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दुख-सुख

वसुंधरा कोमकली नहीं रहीं

Om Thanvi : वसुंधरा कोमकली नहीं रहीं। देवास में अपने निवास ‘भानुकुल’ उन्होंने आज अंतिम सांस ली। पंडित कुमार गंधर्व की ‘त्रिवेणी’ जिन्होंने सुनी, निर्गुण भजन ‘निर्भय निर्गुण गुण रे गाऊँगा’ कभी नहीं भूल सकते। उसमें कुमारजी के साथ उनकी विदुषी पत्नी वसुंधरा कोमकली का स्वर था। कुमारजी के निधन के बाद उन्होंने परम्परा को निरंतर कायम रखा और पुत्री कलापिनी को दीक्षित किया जो आज जानी-मानी गायिका हैं। पिछली दफा मित्रवर हरिवंश और राहुल देव के साथ देवास जाना हुआ तब वसुंधराजी के हाथ का खाना खाने का सौभाग्य मिला था।

वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी के फेसबुक वॉल से.

<p><br />Om Thanvi : वसुंधरा कोमकली नहीं रहीं। देवास में अपने निवास 'भानुकुल' उन्होंने आज अंतिम सांस ली। पंडित कुमार गंधर्व की 'त्रिवेणी' जिन्होंने सुनी, निर्गुण भजन 'निर्भय निर्गुण गुण रे गाऊँगा' कभी नहीं भूल सकते। उसमें कुमारजी के साथ उनकी विदुषी पत्नी वसुंधरा कोमकली का स्वर था। कुमारजी के निधन के बाद उन्होंने परम्परा को निरंतर कायम रखा और पुत्री कलापिनी को दीक्षित किया जो आज जानी-मानी गायिका हैं। पिछली दफा मित्रवर हरिवंश और राहुल देव के साथ देवास जाना हुआ तब वसुंधराजी के हाथ का खाना खाने का सौभाग्य मिला था।</p> <p style="text-align: right;"><strong>वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी के फेसबुक वॉल से.</strong></p>

Om Thanvi : वसुंधरा कोमकली नहीं रहीं। देवास में अपने निवास ‘भानुकुल’ उन्होंने आज अंतिम सांस ली। पंडित कुमार गंधर्व की ‘त्रिवेणी’ जिन्होंने सुनी, निर्गुण भजन ‘निर्भय निर्गुण गुण रे गाऊँगा’ कभी नहीं भूल सकते। उसमें कुमारजी के साथ उनकी विदुषी पत्नी वसुंधरा कोमकली का स्वर था। कुमारजी के निधन के बाद उन्होंने परम्परा को निरंतर कायम रखा और पुत्री कलापिनी को दीक्षित किया जो आज जानी-मानी गायिका हैं। पिछली दफा मित्रवर हरिवंश और राहुल देव के साथ देवास जाना हुआ तब वसुंधराजी के हाथ का खाना खाने का सौभाग्य मिला था।

वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी के फेसबुक वॉल से.

Sandip Naik : अभी 13 जून की बात है कि हम कुमार जी के घर मिले थे एक कार्यक्रम में और ताई से लम्बी बात की थी. बहुत दुखी मन से यह खबर शेयर कर रहा हूँ कि आज आदरणीय पदमश्री वसुन्धरा ताई कोमकली (पत्नी पंडित स्व कुमार गन्धर्व ) का निधन हो गया है. देवास ने अपनी स्नेहिल माँ को खोया और देश ने एक महानतम संगीत गायिका को. बहुत दुखी हूँ कुछ लिखने को शब्द नहीं है. ताई के साथ लिया अंतिम फोटो जो अब एक इतिहास और अनमोल धरोहर है। ताई की अंतिम यात्रा कल (30/7/15) भानुकुल, माताजी का रास्ता, से प्रातः दस बजे निकलेगी. अश्रुपूरित श्रद्धांजली. पंडित मुकुल शिवपुत्र , विदुषी कलापिनी, सौ. उत्तरा, चि. अलख और पण्डित भुवनेश कोमकली और सभी परिजनो के लिए प्रार्थनाएं.

सोशल एक्टिविस्ट संदीप नाईक के फेसबुक वॉल से.

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