Connect with us

Hi, what are you looking for?

प्रदेश

प्रभु ! आखिर कब तक होगी स्टेशनों पर लूट……पत्रकार की कलम से

मुंबई: कल्याण जंक्शन पर स्कैनर से सामान चैक करने के बाद भी रेल यात्रियों से समान की तलाशी के नाम पर दिनदहाड़े उगाही की जा रही है।

<p><strong>मुंबई:</strong> कल्याण जंक्शन पर स्कैनर से सामान चैक करने के बाद भी रेल यात्रियों से समान की तलाशी के नाम पर दिनदहाड़े उगाही की जा रही है।</p>

मुंबई: कल्याण जंक्शन पर स्कैनर से सामान चैक करने के बाद भी रेल यात्रियों से समान की तलाशी के नाम पर दिनदहाड़े उगाही की जा रही है।

     आज 11.10 बजे कल्याण के प्लेट फार्म नम्बर 4 पर मैं सामान लेकर गोदान एक्सप्रेस ट्रेन पकड़ने पहुंचा, तभी दो सिविल ड्रेस पहने, जो खुद को GRP कल्याण का पुलिस बता रहे थे, हवलदारों ने मेरा सामान तलाशी के नाम पर तितर बितर करना शुरू कर दिया। मैंने पूछा की तलाशी से अच्छा है की फिर से सामान स्कैन कर लो। मगर वह हवलदार मेरी एक भी बात मानने को तैयार नहीं हुआ। बैग में रखे सारे कपड़ों और सामानों को बाहर निकाल दिया और घरेलू इस्तेमाल होने वाले सामानों का बिल तक मांगने लगा। मेरे द्वारा बिल देने के बाद भी वह शांत नहीं हुआ। वह मुझे परेशान करने पर पूरी तरह से तुला हुआ था तब जाकर मुझे मजबूरन बताना पड़ा की मैं पत्रकार हूँ। फिर कहीं जा कर वो हवलदार शांत हुआ और मामले को रफा-दफा करने के लिए रूटीन चेकिंग का हवाला देकर बात बनाने की कोशिश करने लगा और कुछ पत्रकारों के नामों का हवाला देने लगा। मैंने उक्त पुलिस कर्मी का नाम पुछा तो खुद का नाम वाघ बताया। इतना तो आज घटित इस घटना ने साफ़ कर दिया है कि कल्याण जंक्शन समेत मुम्बई के रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को प्रताड़ित करके उगाही करना पुलिस वालों को काम गया है, और ये रेलवे पुलिस वाले उत्तर भारत जाने वाले यात्रियों का उत्पीड़न करके उगाही करते हैं। लूट का यह खेल सबसे ज़्यादा रात और दोपहर में खेला जाता है ।
 सबसे ख़ास बात यह है की ट्रेन छूटने में जब सिर्फ 5 या 10 मिनट बचते हैं तो यह काम किया जाता है ताकि मजबूरन यात्री ट्रेन छूटने के डर से पैसे देकर टिकट बचाने का काम करे।

 

पत्रकार- दानिश आज़मी

You May Also Like

Uncategorized

मुंबई : लापरवाही से गाड़ी चलाने के मामले में मुंबई सेशन कोर्ट ने फिल्‍म अभिनेता जॉन अब्राहम को 15 दिनों की जेल की सजा...

ये दुनिया

रामकृष्ण परमहंस को मरने के पहले गले का कैंसर हो गया। तो बड़ा कष्ट था। और बड़ा कष्ट था भोजन करने में, पानी भी...

ये दुनिया

बुद्ध ने कहा है, कि न कोई परमात्मा है, न कोई आकाश में बैठा हुआ नियंता है। तो साधक क्या करें? तो बुद्ध ने...

दुख-सुख

: बस में अश्लीलता के लाइव टेलीकास्ट को एन्जॉय कर रहे यात्रियों को यूं नसीहत दी उस पीड़ित लड़की ने : Sanjna Gupta :...

Advertisement