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कब गिरफ्तार होंगे पत्रकार की हत्या के आरोपी यूपी के मंत्री राममूर्ति?

पत्रकार की हत्या के आरोपी अखिलेश सरकार के पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री राममूर्ति सिंह वर्मा अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं. राममूर्ति सिंह वर्मा पर पत्रकार जागेंद्र सिंह की हत्या का केस दर्ज है. आरोप है कि 1 जून को शाहजहांपुर में कई अखबारों के लिए काम कर चुके स्वतंत्र पत्रक जगेंद्र सिंह के घर वर्मा के इशारे पर जाकर दारोगा ने जगेंद्र से मारपीट की और जिंदा जला दिया. इलाज के दौरान पत्रकार जगेंद्र सिंह की 8 जून को लखनऊ में मौत हो गई थी. गुरूवार को राममूर्ति सिंह वर्मा ने कहा कि उन्होंने अखिलेश यादव से बात की है. मंत्री ने कहा कि वो सीएम को बता चुके हैं कि वो निर्दोष हैं और फंसाए जा रहे हैं. मरने से पहले जगेंद्र ने अपना बयान दर्ज कराया था. लेकिन न तो पुलिस मंत्री को गिरफ्तार कर पाई है और ना ही अखिलेश यादव ने उन्हें हटाया है. हालांकि मंत्री इस मामले में खुद को निर्दोष बता रहे हैं. शाहजहांपुर में हुई पत्रकार की हत्या मामले में बीजेपी और कांग्रेस ने की सीबीआई जांच की मांग की है.

<p>पत्रकार की हत्या के आरोपी अखिलेश सरकार के पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री राममूर्ति सिंह वर्मा अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं. राममूर्ति सिंह वर्मा पर पत्रकार जागेंद्र सिंह की हत्या का केस दर्ज है. आरोप है कि 1 जून को शाहजहांपुर में कई अखबारों के लिए काम कर चुके स्वतंत्र पत्रक जगेंद्र सिंह के घर वर्मा के इशारे पर जाकर दारोगा ने जगेंद्र से मारपीट की और जिंदा जला दिया. इलाज के दौरान पत्रकार जगेंद्र सिंह की 8 जून को लखनऊ में मौत हो गई थी. गुरूवार को राममूर्ति सिंह वर्मा ने कहा कि उन्होंने अखिलेश यादव से बात की है. मंत्री ने कहा कि वो सीएम को बता चुके हैं कि वो निर्दोष हैं और फंसाए जा रहे हैं. मरने से पहले जगेंद्र ने अपना बयान दर्ज कराया था. लेकिन न तो पुलिस मंत्री को गिरफ्तार कर पाई है और ना ही अखिलेश यादव ने उन्हें हटाया है. हालांकि मंत्री इस मामले में खुद को निर्दोष बता रहे हैं. शाहजहांपुर में हुई पत्रकार की हत्या मामले में बीजेपी और कांग्रेस ने की सीबीआई जांच की मांग की है.</p>

पत्रकार की हत्या के आरोपी अखिलेश सरकार के पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री राममूर्ति सिंह वर्मा अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं. राममूर्ति सिंह वर्मा पर पत्रकार जागेंद्र सिंह की हत्या का केस दर्ज है. आरोप है कि 1 जून को शाहजहांपुर में कई अखबारों के लिए काम कर चुके स्वतंत्र पत्रक जगेंद्र सिंह के घर वर्मा के इशारे पर जाकर दारोगा ने जगेंद्र से मारपीट की और जिंदा जला दिया. इलाज के दौरान पत्रकार जगेंद्र सिंह की 8 जून को लखनऊ में मौत हो गई थी. गुरूवार को राममूर्ति सिंह वर्मा ने कहा कि उन्होंने अखिलेश यादव से बात की है. मंत्री ने कहा कि वो सीएम को बता चुके हैं कि वो निर्दोष हैं और फंसाए जा रहे हैं. मरने से पहले जगेंद्र ने अपना बयान दर्ज कराया था. लेकिन न तो पुलिस मंत्री को गिरफ्तार कर पाई है और ना ही अखिलेश यादव ने उन्हें हटाया है. हालांकि मंत्री इस मामले में खुद को निर्दोष बता रहे हैं. शाहजहांपुर में हुई पत्रकार की हत्या मामले में बीजेपी और कांग्रेस ने की सीबीआई जांच की मांग की है.

यूपी में दस दिन के भीतर दो पत्रकारों पर हमले हो चुके हैं. शाहजहांपुर में हत्या तो कानपुर में गुरूवार को एक पत्रकार दीपक पर हमला हुआ है.  लेकिन अखिलेश यादव की पुलिस ने न तो आरोपी मंत्री को गिरफ्तार किया है और ना ही अखिलेश यादव ने मंत्री को अब तक हटाया है. सवाल ये है कि क्या अखिलेश यादव आरोपी मंत्री को बचा रहे हैं. पत्रकारों पर हमले की ये दो तस्वीरें यूपी के कानून व्यवस्था की कहानी बता रही है. शाहजहांपुर में स्वतंत्र पत्रकार की हत्या का आरोप राज्य के मंत्री पर है. तो अब कानपुर में पत्रकार पर जानलेवा हमला हुआ है. शाहजहांपुर वाले केस में पिछ़ड़ा वर्ग कल्याण राज्य मंत्री राममूर्ति सिंह वर्मा को पुलिस अब तक गिरफ्तार नहीं कर पाई है.

आरोप है कि मंत्री राममूर्ति सिंह वर्मा के खिलाफ फेसबुक पर खबर लिखने के बाद पत्रकार जगेंद्र से मारपीट की गई. एक जून को दारोगा ने घर जाकर जगेंद्र से मारपीट की और जिंदा जला दिया. अस्पताल में जगेंद्र की मौत हो गई. मरने से पहले जगेंद्र ने अपना बयान दर्ज कराया था. लेकिन न तो पुलिस मंत्री को गिरफ्तार कर पाई है और ना ही अखिलेश यादव ने उन्हें हटाया है. हालांकि मंत्री इस मामले में खुद को निर्दोष बता रहे हैं. कानपुर में स्थानीय अखबार के पत्रकार दीपक मिश्रा को बदमाशों ने गोली मार कर जख्मी कर दिया. बताया जा रहा है कि जुए का अड्डा पकड़वाने की वजह से दीपक को बदमाशों ने निशाना बनाया है. कानपुर के अस्पताल में भर्ती दीपक की हालत खतरे से बाहर है. पुलिस आरोपियों को पकड़ने के लिए अभियान चला रही है. सच उजागर करने वाले पत्रकारों पर हो रहे हमले के बाद अखिलेश यादव की सरकार सवालों के घेरे में है. सवाल ये है कि क्या अखिलेश पत्रकार की हत्या के आरोपी अपने मंत्री को बचा रहे हैं? (साभार- एबीपी न्यूज)

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