: `दबंग’ का राजकीय सम्मान? : विवाद-1 : साल 2002 में बांद्रा, मुंबई स्थित अमेरिकी एक्सप्रेस बेकरी के पास फुटपाथ पर सो रहे लोगों को शराब के नशे में गाड़ी चलाते समय रौंद डाला। घटना में एक की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए। अदालत में सफाई दी- मैं कभी झूठ नहीं बोलता। मैंने शराब नहीं पी रखी थी। सुरक्षा के लिए तैनात एक पुलिस अफसर ने ही बताया कि यह झूठ है।
विवाद-2 : अक्टूबर, 1998 में सैफ़ अली ख़ान, सोनाली बेंद्रे, तब्बू और नीलम के साथ जोधपुर के पास एक गांव में काले हिरनों का शिकार किया।
विवाद-3 : परदे पर शर्ट उतारकर तेवर दिखाना है पसंदीदा शगल।
विवाद-4 : ऐश्वर्या राय ने आरोप लगाया- उनके साथ मारपीट की और वक्त-बेवक्त घर का दरवाजा पीटकर हंगामा मचाया।
विवाद-5 : महिला मित्र सोमी अली के सिर पर कोल्ड ड्रिंक की बोतल फेंककर मारी।
विवाद-6 : निर्माता-निर्देशक सुभाष घई के साथ हाथापाई की।
विवाद-7 : एक पार्टी के दौरान ऋषि कपूर और नीतू सिंह के बेटे से भिड़ गए।
विवाद-8 : फ़िल्म चलते-चलते के सेट पर हंगामा मचाया, ऐश्वर्या राय को लेकर अपशब्द कहे।
विवाद-9 : विवेक ओबेराय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा- मुझे जान से मारने की धमकी दी।
विवाद-10 : दुष्कर्म के आरोप में अमेरिका में जेल काट रहे फैशन डिजाइनर आनंद जॉन के समर्थन में मुहिम चलाई।
विवाद-11 : 26-11 के मुंबई हमलों को लेकर पाकिस्तान को एक तरह से क्लीन चिट ही दे दी। कहा- 26 नवंबर, 2008 को मुंबई पर हुए हमले की चर्चा इसलिए ज्यादा हुई, क्योंकि हमला ताज जैसे होटल पर हुआ, जहां बड़े लोग ठहरते हैं।
विवाद-12 : फ़िल्म दबंग में मुन्नी झंडूबाम हो गई गीत के लिए दवा निर्माता कंपनी ने अदालती कार्रवाई की चेतावनी दी।
विवाद-13 : स्टार स्क्रीन अवार्ड समारोह में कैटरीना से कहा- आजकल किसके साथ है तू?
विवाद-14 : कैटरीना के जन्मदिन पर दी गई दावत में शाहरुख खान से उलझ गए।
विवाद-15 : लेखिका शोभा डे की राय- इस स्टार की बातचीत में घमंड की बू आती है। जवाबी हमले में कहा गया- वो पोर्न राइटर हैं!
विवाद-16 : राजस्थान का राजकीय वृक्ष है खेजड़ी। ‘वीर’ की शूटिंग के दौरान बड़ी मात्रा में खेजड़ी के पेड़ काटे गए।
विवाद-17 : वीर की शूटिंग के समय जयपुर स्थित आमेर का किला में दीवार गिरी, कई लोग घायल हुए। अदालत ने शूटिंग पर रोक लगाई और फिर 20 लाख का जुर्माना भरने के बाद चार दिन शूटिंग की इजाजत मिली।
विवाद-18 : विकलांग महिला फूलबानो शेख ने आरोप लगाया कि वीर के प्रमोशन के लिए उनकी एक फोटो का इस्तेमाल किया गया।
विवाद-19 : एक टीवी शो में `कितने प्रतिशत भारतीय अपनी सुहागरात सोते-सोते ही बिताते हैं?’, `भारत में कितने प्रतिशत लोग अंडरवियर पहनते हैं?’ और `भारत में कितनी प्रतिशत लड़कियां लड़कों के साथ भागने की इच्छुक हैं?’ जैसे सवाल महिलाओं से पूछे।
विवाद-20 : गुड़गांव के एक राइटर पवन चौधरी ने कहा- फ़िल्म वीर उनकी किताब ’ट्राइलॉजी ऑफ विस्डन’ से प्रेरित है।
विवाद-21 : सीकर जिले के न्यू राजस्थान सीनियर सेकेंडरी स्कूल, फतहपुरवाटी के भवन और बारहवीं उत्तीर्ण कर चुकी छात्रा का चित्र और स्कूल के लैंडलाइन नंबर और मोबाइल नंबर फ़िल्म दबंग के पोस्टर पर छापे।
विवाद-22 : अनिल कपूर के जन्मदिन के जश्न में शामिल होने के बाद घर से निकलते ही एक प्रशंसक गले लग गया, तो उसे जमकर थप्पड़ मारे।
उफ़!!! ऐसे-ऐसे, कैसे-कैसे कारनामे? आखिरकार कौन हैं यह ज़नाब….? बॉलीवुड के टॉप विलेन? नहीं…फ़ैन तो उन्हें सुपरस्टार कहते हैं। 45 साल की उम्र में भी यह साहब जब `हुड़ दबंग-दबंग-दबंग…’ की धुन पर थिरकते हैं, तो नकल करते हुए बच्चे और जवान पैंट की बेल्ट बांधने वाली पट्टियां तक तोड़ डालते हैं। यह हैं सलमान खान। द बैड ब्वाय!
सलमान के नाम के संग नया विवाद फिर राजस्थान की धरती पर जुड़ा है। उन्हें जयपुर मैराथन के विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था। बिश्नोई समाज सलमान की परछाईं से भी चिढ़ता है। अखिल भारतीय जीवरक्षा बिश्नोई सभा के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम ज्ञापन देकर सलमान को मैराथन में शामिल ना करने की गुहार भी लगाई थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई, ऐसे में समाज के लोगों को भड़कना ही था। उन्होंने सल्लू मियां का जमकर विरोध किया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठियां भांजीं और 15 लोग हिरासत में भी ले लिए गए। सलमान के विरोध की वज़हें उनका काला इतिहास तो है ही, बिश्नोई समाज का कहना यह भी है कि चिंकारा शिकार मामले में सजायाफ्ता व्यक्ति को सरकारी मेहमान का दर्जा क्यों दिया गया है? 1998 में जोधपुर में चिंकारा का शिकार करने के मामले में बिश्नोई समाज ने ही सलमान के ख़िलाफ़ मामला दर्ज कराया था।
सलमान और विवाद, एक-दूसरे का पर्याय बन चुके हैं। शर्ट उतारकर बेढंगा नाच नाचने, हंगामा मचाने, गाली-गलौज देने, मारपीट करने के लिए कु-चर्चित सलमान खान को लेकर प्रख्यात भविष्यवक्ता बेजान दारूवाला की भविष्यवाणी है कि सलमान खान की जवानी 99 साल, तीन महीने तक बरकरार रहेगी…तो क्या समझें कि अगले पचास बरस तक सल्लू मियां के नकचढ़े स्वभाव से दो-चार होना पड़ेगा? ख़ैर, बिश्नोई समाज की आपत्ति तो जायज है ही और सवाल मौजू भी है कि सज़ायाफ्ता और दोषसिद्ध व्यक्ति क्या किसी राज्य का मेहमान हो सकता है?
आपको याद दिला दें कि यही सलमान पहले भी एक प्रदेश में मेहमान के रूप में पहुंच चुके हैं और तब भी जमकर विवाद हुआ था। मामला है, छत्तीसगढ़ का। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और राज्यपाल शेखर दत्त ने छत्तीसगढ़ राज्य की दसवीं सालगिरह पर राज्योत्सव में सलमान को सम्मानित अतिथि के रूप में आमंत्रित किया था। उस समय विपक्ष ने मुख्यमंत्री और राज्यपाल की जमकर भर्त्सना की थी। विरोध की वज़ह भी पुख्ता थी। दरअसल, सलमान ने दस मिनट की मौजूदगी के लिए दो करोड़ रुपए लिए थे, वहीं पता यह भी चला था कि माना विमानतल में सलमान के सुरक्षा गार्डों ने विमानतल के एक कर्मचारी के साथ सलमान के प्रशंसकों की पिटाई की।
सवाल उठता है कि राज्यों की सरकारें विवादों में घिरे फ़िल्मी कलाकारों के आगे सिर झुकाने को क्यों मज़बूर हैं? प्रश्न यह भी है कि हमारे नेताओं को सार्वजनिक समारोहों में साहित्य, संगीत, कला, खेल और रंगमंच के क्षेत्र में सक्रिय हस्तियों को बुलाना और सम्मानित करना चाहिए, या फिर दूसरों की लिखी स्क्रिप्ट के बनावटी संवाद रटकर बोल देने वाले अभिनेताओं के आगे गिड़गिड़ाने वाली मुद्रा में झुक जाना चाहिए।
क्या वज़ह बस इतनी है कि सलमान जैसे सितारे लोकप्रिय कलाकार हैं और जनता उनकी दीवानी हो चुकी है? साफ़तौर पर इससे अलग कारण बस इतना है कि सियासतदां राज्य के मतदाताओं के सितारा प्रेम को कैश करना चाहते हैं। इसके लिए वह जहां विवादित फ़िल्म कलाकारों को भी पूरा मान-सम्मान देने में जुट जाते हैं, वहीं किसी समाज की भावनाओं को लग रही ठेस की परवाह भी नहीं करते। दिलीप कुमार, आमिर खान और अशोक कुमार जैसे प्रख्यात अभिनेताओं को पता है कि राजनेताओं की मंशा क्या है, ऐसे में वह राजनीतिक चालों में नहीं फंसते, लेकिन सलमान को इस बात से फ़र्क नहीं पड़ता। उन्हें तो बस अपना पेमेंट चाहिए, फिर नेता चाहे कांग्रेस के हों या फिर भाजपा के। जनता को भी चाहिए कि फ़िल्म स्टार्स को लेकर उबलते प्रेम को थोड़ा कम करे, नहीं तो सियासतदान और अभिनेताओं की जोड़ियां आम आदमी के पैसे पर ऐसे तमाशे करती ही रहेंगी।
लेखक चण्डीदत्त शुक्ल स्वाभिमान टाइम्स हिंदी दैनिक में समाचार संपादक के पद पर कार्यरत हैं.