आम आदमी पार्टी के नेता और वरिष्ठ अधिवक्ता एचएस फुल्का ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा देने का फैसला किया है। हालांकि, इसकी वजह पार्टी की अंदरूनी राजनीति नहीं है, बल्कि 1984 दंगों के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए मुकदमे को वह ज्यादा समय देना चाहते हैं, जोकि महत्वपूर्ण मोड़ पर हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह आप का ‘अभिन्न’ हिस्सा बने रहेंगे। साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई है कि पार्टी के पंजाब में अगला विधानसभा चुनाव जीतने के पूरे-पूरे आसार हैं।
फुल्का ने फेसबुक पर एक खुला इमोशनल खत लिखकर आप छोड़ने की वजह बताई है। अपने खत में उन्होंने आप पार्टी का आभार जताया कि उन्हें पार्टी में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां देते हुए पार्टी में अहम हिस्सा बनाया गया। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि मेरा पूरा वक्त सिख दंगा केस को मिलना चाहिए क्योंकि अब तक लोगों को न्याय नहीं मिल पाया है। अरविन्द केजरीवाल के साथ विस्तृत चर्चाके बाद उनकी रजामंदी से यह फैसला लिया गया है कि मैं सक्रिय राजनीति छोड़, पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दूं ताकि सिख दंगों के आरोपियों को सजा दिलाने की मुहिम को आगे बढ़ा सकूं। उनहोंने इस मामले में तीन दशक बाद भी आरोपियों को सजा न होने पर दुख जताया।