Madan Tiwary : आईपीएस संरक्षण दे रहे हैं अपराधियों को… मुसलमानों को है अपराध करने की छूट। एक घटना हुई दो दिन पहले बिहार के गया शहर में. घटनास्थल गया कोर्ट के पास जिसके ठीक सामने पुलिस के मगध रेंज के डीआईजी रत्न संजय कटियार बैठते हैं. वहीं डीएसपी का भी कार्यालय है और ठीक सटे एसएसपी का. घटना एक मुस्लिम युवक द्वारा ट्रैफिक पुलिस के जवान की पिटाई का है. घटना का कारण है कि कुछ माह पहले बिना हेलमेट पहने मोटर सायकिल चलाने के कारण उक्त मुस्लिम युवक का चालान हुआ था।
घटना के दिन चौराहे पर ट्रैफिक नियंत्रित कर रहे पुलिस के एक जवान को गाली देते हुए बिना हेलमेट मोटर सायकिल चालकों को नहीं रोकने के लिए वह युवक अपमानित करने लगा. युवक जिम में जाता था बाडी अच्छी थी. कान्स्टेबुल ने कहा, चालान करना मेरा काम नहीं है, आफिसर करते हैं. युवक गुस्से में उसकी पिटाई करने लगा. युवक का कहना था कि हिन्दुओं का चालान नहीं हो रहा है और मुस्लिम होने के कारण उसका चालान किया गया.
बगल में सिविल लाइन थाना है. मामला वहां पहुंचा. युवक की गिरफ्तारी हुई. उसके बाद शुरू हुआ राजनीतिक ड्रामा. लालू-नीतीश दोनों धर्म निरपेक्ष हैं. इसे साबित करने के लिए इससे बेहतर अवसर क्या हो सकता था. थाने पर गया के इस्लामिक कट्टरपंथी तत्व इकठ्ठे हो गए. मोती करीमी नेता सह दलाल गया प्रशासन है. अफसरों की चमचागिरी उसका काम है. खातिब अहमद, कमांडर ये सब मुस्लिमों के रहनुमा हैं. इन सबकी अगर गिरफ्तारी हो तो आतंकियों के संबन्ध में भी अहम् जानकारी प्राप्त हो सकती है. इन दलालों ने दबाव बनाना शुरू किया.
मेरे पास जो सूचना है उसके अनुसार पटना में सत्ता में बैठे एक वीआईपी नेता ने गया के डीआईजी रत्न संजय कटियार को आदेश दिया और उक्त युवक को बेल दे दिया गया. मजेदार बात यह है कि दो दिन पूर्व एक अन्य अपराधी मोंटी शर्मा को गिरफ्तार करा के जेल भेजा गया था. उक्त मोंटी शर्मा और इस मुस्लिम युवक का अपराध एक जैसा था. मोंटी ने भी नशे में ट्रैफिक पुलिस की पिटाई कर दी थी.
एक ही अपराध में एक को जेल दूसरे को रिहाई? शायद चुनाव है इसलिए. गया के एस एस पी मनु महाराज हैं. बड़ा नाम है. यह नहीं माना जा सकता कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी. बेहद शर्मिंदगी की बात है. आईपीएस, आईएएस रोड छाप नेताओं की भूमिका निभा रहे हैं बिहार में. पटना से फोन आया नहीं कि अपना जमीर बेच दिया.
मनु महाराज जी बेहतर है त्यागपत्र देकर चुनाव लड़िये. और यार, रत्न संजय कटियार, काहे को अपने बाप दादों का भी नाम खराब करते हो? थोड़ा स्वाभिमान रखो. अन्यथा इस्तीफा देकर पान दूकान खोल लो, ज्यादा प्रतिष्ठा मिलेगी. बिहार में चुनाव के पहले जब यह स्थिति है तो नि:संदेह चुनाव के बाद जयचंद के वंशज पुलिसवाले इस्लामिक कट्टरपंथ की तुष्टि के लिए कुछ भी करेंगे. आखिर आका लालू खान और नीतीश हाजी की बात है.
गया जिले के वरिष्ठ वकील और पत्रकार मदन तिवारी के फेसबुक वॉल से.