सांप्रदायिक बयानबाजी पर राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ से जुड़े संगठनों को कड़ा संदेश देने के ठीक एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधियों से मुलाकात की. मोदी ने मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल से कहा कि वह रात 12 बजे भी उनकी मदद के लिए तैयार मिलेंगे. इस दौरान पीएम ने कहा कि वह ऐसी राजनीति में विश्वास नहीं रखते, जो लोगों को सांप्रदायिक आधार पर बांटती है और न ही वह कभी सांप्रदायिक भाषा बोलेंगे.
शब-ए-बारात के अवसर पर मोदी से मिलने आए मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत में मोदी ने कहा, बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक की सियासत देश का पहले ही बहुत नुकसान कर चुकी है. प्रधानमंत्री ने कहा कि रोजगार और विकास सब समस्याओं का समाधान है और वह ऐसा करने पर अपना ध्यान केंद्रित किए हुए हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि विकास किसी एक समुदाय के लिए नहीं होता. प्रतिनिधियों का शुक्रिया अदा करते हुए पीएम ने कहा कि शब-ए-बारात के व्यस्त मौके पर मुलाकात करने आना बहुत सराहनीय है.
मुस्लिम नेताओं ने मुस्लिम युवाओं के बारे में प्रधानमंत्री के उस दृष्टिकोण के लिए बधाई दी जिसमें उन्होंने कहा है कि मुस्लिम युवाओं के एक हाथ में कुरान हो तो दूसरे हाथ में कंप्यूटर. इमाम संगठन के प्रमुख इमाम उमर अहमद इल्यासी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने हमसे कहा है कि वे किसी समुदाय के नहीं 125 करोड़ भारतीयों के प्रधानमंत्री हैं. सबका ख्याल रखना उनका उत्तरदायित्व है. इल्यासी ने कहा कि सांप्रदायिक बयानों को लेकर प्रधानमंत्री मोदी के सख्त संदेश का हमने स्वागत किया.