Connect with us

Hi, what are you looking for?

दुख-सुख

‘संथारा’ पर कोर्ट के फैसले का विरोध, दस हजार लोग भाग लेंगे

मुंबई। जैन समाज सोमवार को विरोध दिवस मनाएगा। जैन धर्म की प्राचीनकाल से चली आ रही धार्मिक  व्यवस्था  ‘संथारा’ को राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा आत्महत्या करार दिए जाने से नाराज जैन समाज विरोध प्रदर्शन करेगा। सोमवार 24 अगस्त को जैन समाज ने मुंबई में ओपेरा हॉउस से राजभवन तक विधायक मंगल प्रभात लोढ़ा के नेतृत्व में मौन शांति मार्च आयोजित किया है। इस शांति मार्च में 10 हजार से भी ज्यादा लोग भाग लेंगे। जैन समाज की करीब एक सौ से भी ज्यादा संस्थाओं के पदाधिकारी व अन्य हजारों लोग इस शांति मार्च में हिस्सा लेंगे। जैन संतों के आशीर्वाद के साथ यह शांति मार्च सोमवार को सुबह 10 बजे पंचरत्न से शुरू होगा।

<p>मुंबई। जैन समाज सोमवार को विरोध दिवस मनाएगा। जैन धर्म की प्राचीनकाल से चली आ रही धार्मिक  व्यवस्था  ‘संथारा’ को राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा आत्महत्या करार दिए जाने से नाराज जैन समाज विरोध प्रदर्शन करेगा। सोमवार 24 अगस्त को जैन समाज ने मुंबई में ओपेरा हॉउस से राजभवन तक विधायक मंगल प्रभात लोढ़ा के नेतृत्व में मौन शांति मार्च आयोजित किया है। इस शांति मार्च में 10 हजार से भी ज्यादा लोग भाग लेंगे। जैन समाज की करीब एक सौ से भी ज्यादा संस्थाओं के पदाधिकारी व अन्य हजारों लोग इस शांति मार्च में हिस्सा लेंगे। जैन संतों के आशीर्वाद के साथ यह शांति मार्च सोमवार को सुबह 10 बजे पंचरत्न से शुरू होगा।</p>

मुंबई। जैन समाज सोमवार को विरोध दिवस मनाएगा। जैन धर्म की प्राचीनकाल से चली आ रही धार्मिक  व्यवस्था  ‘संथारा’ को राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा आत्महत्या करार दिए जाने से नाराज जैन समाज विरोध प्रदर्शन करेगा। सोमवार 24 अगस्त को जैन समाज ने मुंबई में ओपेरा हॉउस से राजभवन तक विधायक मंगल प्रभात लोढ़ा के नेतृत्व में मौन शांति मार्च आयोजित किया है। इस शांति मार्च में 10 हजार से भी ज्यादा लोग भाग लेंगे। जैन समाज की करीब एक सौ से भी ज्यादा संस्थाओं के पदाधिकारी व अन्य हजारों लोग इस शांति मार्च में हिस्सा लेंगे। जैन संतों के आशीर्वाद के साथ यह शांति मार्च सोमवार को सुबह 10 बजे पंचरत्न से शुरू होगा।

विख्यात जैन संत गच्छाधिपति प्रेम सूरीश्वरजी महाराज, गच्छाधिपति आचार्य श्री प्रद्युम् विमल सूरीश्वर महाराज, आचार्य श्री हेमचंद्र सूरीश्वर महाराज, आचार्य श्री खुशालचंद्र सूरीश्वर महाराज, मुनि श्री भाग्यचंद्र विजय महाराज, डॉ. चंदनाश्रीजी महाराज आदि जैन संतों के आशीर्वाद से आयोजित इस शांति मार्च में जैन समाज की राष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं भारत जैन महामंडल, श्री जैन  श्वेताम्बर तेरापंथ  सभा,  समस्त  महाजन,  जैन शक्ति  फाउंडेशन,  समस्त महाजन, वर्धमान परिवार, भारतवर्षीय  दिगम्बर  जैन  तीर्थ समिति,  वर्धमान परिवार,  जैन अलर्ट ग्रुप ऑफ़ इंडिया, श्री स्थानकवासी जैन संघ, अखिल भारतीय तीर्थ क्षेत्र कमेटी, मुंबई जैन पत्रकार संघ एवं अन्य कई जैन संघों के लोग भाग लेंगे। स्थानीय स्तर पर इस शांति मार्च में हिस्सा लेने के लिए तैयारियां कर रहे हैं। विधायक मंगल प्रभात लोढ़ा ने कहा है कि ‘संथारा’ आत्मोत्सर्ग की दिशा में प्रवृत्त होने की जैन धर्म की मूल परंपरा का हिस्सा है। जैन समाज में ‘संथारा’ हजारों साल पुरानी प्रथा है जिसे जीवन की अंतिम साधना भी माना जाता है। इस साधना में साधक अन्न – जल सब कुछ त्यागकर ईश्वरीय आराधना करते हुए मृत्यु को प्राप्त होता है। जैन धर्म में इसे अति पवित्र प्रक्रिया माना जाता है। लेकिन फिर भी हाई कोर्ट द्वारा इस तरह का फैसला दिए जाने से लोग नाराज है। विधायक लोढ़ा के नेतृत्व में जैन समाज के लोग राज्यपाल को ज्ञापन देकर अपना भावना से अवगत कराएंगे। जैन शक्ति फाउंडेशन के कनक परमार के मुताबिक मुंबई की सभी प्रमुख जैन संस्थाओं के लोग इस शांति मार्च में उपस्थित रहेंगे।

उल्लेखनीय है कि राजस्थान हाईकोर्ट ‘संथारा’ को अवैध बताते हुए उसे भारतीय दंड संहिता 306 तथा 309 के तहत दंडनीय बताया। राजस्थान हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि संथारा या मृत्यु पर्यंत उपवास जैन धर्म का आवश्यक अंग नहीं है। इसे मानवीय नहीं कहा जा सकता, क्योंकि यह मूल मानवाधिकारों का उल्लंघन करता है। लेकिन जैन समाज का कहना है कि परमात्मा का चिंतन करते हुए जीवन की अंतिम सांस तक अच्छे संस्कारों के प्रति समर्पित रहने की विधि का नाम ‘संथारा’ है। इसलिए इसे कानून से रोकना उचित नहीं है। इसी कारण मुंबई के लोग सोमवार को इसके विरोध में सड़कों पर उतर रहे हैं।

You May Also Like

Uncategorized

मुंबई : लापरवाही से गाड़ी चलाने के मामले में मुंबई सेशन कोर्ट ने फिल्‍म अभिनेता जॉन अब्राहम को 15 दिनों की जेल की सजा...

ये दुनिया

रामकृष्ण परमहंस को मरने के पहले गले का कैंसर हो गया। तो बड़ा कष्ट था। और बड़ा कष्ट था भोजन करने में, पानी भी...

ये दुनिया

बुद्ध ने कहा है, कि न कोई परमात्मा है, न कोई आकाश में बैठा हुआ नियंता है। तो साधक क्या करें? तो बुद्ध ने...

दुख-सुख

: बस में अश्लीलता के लाइव टेलीकास्ट को एन्जॉय कर रहे यात्रियों को यूं नसीहत दी उस पीड़ित लड़की ने : Sanjna Gupta :...

Advertisement