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दुख-सुख

राज्यसभा ने पत्रकार एचके दुआ समेत अपने तीन सदस्यों को विदाई दी

नयी दिल्ली : राज्यसभा ने आज मशहूर पत्रकार एच के दुआ और जानेमाने अर्थशास्त्री अशोक गांगुली सहित अपने तीन सदस्यों को मानसून सत्र के अंतिम दिन विदाई दी जिनका कार्यकाल अगले कुछ महीनों में पूरा होने वाला है। मनोनीत सदस्यों गांगुली और दुआ के अलावा अन्नाद्रमुक के पी कन्नन उन सदस्यों में शामिल हैं जिनका कार्यकाल पूरा होने वाला है। गांगुली और दुआ का कार्यकाल 17 नवंबर को जबकि सदन में पुडुचेरी का प्रतिनिधित्व कर रहे कन्नन का कार्यकाल छह अक्तूबर को पूरा हो रहा है।

<p>नयी दिल्ली : राज्यसभा ने आज मशहूर पत्रकार एच के दुआ और जानेमाने अर्थशास्त्री अशोक गांगुली सहित अपने तीन सदस्यों को मानसून सत्र के अंतिम दिन विदाई दी जिनका कार्यकाल अगले कुछ महीनों में पूरा होने वाला है। मनोनीत सदस्यों गांगुली और दुआ के अलावा अन्नाद्रमुक के पी कन्नन उन सदस्यों में शामिल हैं जिनका कार्यकाल पूरा होने वाला है। गांगुली और दुआ का कार्यकाल 17 नवंबर को जबकि सदन में पुडुचेरी का प्रतिनिधित्व कर रहे कन्नन का कार्यकाल छह अक्तूबर को पूरा हो रहा है।</p>

नयी दिल्ली : राज्यसभा ने आज मशहूर पत्रकार एच के दुआ और जानेमाने अर्थशास्त्री अशोक गांगुली सहित अपने तीन सदस्यों को मानसून सत्र के अंतिम दिन विदाई दी जिनका कार्यकाल अगले कुछ महीनों में पूरा होने वाला है। मनोनीत सदस्यों गांगुली और दुआ के अलावा अन्नाद्रमुक के पी कन्नन उन सदस्यों में शामिल हैं जिनका कार्यकाल पूरा होने वाला है। गांगुली और दुआ का कार्यकाल 17 नवंबर को जबकि सदन में पुडुचेरी का प्रतिनिधित्व कर रहे कन्नन का कार्यकाल छह अक्तूबर को पूरा हो रहा है।

सुबह राज्यसभा की बैठक शुरू होते ही सभापति हामिद अंसारी ने तीन सदस्यों के कार्यकाल पूरा होने का जिक्र करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि तीनों सदस्यों ने सदन की कार्यवाही में सक्रिय रूप से भाग लिया और उन्होंने सदन की गरिमा और प्रतिष्ठा में निश्चित तौर पर संवृद्धि की। गांगुली और दुआ ने इस मौके पर सदन में अपने अनुभवों का जिक्र करते हुए सदन के कई उतार-चढ़ाव वाले क्षणों को याद किया। उन्होंने सहयोगात्मक संघवाद में राज्यसभा की भूमिका को भी रेखांकित किया। उन्होंने सदन में हुयी कई उच्चस्तीय चर्चाओं का भी जिक्र किया।

दुआ ने सदन की कार्यवाही में होने वाले व्यवधान पर अफसोस जताते हुए कहा कि इससे सदन की छवि खराब होती है। उन्होंने कहा कि विगत की सरकारांे के कार्यकालों में भी सदन में हंगामा होता था। उन्होंने सदन चलाने में दोनों पक्षों सरकार और विपक्ष की भूमिका का जिक्र किया। दुआ ने जोर दिया कि सदन चलाने को लेकर आम सहमति होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सदन में सहिष्णुता का स्तर कम होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि सदन में कटुता नहीं होनी चाहिए। सदन के बाहर सेंट्रल हाल में जिस प्रकार सदस्य आपस में प्रेम से मिलते हैं, सदन में भी वैसा ही माहौल होना चाहिए।

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