Abhishek Ranjan Singh : भारतीय जनसंचार संस्थान (IIMC) जिसे कथित रूप से पत्रकारिता का मक्का कहा जाता है, यहां प्रवेश परीक्षाओं से लेकर साक्षात्कार तक में जाति और क्षेत्र के नाम पर एक कोटा फिक्स है. पिछले 10 वर्षों का आकलन कर लीजिए यहां एक जाति और क्षेत्र जिला विशेष के छात्र आपको नामांकित मिल जाएगें. अव्वल यह कि इस मरकज़ में कई छात्र ऐसे हैं, जिनके परिवार के कई सदस्य इस कथित मक्का रूपी संस्थान में दाख़िल हो चुके हैं, यानी ख़ानदानी पत्रकारिता के छात्र. भैयारी कुछ तो गड़बड़ है!
अभिषेक रंजन सिंह के फेसबुक वॉल से.