Connect with us

Hi, what are you looking for?

देश-प्रदेश

भाजपा-सपा की यारी! : शिवपाल ने आईएएस दामाद के लिये मोदी को लेटर लिखा तो तुरंत बदल गया कैडर

धुर विरोधी पार्टियां भाजपा और सपा में भीतरखाने यारी का ताजा उदाहरण सामने आया है. यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने प्रधानमंत्री को अपने दामाद के डेपुटेशन के लिये पत्र लिखा. पत्र पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने तुरंत संज्ञान लिया और शिवपाल के दामाद अजय यादव के डेपुटेशन को तीन साल के लिये यूपी में मंजूर कर दिया. अजय यादव बाराबांकी जिले में जिलाधिकारी हैं और 2010 बैच के आईएएस हैं. वे शिवपाल यादव के दामाद हैं.

<p>धुर विरोधी पार्टियां भाजपा और सपा में भीतरखाने यारी का ताजा उदाहरण सामने आया है. यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने प्रधानमंत्री को अपने दामाद के डेपुटेशन के लिये पत्र लिखा. पत्र पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने तुरंत संज्ञान लिया और शिवपाल के दामाद अजय यादव के डेपुटेशन को तीन साल के लिये यूपी में मंजूर कर दिया. अजय यादव बाराबांकी जिले में जिलाधिकारी हैं और 2010 बैच के आईएएस हैं. वे शिवपाल यादव के दामाद हैं.</p> <p>

धुर विरोधी पार्टियां भाजपा और सपा में भीतरखाने यारी का ताजा उदाहरण सामने आया है. यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने प्रधानमंत्री को अपने दामाद के डेपुटेशन के लिये पत्र लिखा. पत्र पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने तुरंत संज्ञान लिया और शिवपाल के दामाद अजय यादव के डेपुटेशन को तीन साल के लिये यूपी में मंजूर कर दिया. अजय यादव बाराबांकी जिले में जिलाधिकारी हैं और 2010 बैच के आईएएस हैं. वे शिवपाल यादव के दामाद हैं.

अजय यादव का मूल कैडर तमिलनाडु है लेकिन पीएमओ ने अजय यादव को तीन साल के लिये यूपी में ही डेपुटेशन दे दिया. शिवपाल सिंह के दामाद की अर्जी तीन बार कार्मिक मंत्रालय ने खारिज की थी. लेकिन अजय यादव को उस कमेटी से डेपुटेशन की परमिशन मिली जिसके अध्यक्ष स्वयं प्रधानमंत्री हैं. उस कमेटी को अपॉइंटमेंट कमेटी और कैबिनेट कहा जाता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कार्मिक मंत्रालय ने पहले 2015 में इस प्रस्ताव को ठुकराया और कहा कि डेपुटेशन के लिये कम से कम 9 साल के मूल कैडर में सेवा जरूरी होती है. मंत्रालय ने यह कहकर अर्जी खारिज कर दी.

अजय यादव ने कार्मिक मंत्रालय को बताया था कि उनकी पारिवारिक मजबूरी है और पत्नी लखनऊ में रहती हैं. हाल में एक बच्ची हुई है जिसकी देख रेख जरूरी है. उसे पालन पोषण में काफी दिक्कतें आ रही हैं. उन्होंने गुहार लगायी थी कि उनका तबादला तमिलनाडु से यूपी में कर दिया जाये. कमेटी ने इसे नाकाफी मानते हुए रिजेक्ट कर दिया था. सपा नेता शिवपाल यादव ने उसके बाद अपने संवैधानिक पद वाले लेटर हेड पर प्रधानमंत्री को पत्र लिखा और पत्र का प्रभाव यह हुआ कि तुरंत अजय यादव को बाराबंकी में जिलाधिकारी के पद पर तबादला कर दिया गया. प्रधानमंत्री को पत्र लिखे जाने के बाद कार्मिक मंत्रालय के सारे मापदंड खत्म हो गये और अजय यादव को उत्तर प्रदेश की  राजधानी लखनऊ से सटे एक जिले का जिलाधिकारी बना दिया गया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नियमों को ताक पर रखकर अजय यादव के डेपुटेशन को मंजूरी दी गयी क्योंकि वह अजय यादव एक बड़े नेता के दामाद हैं.

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You May Also Like

मेरी भी सुनो

अपनी बातें दूसरों तक पहुंचाने के लिए पहले रेडियो, अखबार और टीवी एक बड़ा माध्यम था। फिर इंटरनेट आया और धीरे-धीरे उसने जबर्दस्त लोकप्रियता...

साहित्य जगत

पूरी सभा स्‍तब्‍ध। मामला ही ऐसा था। शास्‍त्रार्थ के इतिहास में कभी भी ऐसा नहीं हुआ कि किसी प्रश्‍नकर्ता के साथ ऐसा अपमानजनक व्‍यवहार...

मेरी भी सुनो

सीमा पर तैनात बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव ने घटिया खाने और असुविधाओं का मुद्दा तो उठाया ही, मीडिया की अकर्मण्यता पर भी निशाना...

समाज-सरोकार

रूपेश कुमार सिंहस्वतंत्र पत्रकार झारखंड के बोकारो जिला स्थित बोकारो इस्पात संयंत्र भारत के सार्वजनिक क्षेत्र का इस्पात संयंत्र है। यह संयंत्र भारत के...

Advertisement