधिनियम के तहत अपनी सजा पूरी करने के बाद भी पिछले दो माह से किशोर जेल हैदराबाद में सजा भुगत रहा हैं। पाकिस्तान के उच्च न्यायालय के वकील मुहम्मद अली ने जितेंद्र के मामले को जिला सत्र न्यायालय से अतिरिक्त सत्र न्यायालय उमरकोट में स्थानांतरित करवाने के बाद उसे रिहा कर परिजनों को सौंपने के लिए केस दायर किया है। साथ ही उन्होंने यूनाइटेड नेशन हायर कमिश्नर से इस मामले में हस्तक्षेप की भी मांग की है।
अली द्वारा दायर केस में कहा गया है कि जितेंद्र मानवीय भूल और मानसिक विक्षिप्तता के चलते भारतीय सरहद पार कर पाकिस्तान की खोखरापार सरहद में तारबंदी पार कर पहुंच गया था। इस दौरान प्यास लगने के कारण वह पास की पाक सीमा चौकी पर रेंजर के पास पानी पीने पहुँच गया और इसी दौरान उसे पकड़ लिया गया। दो महीने की पूछताछ के बाद उसे किशोर जेल हैदराबाद भेज दिया गया। जहां उससे एजेंसियों द्वारा संयुक्त पुछताछ भी की गयी। मेडिकल जांच में वह मानसिक रूप से विक्षिप्त पाया गया तथा साथ ही उसे सिकल्स एनीमिया बीमारी भी है। जिसका उपचार भी रेंजर द्वारा कराया गया, चार बार उसे सेना द्वारा खून चढ़ाया गया।
डाक्टरी जांच में पाया गया कि उसके मस्तिष्क में रक्त विकार है और उसका अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण भी किया जाना जरूरी है। अली ने न्यायालय में जितेंद्र की सुरक्षा के साथ-साथ उसे मेडिकल निगरानी में रखने की याचिका में मांग की है। साथ परिवार के सदस्यों से मिलने देने की भी गुहार की है। उन्होंने बताया की जितेंद्र बिदेशी अधिनियम के तहत निर्धारित सज़ा से दो महीने के ज्यादा समय से जेल में हैं। इस आधार पर मानवीय पहलू की और गौर करते हुए इस पीड़ित बालक को परिजनों को सौंप देना ही न्याय संगत होगा। न्यायालय ने अगली तारीख तक के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया है। फिलहाल तब तक जितेंद्र को किशोर बोर्ड जेल हैदराबाद में ही रखने के निर्देश दिए हैं।