पिछले दो दिनों से “फांसी लाइव” दिखाने की जो होड़ टीवी चैनलों में दिखी न सिर्फ वो घटिया थी बल्कि देश के लिए बेहद खतरनाक भी थी या आगे जाकर खतरनाक हो सकती है… जिस तरह से दिन रात सिर्फ याकूब को ही दिखाया गया और मामले को जानबूझकर संवेदनशील बनाया गया उससे पता चलता है कि इस देश का टीवी मीडिया पूरी तरह से स्तरहीन है जिसे पत्रकारिता के मूलभूत सिद्धांत भी नहीं पता है ..कई बार लगता है कि ये टीवी वाले सीधे सीधे अपने देश के साथ देशद्रोह कर रहें है इस तरह से लोगों की भावनाएं भड़का कर जिसके लिए इन्हें कभी माफ़ न किया जा सकता है ना ही कभी किया जाना चाहिए…
एक दुर्दांत अपराधी को राष्ट्रीय चर्चा का विषय बना दिया इन लोगों ने …शर्म करो ..शर्म करो ..मीडिया की इस तरह की घटिया कवरेज रोकने के लिए भी एक मजबूत नियामक संस्था होनी चाहिए जो देश में शांति /संवेदनशीलता के मुद्दों पर इस तरह की रिपोर्टिंग करने से इन्हें रोके नहीं तो भविष्य में यही मीडिया देश के लिए बड़ा खतरा भी साबित हो सकते है ..
शशांक द्विवेदी
डिप्टी डायरेक्टर (रिसर्च), मेवाड़ यूनिवर्सिटी,
(संपादक, विज्ञानपीडिया डॉट कॉम )
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