उत्तर प्रदेश: यूपी के प्राइमरी स्कूलों में शिक्षामित्रों नियुक्ति पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की रोक के बाद शिक्षामित्रों की सदमे से मौत मामले सामने आ रहे हैं। अब तक 6 शिक्षामित्रों की मौत की खबर है। दूसरी ओर यूपी सरकार इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करने जा रही है। इस बीच यूपी के तमाम जिलों से कोर्ट के फैसले के खिलाफ शिक्षामित्रों के विरोध प्रदर्शन की खबरें भी आ रही हैं।
गौरतलब है कि यूपी के प्राइमरी स्कूलों में तैनात एक लाख 75 हजार शिक्षामित्र टीचरों का अप्वाइंटमेंट इलाहबाद हाईकोर्ट ने कैंसिल कर दिया था। इलाहबाद हाईकोर्ट में शनिवार को चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की डिवीजन बेंच ने यह ऑर्डर दिया। बेंच में चीफ जस्टिस के अलावा जस्टिस दिलीप गुप्ता और जस्टिस यशवंत वर्मा थे। जजों ने प्राइमरी स्कूलों में शिक्षामित्रों की तैनाती बरकरार रखने और उन्हें असिस्टेंट टीचर के रूप में एडजस्ट करने के मुद्दे पर पक्ष और विपक्ष के वकीलों की दलीलें कई दिन तक सुनीं। हाईकोर्ट ने कहा, ‘चूंकि ये टीईटी पास नहीं हैं, इसलिए असिस्टेंट टीचर के पदों पर इन्हें अप्वॉइंट नहीं किया जा सकता।’ शिक्षामित्रों की तरफ से वकीलों ने कोर्ट को बताया कि सरकार ने नियम बनाकर इन्हें एडस्ट करने का फैसला लिया है। इसलिए इनके अप्वाइंटमेंट में कोई कानूनी दिक्कत नहीं है। इसके साथ यह भी दलील दी गई कि शिक्षामित्रों का चयन प्राइमरी स्कूलों में टीचरों की कमी दूर करने के लिए किया गया है। शिक्षामित्रों को नियुक्त करने का आदेश बीएसए ने साल 2014 में जारी किया था।