मायावती इस वक्त अपने सबसे मुश्किल समय में हैं. उनका चुनावों के लिए टिकट बेचना अब बड़ा मुद्दा बन गया है. पहले भी टिकट बेचने के आरोप लगाकर लोग बसपा से इस्तीफा देते रहे हैं लेकिन अब स्वामी प्रसाद मौर्य और राजेंद्र चौधरी के इसी आरोप के साथ इस्तीफे ने मायावती को कठघरे में खड़ा कर दिया है. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी में विकेटों के गिरने का सिलसिला शुरू हो गया है. बीते एक हफ्ते में बीएसपी चीफ मायावती को दूसरा बड़ा झटका मिला है. पार्टी महासचिव और बीएसपी की सरकार में परिवहन मंत्री रहे आरके चौधरी ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है.
इस्तीफा देने के साथ आरके चौधरी ने बीएसपी सुप्रीमो मायावती पर अनेक गंभीर आरोप लगाए हैं. मायावती पर टिकट बेचने का आरोप लगाते हुए आरके चौधरी ने ये भी कहा कि बीएसपी रियल इस्टेट कंपनी बनकर रह गई है और अब यहां पर सिर्फ चाटुकारों की चलती है. चौधरी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक थे. इससे पहले भी वो पार्टी छोड़कर चले गये थे लेकिन 2012 से पार्टी में थे. चौधरी का शुमार पार्टी के बड़े नेताओं में होता है. चौधरी का कहना था कि पार्टी में सब कुछ बदल गया है और ये पार्टी वो पार्टी नहीं रही गई काशी राम के ज़माने में हुआ करती थी. स्वामी प्रसाद मौर्या ने भी मायावती पर टिकट बेचने जैसे गंभीर आरोप लगाए थे. इससे पहले 22 जून को बीएसपी विधान मंडल दल के नेता स्वामी प्रसाद मौर्या ने मायावती को बड़ा झटका देते हुए पार्टी छोड़ने का एलान कर दिया.