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नेताजी से जुड़ी 64 फाइलें- बंगाल सरकार का साहसिक कदम या राजनैतिक दांव

भोपाल: नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जिंदगी का रहस्य जितना बड़ा है उतनी ही बड़ी इससे जुड़ी राजनीति है। नेताजी से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी ने कहा कि “हम सच को उजागर क्यों न करें? सच की जीत होनी चाहिए और होगी ही। हम सच को नहीं दबा सकते। आज सच को उजागर करने की शुरुआत हुई है और अब केंद्र सरकार को भी सच को उजागर करना चाहिए।”

<p><strong>भोपाल:</strong> नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जिंदगी का रहस्य जितना बड़ा है उतनी ही बड़ी इससे जुड़ी राजनीति है। नेताजी से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी ने कहा कि "हम सच को उजागर क्यों न करें? सच की जीत होनी चाहिए और होगी ही। हम सच को नहीं दबा सकते। आज सच को उजागर करने की शुरुआत हुई है और अब केंद्र सरकार को भी सच को उजागर करना चाहिए।"</p>

भोपाल: नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जिंदगी का रहस्य जितना बड़ा है उतनी ही बड़ी इससे जुड़ी राजनीति है। नेताजी से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी ने कहा कि “हम सच को उजागर क्यों न करें? सच की जीत होनी चाहिए और होगी ही। हम सच को नहीं दबा सकते। आज सच को उजागर करने की शुरुआत हुई है और अब केंद्र सरकार को भी सच को उजागर करना चाहिए।”

      बंगाल सरकार ने नेताजी से जुड़ी 64 फाइलों को सार्वजनिक कर साहसिक कदम उठाया है। इन फाइलों के सार्वजनिक होने से देश में एक उम्मीद जगी है कि 70 सालों के रहस्य से अब पर्दा उठ सकता है। इन 64 फाइलों में 12,744 पन्ने हैं। हालांकि इन फाइलों में क्या है अभी तक इस बात की पूरी जानकारी नहीं है। दावा किया जाता रहा है कि नेताजी की 1945 में एक विमान दुर्घटना में मौत हो चुकी है। 1960 के दशक में अमेरिकी इंटेलिजेंस ने भी अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि नेताजी कम से कम 1964 तक तो जिंदा ही थे। अप्रैल 2014 में भी इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के द्वारा जारी दस्तावेज के अनुसार नेताजी और उनके परिवार के सदस्यों की जासूसी आजादी के 20 साल बाद तक की गई थी। हालांकि इन दावों और रिपोर्टों का सच भी तभी सामने आ पाएगा जब इन फाइलों का अध्ययन किया जाएगा।
    नेताजी बंगाल के लोगों के साथ भावनाओं से जुड़े हैं और बंगाल में नेताजी का दर्जा किसी “युगपुरुष” जैसा है। पश्चिम बंगाल में 2016 में विधानसभा चुनाव होने हैं और इसी बात को ध्यान में रखते हुए ममता बैनर्जी ने फाइलों को सार्वजनिक किया है। अब ममता बैनर्जी केंद्र सरकार के पास मौजूद दस्तावेज सार्वजनिक करने का दबाव बढ़ा सकती हैं। कांग्रेस तो पहले ही नेताजी की जासूसी के मामले में फंसी हुई है। अब बीजेपी भी फाइलें न सार्वजनिक करने पर फंस सकती है। और इसका सीधा-सीधा फायदा ममता बैनर्जी और तृणमूल कांग्रेस को मिलेगा। हालांकि बीजेपी की केंद्र सरकार नेताजी से जुड़ी 130 फाइलें सार्वजनिक कर देती है तो बीजेपी भी इसका फायदा उठा सकती है। लेकिन ऐसा करना बीजेपी के लिए आसान नहीं है क्योंकि बीजेपी हमेशा से कहती आई है कि यदि फाइलें सार्वजनिक कर दी गई तो कई देशों से संबंध बिगड़ सकते हैं।
    मतलब यही कि 2016 में होने वाले विधानसभा चुनावों में ममता बैनर्जी को काफी फायदा मिल सकता है। इसलिए यह कहना शायद गलत नहीं होगा कि बंगाल सरकार ने फाइलें सार्वजनिक कर साहसिक, ऐतिहासिक और राजनैतिक कदम उठाया है।

 

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