भारत में शरण लेकर रह रहीं विवादास्पद बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन की प्रवास की अवधि सोमवार को समाप्त हो गई। हालांकि सरकार की ओर से कहा गया है कि यह अवधि शीघ्र ही बढ़ाई जा सकती है।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार, “उनके प्रार्थनापत्र पर कार्रवाई हो रही है। यदि प्रवास की अवधि बढ़ाई जाती है तो यह मियाद पिछले प्रवास की समाप्ति की तारीख से ही शुरू होगी।” प्रवास की अवधि बढ़ाए जाने से पहले गृह मंत्रालय कुछ सुरक्षा एजेंसियों से मंजूरी का इंतजार कर रहा है। उल्लेखनीय है कि तसलीमा नसरीन को 1994 में ईशनिंदा के आरोप में धमकियां मिलने के बाद बांग्लादेश से पलायन करना पड़ा था। तब से वह दूसरे देशों में रह रही हैं। भारत सरकार ने उन्हें देश में रहने के लिए पिछले वर्ष एक साल का वीजा दिया था। हालांकि तसलीमा स्वीडन की नागरिक हैं, लेकिन वह 2004 से लगातार भारत में ही रही हैं।
इस बारे में तसलीमा ने कहा कि यह पहली बार है कि तारीख निकल जाने के बाद तक उन्हें नया वीजा नहीं मिला है। इसके लिए वह संबंधित अधिकारियों से भी मिलीं। तसलीमा के अनुसार, “मुझे रिहाइश की अनुमति के लिए मंजूरी तारीख खत्म होने से पहले ही मिल जाती थी। मैंने कुछ महीने पहले ही इसके लिए आवेदन कर दिया था।” तसलीमा के अनुसार वह इस बात को लेकर चिंतित हैं कि कहीं उन्हें देश न छोड़ना पड़े। जरूरी हुआ तो वह गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मिल सकती हैं। बांग्लादेश छोड़ने के बाद तसलीमा यूरोप के कई देशों में भी रह चुकी हैं, लेकिन उन्होंने भारत में रहने को ही अपनी पहली पसंद बताया है। अपने बयानों में वह कई बार कह चुकी हैं कि वह कोलकाता में रहना सबसे अधिक पसंद करती हैं क्योंकि वहां का परिवेश उनके लेखन में बहुत सहायक साबित होता है।