मुंबई: मणिपुर के 73 वर्षीय राज्यपाल सैयद अहमद का एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। अहमद कैंसर से पीड़ित थे और उन्हें पिछले हफ्ते ही मुंबई के बांद्रा स्थित लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके परिवार में उनकी पत्नी, एक पुत्र और दो पुत्रियां हैं। उन्होंने 16 मई 2015 को मणिपुर के राज्यपाल पद की शपथ ली थी। महाराष्ट्र के पूर्व कांग्रेस नेता अहमद इसके पहले झारखंड के राज्यपाल थे। उन्हें तत्कालीन संप्रग सरकार ने 26 अगस्त 2011 को झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया था।
राजनीति के अलावा अहमद लिखने का भी शौक रखते थे, विशेष कर उर्दू में। अहमद ने डबल एमए (हिंदी और अंग्रेजी) किया था। इसके अलावा उन्होंने उर्दू में डाक्ट्रेट किया था। उनकी कृतियों में उनकी आत्मकथा पगडंडी से शहर तक के अलावा जंग-ए-आजादी में उर्दू शायरी, मकताल से मंजिल आदि शामिल हैं। अहमद 1977 में कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए थे। वह महाराष्ट्र विधानसभा के लिए पांच बार मुंबई के नागपाडा सीट से निर्वाचित हुए थे। वह महाराष्ट्र में मंत्री भी रहे जहां उन्होंने आवास जैसे विभाग का जिम्मा संभाला। वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुरुदास कामत ने अहमद के निधन पर शोक जताया और कहा कि उनके निधन से पार्टी और देश को अपूर्णीय क्षति हुई है। साथ ही कई अन्य राजनेताओं ने भी सैयद अहमद के निधन पर गहन शोक व्यक्त किया।