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डॉ. मालिनी गौतम को ‘परम्परा ऋतुराज सम्मान’

संतरामपुर (गुजरात) में अंग्रेजी की प्रोफेसर डॉ. मालिनी गौतम को नई दिल्ली की साहित्यिक संस्था ‘परम्परा’ द्वारा उनकी काव्य पाण्डुलिपि ‘एक नदी जामुनी सी’ के लिए ‘परम्परा ऋतुराज सम्मान’ से विभूषित किया गया. ‘इण्डिया इंटरनेशनल सेंटर’ के मुख्य सभागार में आयोजित ‘परम्परा सम्मान समारोह 2015 – सम्मान-अर्पण एवं काव्य-संध्या’ कार्यक्रम के अंतर्गत डॉ. मालिनी गौतम को यह सम्मान कर्नाटक के पूर्व राज्यपाल श्री त्रिलोकीनाथ चतुर्वेदी एवं परम्परा के संस्थापक श्री काशीनाथ मेमानी एवं श्रीमती किरण मेमानी ने प्रदान किया.

<p>संतरामपुर (गुजरात) में अंग्रेजी की प्रोफेसर डॉ. मालिनी गौतम को नई दिल्ली की साहित्यिक संस्था ‘परम्परा’ द्वारा उनकी काव्य पाण्डुलिपि ‘एक नदी जामुनी सी’ के लिए ‘परम्परा ऋतुराज सम्मान’ से विभूषित किया गया. ‘इण्डिया इंटरनेशनल सेंटर’ के मुख्य सभागार में आयोजित ‘परम्परा सम्मान समारोह 2015 – सम्मान-अर्पण एवं काव्य-संध्या’ कार्यक्रम के अंतर्गत डॉ. मालिनी गौतम को यह सम्मान कर्नाटक के पूर्व राज्यपाल श्री त्रिलोकीनाथ चतुर्वेदी एवं परम्परा के संस्थापक श्री काशीनाथ मेमानी एवं श्रीमती किरण मेमानी ने प्रदान किया.</p>

संतरामपुर (गुजरात) में अंग्रेजी की प्रोफेसर डॉ. मालिनी गौतम को नई दिल्ली की साहित्यिक संस्था ‘परम्परा’ द्वारा उनकी काव्य पाण्डुलिपि ‘एक नदी जामुनी सी’ के लिए ‘परम्परा ऋतुराज सम्मान’ से विभूषित किया गया. ‘इण्डिया इंटरनेशनल सेंटर’ के मुख्य सभागार में आयोजित ‘परम्परा सम्मान समारोह 2015 – सम्मान-अर्पण एवं काव्य-संध्या’ कार्यक्रम के अंतर्गत डॉ. मालिनी गौतम को यह सम्मान कर्नाटक के पूर्व राज्यपाल श्री त्रिलोकीनाथ चतुर्वेदी एवं परम्परा के संस्थापक श्री काशीनाथ मेमानी एवं श्रीमती किरण मेमानी ने प्रदान किया.

इस अवसर पर बहुआयामी हिंदी कोशकार दम्पति श्री अरविंद कुमार एवं श्रीमती कुसुम कुमार को ‘परम्परा ऋतुराज विशिष्ट सम्मान, पं. देवेंद्र शर्मा ‘इंद्र’ तथा श्री ओमप्रकाश चुतुर्वेदी ‘पराग’ को दीर्घकालीन काव्यसर्जना के लिए ‘परम्परा ऋतुराज वरिष्ठ सम्मान’ एवं श्री राजेश रेड्डी को उनकी ग़ज़ल कृति ‘समुंदर बंद मिलता है’ के लिए ‘परम्परा ऋतुराज सम्मान’ प्रदान किया गया. सभी विभूतियों को शॉल और प्रतीक चिन्ह प्रदान किये गये.

सम्मान समर्पण कार्यक्रम के पश्चात्‌ आयोजित काव्य संध्या मे उक्त सम्मानित कवियों के अतिरिक्त पद्मभूषण श्री गोपालदास ‘नीरज’, श्री प्रमोद तिवारी, श्री आसकरण ‘अटल’, श्री शशांक प्रभाकर, तथा श्रीमती प्रभा जाजू ने काव्य पाठ से श्रोताओं को विभोर किया. समस्त कर्यक्रम का संचालन पद्मश्री डॉ. अशोक चक्रधर द्वारा किया गया. इस अवसर पर अनेक साहित्यकारों से खचाचच भरे सभागार में दिल्ली के पूर्व राज्यपाल श्री तेजेंद्र खन्ना, श्री लक्ष्मीशंकर वाजपेयी, डॉ. कुसुम अंसल तथा डॉ. वेदप्रताप वैदिक विशेष रूप से उपस्थित थे. अंत में ‘परम्परा’ संस्था के श्री राजनारायण बिसारिया ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया.

कुमार कृष्णन की रिपोर्ट.

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