Mukesh Kumar : उत्तर प्रदेश सरकार के दमनकारी रवैये की एक और मिसाल सामने है। पहले मुलायम सिंह ने आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को धमकाया, जिसकी ऑडियो क्लिप सब सुन चुके हैं। इसके बाद जब अमिताभ ठाकुर उनकी रिपोर्ट लिखाने गए तो मुश्किल से लिखी गई। और अब उन पर बलात्कार का केस ठोंक दिया गया है। इन धमकियों और बदले की कार्रवाईयों में समाजवादी पार्टी और उसके नेताओं का असली चरित्र ही प्रतिबिंबित हो रहा है। चिंता की बात ये भी है कि केंद्र की तरह अब हर राज्य की सरकार में निरंकुशतावादी होते जाने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। वे अपराधियों की ही तरह व्यवहार करने लगी हैं।
Haresh Kumar : याद है न यही नेताजी थे जिन्होंने मुरादाबाद (यूपी) में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था – सभी मामलों में रेप पर फांसी देना पूरी तरह से गलत है. लड़कों से अक्सर गलतियां हो जाती हैं तो ऐसे पर सीधे सीधे फांसी देना गलत है. उन्होंने कहा कि मुंबई में तीन लड़कों को फांसी दे दी गई, जो कि नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कानून का दुरुपयोग हो रहा है…जैसे दहेज उत्पीड़न, दलित एक्ट आदि. कानूनों का जो दुरुपयोग करने वाले लोग हैं। उनको भी सजा दी जाएगी। हम ऐसा कानून बनाएंगे ताकि दुरुपयोग रुक सके. लड़के लड़कियां पहले दोस्त रहते हैं और जब उनमें मतभेद हो जाता है तो लड़की जाकर बयान दे देती है कि उसका रेप हो गया है। फिर बेचारे लड़कों को फांसी हो जाती है। उस समय ये अपने वोट बैंक को मजबूती दे रहे थे और आज इसी तरह का झूठा आरोप आईपीएस ऑफिसर अमिताभ ठाकुर पर लगा दिया क्योंकि अमिताभ ठाकुर ने इनके द्वारा धमकी दिए जाने का ऑडियो टेप जारी कर दिया था मीडिया को।
Vivek Singh : बड़े बेशर्म लोग अपने… जिस प्रदेश में बाहुबली नेता डीएम को मारकर उसकी गर्दन गाड़ी से बाहर लटकाकर ट्रक से रगड़वाकर सड़क दुर्घटना दिखा देता है। जिस प्रदेश की राजधानी में बाहुबली नेता के बच्चे गाड़ी रोकने पर कोतवाल को बोनट पर बैठाकर गाड़ी दौड़ाते हैं। जिस प्रदेश में विधायक अपने गुंडों के साथ थाने में जाकर पुलिस वालों को पीटकर लॉकअप में बंद आरोपी को बाहर निकाल लाते हैं। जहां गाड़ी पर चढ़ी काली फिल्म उतारने पर विधायक का भतीजा तक दारोगा की चौराहे पर मां-बहन कर देता है। वहां हमारे कुछ तथाकथित समाजवादी, प्रेस क्लब के आस-पास दलाली करने वाले लोग, लेखक साहित्यकार आज ये बताने में लगे हैं कि असली अपराध तो फोन रिकॉर्ड करना है। मुलायम तो बड़े बुजुर्ग हैं, समझाने का हक बनता है। अरे महान लोगों जब गुजरात में लड़की की जासूसी वाला टेप आया था तब ये तर्क कहां गए थे तुम्हारे। ठीक है यार मत करो अमिताभ का समर्थन। आपको अपने काम कराने हैं लखनऊ से नोएडा तक, हम समझते हैं। आपके कुर्ते की जेब लंबी हो गई है भर नहीं पाती। आपके बच्चों की आइसक्रीम मंहगी हो गई है, एडजस्ट करना पड़ता होगा। पत्नी ने क्लब ज्वाइन कर लिया है उसकी फीस देनी पड़ती है, कोई नहीं होता है। तो कैसे बोलें खिलाफ में, और फिर बहुत सारी चीजें आती हैं और खत्म हो जाती हैं। किसी का कुछ हुआ क्या। बात भी सही है…. तो चुप रहो न कुछ दिन, मुंह ही न खोलो। लेकिन ऐसे बेशर्म न बन जाओ, कि दलाली के किस्से आम हो जाएं।
पत्रकार मुकेश कुमार, हरेश कुमार और विवेक सिंह के फेसबुक वॉल से.