नई दिल्ली: बिहार चुनाव आयोग द्वारा कराए गए एक सर्वे के मुताबिक बिहार में 80 प्रतिशत लोग चुनाव में वोट बदले पैसे लिए जाने को गलत नहीं मानते हैं। बिहार के मुख्य चुनाव आयुक्त ने खुद इस बात का खुलासा किया है। इस सर्वे को एक चुनौती मानते हुए चुनाव आयोग ने बिहार में वोटिंग प्रतिशत के साथ-साथ सही और नैतिकतापूर्ण वोटिंग कराने का भी अभियान शुरु किया है।
बिहार के एडिशनल CEO आर.लक्ष्मणन ने बताया, ”यह एक चुनौती है। हमारा ध्यान इस बात पर है कि मतदाता ना सिर्फ अपने वोट का इस्तेमाल करें बल्कि बिना किसी लालच के अपना वोट डालें।” चुनाव आयोग द्वारा इसी कोशिश में रेडियो और प्रिंट मीडिया के अलावा लोगों को जागरुक करने के लिए पोस्टर और बैनर भी लगाए गए हैं। इस सर्वे को चुनाव आयोग ने बिहार के मतदाताओं के व्यवहार को परखने के लिए पटना के चंद्रगुप्त इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट द्वारा जून-जुलाई 2015 में करवाया था। इस सर्वे में 4500 ऑड वोटर्स ने हिस्सा लिया और इसमें तालमेल बनाए रखने के लिए हाई और लो वोटिंग वाले दोनों ही जिलों को बराबर की संख्या में चुना गया था।
नवंबर 2010 के विधानसभा चुनाव में बिहार में कुल 52.67 वोटिंग हुई थी जबकि 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान बिहार में 56.28 प्रतिशत मतदान हुआ था। सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक 2010 में जिन जिलों में कम वोटिंग हुई वहां मुख्य कारण लोगों का वोटिंग के दिन अपने विधानसभा क्षेत्र से दूर रहना था। लक्ष्मणन के मुताबिक, ”संयोगवश, इस बार चुनाव त्योहारी सीजन के आसपास है और हमें उम्मीद है कि इस वार वोटिंग के दिन लोग अपने गांवो में वापस लौटेंगे।”